ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]

शनिवार, 15 दिसंबर 2012

व्यापार जगत दिसंबर =2012{शेयर्स }

---मास की शुरू कन्या राशि के कारण बाजार {मार्केट }का रुख तेज रहेगा ।-हीरो होंडा ,बजाज ,सुजुकी ,एल .एम .एल .कावासाकी .महिन्द्रा एन्ड महिंद्रा ,हुंडई आदि के शेयर्सों में अच्छी तेजी का योग बनेगा ।अधिकतर सेंसेक्स के सूचकांक को प्रभावित करने वाले शेयर्स सभी गिरे हुए भाव में आगे के लिए खरीद सकते हैं तथा लाभ की स्थिति में निकाल दें ।माह की -15 तारीख को सूर्य देव की धनु राशि की संक्रांति शनिवार को पड़ रही है --अतः मार्केट में सभी शेयर्स जैसे -रिलायंस ,आई .सी .आई .सी .आई ,विप्रो ,कोल्ड्रिंक बनाने वाले कम्पनियों के शेयर्स ,धारा ,नेरोलैक ,काफी ,चाय व् काफी बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स मशीनरी कम्प्यूटर्स आदि बनाने वाली कम्पनियों के शेयर्स ,इलेक्ट्रानिक कम्पनियों के शेयर्स ,नोकिया ,एल .जी .सैमसंग आदि के शेयर्स में काफी अच्छी मंदी देखने को मिलेगी ---निवेशक इस स्थिति का फायदा अवश्य उठायें --यह एक लाभकारी निवेश सिद्ध होगा ।---27/12/2012-को बुध के धनु राशि में प्रवेश होने से तेजी आएगी किन्तु बिकवाली का इतना दबाव पड़ेगा कि यह तेजी बाज़ार में अपनी स्थिति मजबूत नहीं बना पायेगी ।महीने के अंत में शेयर माकेट तेज होगा ।बैंकिंग ,इलेट्रोनिक ,एजुकेशन ,कंसत्रक्शन से जुडी कम्पनियों में निवेश करने से लाभ होगा ।।
  ---नोट ----दिसम्बर में निवेश के लिए उपयोगी मुख्य शेयर्स---नेस ,कॉफी ,टाटा टी ,इन्फोसिस ,नोकिया ,वीडियोकोन ,एम .टी .एन .एल ,विजिया बैंक ,एच पी ,लीनिवो ---।।
         प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }  

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

"सूचना पट "

      "सूचना पट "
-------ज्योतिष सेवा सदन ---के प्रणेता पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री ' की पुत्री का विवाह दिनांक -28/11/2012-को -मेरठ -से दूर होने के कारण "झा शास्त्री " अपने सभी मित्रों को ज्योतिष सेवा नहीं दे पायेंगें ।यह ज्योतिष सेवा 16/11/2012से 15/12/2012 तक अनुपलब्ध रहेगी ।
    ------इस पावन सुअवसर पर आपके करकमलों से आशीर्वाद की आशा है ।
           स्थान -कन्हौली वेस्ट वाड -6---पोस्ट झंझारपुर बाजार जिला -मधुबनी {बिहार }
                           संपर्क सूत्र -09897701636----09358885616---!! 
 

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

"पति -पतनी में सामंजस्ता अर्थात "गण मिलान"?

       "पति -पतनी में सामंजस्ता अर्थात "गण मिलान"?
--------वैवाहिक जीवन में लोग सूझ -बूझ की परम आवश्यकता होती है --किसी की पतनी अच्छी होती है तो किसी के पति अच्छे होते हैं -किन्तु दोनें अच्छे हों तो सामंजस्ता निरंतर बनी रहती है ।कुछ लोग वैवाहिक जीवन अपने लिए नहीं औरों के लिए जीते हैं --ये स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए गण का विचार करते हैं कुंडली मिलान में -----।
    ---------रक्षो गणः पुमान स्याचेत्कान्या भवन्ति मानवी ।
                 केपिछान्ति तदोद्वाहम व्यस्तम कोपोह नेछति ।।
--अर्थात -मुहूर्त कल्पद्रुम ग्रन्थ में कहा है -कि कृतिका ,रोहिणी ,स्वाति ,मघा ,उत्तराफाल्गुनी ,पूर्वाषाढ़ा ,उत्तरा षाढा ,इन नक्षत्रों में जन्म होने पर गण दोष मान्य नहीं होता है ।
                 -------कृतिका रोहिणी स्वामी मघा चोत्त्राफल्गुनी ।
                            पूर्वा षाढेत्तराषाढे न क्वचिद गुण दोषः ।।
भाव -----वर- कन्या के राशि स्वामियों में मैत्री हो अथवा नवांश के स्वामियों में मैत्री हो तो गण आदि दुष्ट रहने पर भी विवाह पुत्र -पौत्र को बढ़ाने वाला सुखद प्रिय होता है ।
     ------नोट -अश्विनी आदि सभी नक्षत्रों के गुण ,कर्म ,स्वभाव ,परिक्षण परित्वेना --1-देवगण -2-नर गण -3-राक्षस गण -तीन विभागों में बांटा गया है ।
    {1}-वर -कन्या दोनों एक गण के हों तो उत्तम सामंजस्ता  रहती है ।
    {2}-देव -नर हों तो मध्यम सामंजस्ता रहती है ।
    {3}-देव -राक्षस हो तो -लडाई -झगडे के कारण सामंजस्ता नहीं रहती है ।
-नोट -शारंगीय में कहा गया है -कि वर -राक्षस गण का और कन्या मनुष्य गण की हो तो विवाह उचित और सामंजस्ता रहती है ।इसके विपरीत वर मनुष्य गण का एवं कन्या राक्षस गण की हो तो विवाह उचित नहीं रहता अर्थात सामंजस्ता नहीं रहती है ।।
------निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
     ज्योतिष परामर्श हेतु-09897701636-09358885616------!

गुरुवार, 8 नवंबर 2012

"ग्रहमैत्री"अर्थात वैवाहिक अनुभूति "?

    "ग्रहमैत्री"अर्थात वैवाहिक अनुभूति "?
-----कुंडली मिलान का वास्तविक विचार वैवाहिक जीवन सुखद हो ,सरस और प्रेम से ओत प्रोत हो ----किन्तु ये सही मैत्री मिलान से ही संभव होता है ।मिलन सभी जीवों के होते हैं परन्तु जीने का ढंग सबके अलग -अलग होता है ।मानव जीवन सर्वोत्तम मानते हैं सभी इसलिए देवता भी लालायित रहते हैं ।हम कैसे जियें ये न सोचकर हमसे लोग ,समाज ,परिवार ,संताने क्या सीखें ये सोच रखने वाले कुंडली का मिलान कराते हैं ---।
      ----------मैत्री कूट सात प्रकार के होते हैं ।-----और इनके गुण 5 मानते हैं ।
                      {1}-वर -कन्या की राशियों में स्वामी ग्रह एक होने पर तथा परस्पर मैत्री सम्बन्ध होने पर -5 गुण होते हैं ।
            {2}-सम मित्रता होने पर -4 गुण मानते हैं ।
            {3}-दोनों में समता होने पर -3गुण मानते हैं ।
                {4}-मित्र से शत्रुता होने पर -1 गुण होता है ।
             {5}-अगर सम शत्रुता हो तो आधा गुण एवं राशियों में परस्पर शत्रुता होने पर गुण नहीं होता है ।
----भाव --मित्रादि होने पर भी यदि नीच या निर्बल हो तो एक गुण कम ही मानते हैं --किन्तु ये सभी जगह मान्य नहीं है ।
   नोट -----कभी -कभी लोग कुंडली मिलान को उपहास समझकर मिलान नहीं कराते हैं किन्तु जब जीवन दुखी हो जाता है तो पुनः ज्योतिष की शरण में आते हैं ------संसार में ज्योतिष भेद -भाव रहित अनमोल गुरुजनों की देन हैं --जो केवल भाव ,श्रद्धा से ही समझ में आ सकती है --अतः  वैवाहिक जीवन सुखी हो-ज्योतिष की भी सुनें ?
-----निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "-{मेरठ -भारत }

बुधवार, 7 नवंबर 2012

"योनि विचार -अर्थात पति -पतनी के प्राकृतिक स्वभाव ?"

      "योनि विचार -अर्थात पति -पतनी के प्राकृतिक स्वभाव ?"
--कुंडली के मिलान में -योनि -का विचार अवश्य करते हैं --अगर रंग ,रूप अर्थात सभी ठीक हो किन्तु परस्पर स्वभाव सही नहीं हो तो मन खिन्न रहता है ।प्रेम तो होता है किन्तु -एक दूसरे के प्रति हिंसक प्रवृत्ति शव्दों की बनी रहती है -जो सुखों को कम कर देती है ।
       ------ज्योतिष में नक्षत्रों को -अश्व ,गज ,मेष ,सर्प ,श्वान ,मार्जार ,मूषक ,गौ ,महिष ,व्याघ्र ,मृग ,वानर ,नकुल सिंह इन 14-जानवरों की योनियों में गिना गया है ।-{1}-अश्विनी -शतभिषा नक्षत्र की योनि अश्व मानी गई है ।-{2}-भरणी -रेवती की गज है ।-{3}-कृतिका -पुष्य की मेष है ।-{4}-रोहिणी -मृगशिरा की सर्प है ।-{5}-आर्द्रा -मूल की श्वान है ।-{6}-पुनर्वसु -आश्लेषा की मार्जार है ।-{7}-मघा -पूर्वाफाल्गुनी की मूषक है।-{8}-उत्तराफाल्गुनी -उत्तराभाद्रपद की गौ है ।-{9}-हस्त -स्वाति की महिष है ।-{10}-चित्रा -विशाखा की व्याघ्र है ।-{11}अनुराधा -ज्येष्ठा की मृग है ।-{12}-पूर्वाषाढा-श्रवण की वानर है ।तथा -{13}-उत्तराषाढा-अभिजित की नकूल है ।-{14}-धनिष्ठा -पूर्वाभाद्रपद की योनि सिंह कही गई है ।।
      {1}-ये तीन प्रकार के स्वभाव वाले होते हैं ---{1}-महावैर -सहजवैर ।-{2}-समभाव ।-{3}-मैत्री भाव -अति मैत्री ।---योनियों में जो प्राकृतिक देन होती है ,उसी के अनुसार गुण ग्रहण किये जाते हैं ।-जैसे -परस्पर महावैर हो तो --00 गुण मानते हैं ।अगर सहजवैर हो तो -01गुण मानते हैं । यदि -समभाव हो तो 02 गुण मानते हैं ।मैत्री में -03 गुण होते हैं ।अतिमैत्री में -04 गुण उत्तम मानते हैं ।।
       --------नोट आजकल इस योनि पर विचार कम करते हैं --जिस कारण प्रेम तो अत्यधिक होता है किन्तु शव्दों के प्रहार से वैवाहिक जीवन दुखी रहता है ।अतः विवाह तो अवश्य होना है --किन्तु विवाह संस्कार में उन नामों से विवाह किया जाय जो योनि के मिलान को भी सही बनाते हों या कर्मकांड के द्वारा दोष दूर करते हो --तो जीवन आनंदमय बीतेगा ।।
प्रेषकः --पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "-{मेरठ -भारत } 

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

"पति -पतनी की अडिगता -चतुर्थ "तारा विचार "?

   "पति -पतनी की अडिगता -चतुर्थ "तारा विचार "?
----पति -पतनी की सबसे बड़ी विशेषता अपने जीवन में एक दूसरे के प्रति समर्पित रहना होता है ,क्योंकि रूप का मोह समाप्त होते ही परिवार और समाज से जुड़ जाते हैं तब हमें एक आदर्श अभिभावक बनना पड़ता है और -ये तब संभव होता है ---जब हमारी कुंडली में तारा का सही मिलान हुआ हो । जिस प्रकार से अनंत तारा होते हुए भी रोशनी नहीं मिलती हो किन्तु ये अपनी -अपनी जगह स्थिर रहते हैं --जो सूर्य एवं चंद्रमा को स्थिरता प्रदान करते हैं ।
      -------कन्या के नक्षत्र से वर के नक्षत्र तक और वर के नक्षत्र से कन्या के नक्षत्र तक "अभिजित "को छोड़कर गणना करके अलग -अलग 9के भाग देने से जो संख्या शेष रहे वह तारा होती है ।-तारा संख्या -3/5/7/-अशुभ होती है -एवं -1/2/4/6/8/9/{0}शेष रहे तो शुभ होती है ।।
    ------निदान -{1}---3--शेष हो तो -विपत नाम की तारा कहलाती है ---इनकी शांति -गुड का दान करने से हो जाती है ।
{2}--5 शेष हो तो प्रत्यरी नाम की तारा होती है ----इनकी शांति नमक का दान करने से होती है ।
{3}--7-शेष हो तो वध नाम की तारा होती है --इनकी शांति -सफेद तिल ,तेल या तिलकूटी-मिठाई एवं स्वर्ण दान से अशुभता समाप्त हो जाती है ।
-------नोट --अगर प्रेम हो गया हो ,विवाह आपको वहीँ करना है जो पसंद है तो चिंता न करें --निदान के लिए कर्मकांड है ज्योतिष का पूरक -----किन्तु समाज और परिवार के प्रति अपना योगदान को न भूलें  इस हेतु कुंडली मिलान जरुर करें ।
निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }

शनिवार, 3 नवंबर 2012

कुंडली मिलान का प्रथम "वर्ण "विचार ?

  कुंडली मिलान का प्रथम "वर्ण "विचार ?
----जातकों की कुंडली मिलान में सर्व प्रथम "वर्ण का मिलान देखा जाता है --अर्थात जातीय कर्म ,गुण धर्म ,स्वभाव एवं उत्तम प्रीति रहती है ---सही वर्णों के मिलान होने पर ----अन्यथा मध्यम स्नेह और प्रेम का जीवन में आभाव सा रहता है ।
-------कर्कमीनालयोविप्राः सिंहो मेषो धनुर्न्रेपाः ।
           कन्या वृष मृगा वैश्यः शूद्रा युग्म तुला घटाः ।।
  ------भाव =कर्क ,मीन,वृश्चिक ये तीन राशियाँ -ब्राह्मण वर्ण की हैं ।--मेष ,सिंह ,धनु क्षत्रिय वर्ण की ,कन्या ,वृष ,मकर वैश्य वर्ण की और मिथुन ,तुला ,कुम्भ ये तीनो राशियाँ शूद्र वर्ण की शात्रों में कही गई हैं ।
    ----अर्थात ----यदि वर -कन्या समान वर्ण वाली राशियों में जन्मे हों तो उत्तम रहते हैं ---या कन्या से वर का वर्ण उत्तम हो तो अति उत्तम मानते हैं --परन्तु कन्या से वर का हीन वर्ण हो तो --दाम्पत्य जीवन में नीरसता रहती है ।
                 "हीन वर्णों यदा राशि राशीशो वर्ण उत्तमः ।
                  तदा राशीश्वरो ग्राह्यस्तद राशि चैव चिन्तयेत ।।
अतः वर -कन्या में वर्ण दोष होते हुए भी मान्य नहीं है ,क्योंकि रशिशों के स्वामियों की प्रतिकूलता है तो ----।।    नोट --दाम्पत्य जीवन सुन्दर हो इसलिए कुंडली का सही मिलान बहुत ही जरुरी है ---जबकि जोड़ा तो विधाता ने पहले ही बना दिया ?
----प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

"शेयर बाजार -नवम्बर -2012-ज्योतिष विचार ?"

"शेयर बाजार -नवम्बर -2012-ज्योतिष विचार ?"
  ---मास की शुरुआर में मंदी का एक झोका आयेगा किन्तु वह विशेष समय नहीं रहेगा ।बुध वक्री होने से यह स्थिति बनेगी ।परन्तु शुक्र का प्रभाव बाजार में तेजी लायेगा -जैसे -रिलायंस ,टिस्को ,सिफी,नस्लें ,नेस ,कॉफी ,टाटा टी ,ब्रुक ब्रांड आदि शेयर्स विशेष तेज होंगें ।--दिनांक -12/11/को नेप्चून मार्गी होगा जिस कारण सभी शेयर्स के भाव कम होंगें -अतः मन स्थिर रखकर तेजी की प्रतीक्षा करनी चाहिए ।आप कम भाव के शेयर्स ये ले सकते हैं --डाबर ,प्रकाश ,इंडसट्रीज,किंगफिशर ,जेट एयरवेज ,रेलीगेयर ,देल ,नेस्ले ,टेलीकोम से जुडी कम्पनियों के शेयर्स ,रेमंड इस महीने में तेजी और मंदी के विशेष दौर से गुजरेंगें -अतः स्थिति के अनुसार लाभ मिल सकता है ।-16/11-को सूर्य की वृश्चिक संक्रांति होगी -इस कारण अधिकांश शेयर्स में घटा -बढ़ी होने के आसार हैं ।औद्योगिक कम्पनियों के शेयर्स में विशेष उछाल आएगा ।इस समय तेजी का लाभ लिया जा सकता है ।सेंसेक्स में बढ़त दिखेगी ।मास के अंत में -जे0के0सीमेंट ,बिल्डिग मैटेरियल बनाने वाली कम्पनियों के बैंकों के शेयर्स इत्यादि में तेजी और मजबूती देखने को मिलेगी ।---इस माह रिलायंस ग्रुप ,टाटा ग्रुप ,हिंडाल्को ,रैनबैक्सी ,मिडिया संचार कम्पनियों के बैंकों में यूनियन बैंक ,एस .बी .आई ,एच .डी .एफ .सी .आई .डी .बी .आई .आंध्रा बैंक ,इलाहबाद बैंक ,सिंडिकेट बैंक ,विजया बैंक ,देना बैंक ,आदि के शेयर्सों में लाभ के योग हैं।
-----विशेष -नवम्बर माह हेतु शेयर्स --शेयर्स डील ,सोनी ,एच .पी .,कैनन ,रेलिगेयर ,एक्सीस बैंक ,रिमांड ,एशियन पेन्ट्स ।
----------प्रेषकः -पंडित के .एल ."झा शास्त्री "

शनिवार, 13 अक्तूबर 2012

-"नई पहेली नई सोच ,मिलेगी सेवा ,रहें खामोश ?"

-----मित्रों की संख्या अत्यधिक होने के कारण हमने नई पहेली और नई सोच ,मिलेगी सेवा ,रहें खामोश "--नामक ज्योतिष सेवा -10/10/2012 से शुरू की है ---जो सभी मित्रों के लिए सुलभ और सरल होगी ।आपकी जेब पर विशेष भार भी नहीं पड़ेगा ,साथ ही सभी मित्रों को अपने -अपने अनुकूल ज्योतिष सेवा भी मिलेगी ।
----{1}-आजीवन सदस्यता शुल्क -500 {पांच सौ }जमा करने होंगे  ,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी ज्योतिष सेवा सदन के पास होगी ।।
------{2}-एक वर्ष में -5 बार ज्योतिष सेवा प्राप्त करने का शुल्क -200 दो सौ रूपये हैं ।।
    -----{3}---केवल एकबार सेवा प्राप्त करना चाहते हैं --केवल 100 सौ रूपये से प्राप्त कर सकते हैं ।
    -----{4}---अगर आप छात्र हैं ,नोकरी नहीं मिली है ,धन से विहीन हैं ,आपके पास खाता नहीं है बैंक में --तो -केवल -55 पचपन रूपये रिचार्ज -{9358885616--टाटा डोकोमो }से दो बार ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं {1}--100.200और -500 सौ रूपये -खाता संख्या -SB-20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ -के नाम जमा करें ?
          -----------ज्योतिष सेवा अपने -अपने राज्यों के दिनों के अनुसार नित्य प्राप्त करें ,यह सेवा आपको केवल फ़ोन {संपर्क सूत्र }से ही मिलेगी ।
     {1}--उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड+जम्मू काश्मीर - के लोग --शनिवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ।
      {2}-दिल्ली +हरियाणा +पंजाब -हिमाचल -के लोग -रविवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {3}-राजस्थान +मध्यप्रदेश के लोग -सोमवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {4}-बिहार +झारखण्ड +कलकत्ता तथा पूर्वी भारत -के लोग मंगलवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं
      {5}-महाराष्ट +ओड़िसा + के लोग -बुधवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
        {6}-कर्नाटका +दक्षिण भारत के लोग -गुरुवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {7}-नेपाल +सम्पूर्ण विदेशों के मित्र -शुक्रवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
-----नोट --समय -प्रातः -8 से 9---एवं रात्रि -7.30से 9.30तक रहेगा ।।
     ज्योतिष सेवा हेतु --सूत्र --09897701636----09358885616

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

"कुंभमहापर्व "प्रयागराज "संवत =2069-क्यों मनाएं ?"


--कुंभ महा पर्व किस वर्ष आरम्भ हुआ ,इसकी तिथि का निर्धारण न किया जा सकना ही भारतीय संस्कृति और धर्म का अनादित्व सूचित करता है ।यहाँ की प्रत्येक वस्तु अनादि काल से प्रवाह रूप में चली आ रही है ।जिन्होंने कुंभ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया है वे सर्व सम्मति से स्वीकार करते हैं कि इसका कहीं ओर छोर दिखाई नहीं देता {श्री विस्वनाथ पंचाग }
------------ समुद्र मंथन से अमृत कुंभ के निकलने पर असुर उसे छीनने के लिए देवताओं पर टूट पड़े ,किन्तु इंद्र का पुत्र जयंत उस अमृत के कुंभ को लेकर निकल गया ।-शुक्राचार्य के कहने से दैत्य उसके पीछे दौड़े ।उन्हें देखकर वह भी आगे -आगे भागने लगा ।यह भाग दौड़ 12-दिव्य दिन {मानुष 12 वर्ष }पर्यंत चलती रही ,इन दिव्य 12 दिनों में चार स्थानों पर चार बार दैत्यों ने जयंत को पकड़ा और उससे अमृत कुंभ छीनने का प्रयत्न किया ,किन्तु उसी समय -सूर्य ,चन्द्र और वृहस्पति ने उन चारों स्थानों पर जयंत का साथ देकर अमृत घट की रक्षा की ।इस छीना झपटी में अमृत की कुछ बूंदें उन चारों स्थानों पर गिरीं ---वे चारों स्थान --प्रयाग ,हरिद्वार ,गोदावरी और अवंतिका {उज्जैन }क्षेत्र है । रक्षा के समय -गुरु ,सूर्य ,चंद्रमा जिस स्थिति {राशियों }में थे उसी राशि पर इन तीनों के होने पर अब तक उक्त चारों पुण्य क्षेत्रों में कुंभ महापर्व का स्नान होता है ।।
----------जब सूर्य चंद्रमा मकर राशि में और गुरु वृष राशि में होता है ,तब त्रिवेणी के संगम प्रयागराज {इलाहाबाद } में कुंभ महापर्व का संयोग बनता है ।--संवत -2069-माघ की मौनी अमावस्या -10/02/2013 रविवार के दिन सूर्य चंद्रमा और गुरु -वृष राशि  में होने से यह सुयोग बनेगा ।
-----इस कुंभ महापर्व के अंतर्गत प्रमुख स्नान के अतिरिक्त भी ,कुछ महत्त्व के पुण्य प्रदायक पर्व स्नानों की तिथियों का संक्षिप्त विवरण =संवत -2069------
----{1}-पौष शुक्ल तृतीया सोमवार ,14/01/2013-मकर संक्रांति प्रथम शाही स्नान ।
----{2}-पौष शुक्ल  एकादशी --मंगलवार -22/01/2013---।
-----{3}-पौषी पूर्णिमा ,रविवार -27/01/2013-----।
-----{4}-माघ कृष्ण एकादशी बुधवार -6/02/2013---।
------{5}-माघ मौनी अमावस्या ,रविवार -10/02/2013-द्वितीय शाही प्रमुख स्नान---।
------{6}-माघ शुक्ल चतुर्थी {वसंत पंचमी },गुरुवार -14/02/2013-तृतीय शाही स्नान --।

------{7}-माघ शुक्ल सप्तमी ,रविवार -17/02/2013-- --रथ आरोग्य सप्तमी --।
------{8}-माघ शुक्ल एकादशी ,गुरुवार -21/02/2013--जया एकादशी ---।
-------{9}-माघी पूणिमा ,सोमवार -25/02/2013---।
--------प्रेषकः --पंडित "झा शास्त्री " मेरठ -उत्तर प्रदेश --भारत ---।।

मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

"सम्मुख "शुक्र "का विचार कब करें ?"


---जिस दिशा में 'शुक्र "सम्मुख एवं जिस दिशा में दक्षिण हो ,उन दिशाओं में बालक ,गर्भवती स्त्री तथा नूतन विवाहिता स्त्री को यात्रा नहीं करनी चाहिए ?
    -----यदि बालक यात्रा करे तो --विपत्ति पड़ती है ।नूतन विवाहिता स्त्री यात्रा करे तो --सन्तान को दिक्कत होती है ।गर्भवती स्त्री यात्रा करे तो --गर्भपात होने का भय होता है ।यदि पिता के घर कन्या आये तथा रजो दर्शन होने लगे तो --सम्मुख "शुक्र "का दोष नहीं लगता है ।----यथा --भृगु ,अंगीरा ,वत्स ,वशिष्ठ ,भारद्वाज -गोत्र वालों को सम्मुख "शुक्र "का दोष नहीं लगता है ।
    ---------सम्मुख "शुक्र "तीन प्रकार का होता है ------{1}-जिस दिशा में शुक्र का उदय हो ।---{2}--उत्तर दक्षिण गोल -भ्रमण वशात जिस दिशा शुक्र रहे ।---{3}--अथवा --कृतिका आदि नक्षत्रों के वश जिस दिशा में हो -उस दिशा में जाने वालों को शुक्र सम्मुख होगा ।---जिस उदय में हो -उस दिशा में यात्रा न करें ।-{1}-यदि पूर्व में शुक्र का उदय हो -तो पश्चिम और दक्षिण दिशाओं तथा नैरित्य तथा अग्निकोण विदिशाओं को जाना शुभ होगा ।{2}-यदि पश्चिम में उदय हो -तो पूर्व एवं उत्तर दिशाओं तथा ईशान ,वायव्य विदिशाओं में जाना शुभ रहेगा ।-{3}-जब गुरु अथवा शुक्र अस्त हो गये हों -अथवा सिंहस्त गुरु हो ,कन्या का रजो दर्शन पिता के घर में होने लगा हो ,अच्छा मुहूर्त न मिले तो --दीपावली के दिन कन्या पति के घर जा सकती है ।{4}--गुरु उपचय में हो ,शुक्र केंद्र में हो एवं लग्न शुभ हो तथा शुभ ग्रह से युक्त हो --तब स्त्री पति के घर की यात्रा कर सकती है ।{5}--जब चन्द्र रेवती से लेकर कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण के बीच में रहता है --तब तक शुक्र अन्धा हो जाता है --इसमें सम्मुख अथवा दक्षिण शुक्र का दोष नहीं लगता है ।{6}-एक ही ग्राम या एक ही नगर में ,राज्य परिवर्तन के समय -विवाह तथा तीर्थयात्रा के समय शुक्र का दोष नहीं लगता है ।
----नोट समय का वेशक आभाव हो -किन्तु सम्मुख शुक्र का अवश्य विचार करके शुभ यात्रा करें ?"
--प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }

बुधवार, 3 अक्तूबर 2012

"शेयर बाज़ार अक्टूबर ज्योतिष विचार =2012?

------मास के शुरू में "गुरु "वक्री हो जाने से मीडिया संचार क्षेत्र {एन .डी .टी .वी ,स्टार न्यूज ,जी आई .बी .एन }फ़िल्म प्रोडक्शन ,फ़िल्म प्रेसेंटेशन आदि करने वाली कम्पनीयों के शेयर्स -महिंद्र एण्ड महिन्द्रा ,टी .वी .एस .मोटर्स ,टोयोटा , हुंडई ,शेवरलें इन शेयरों में काफी उतार -चढाव के बाद अंत में तेजी आयेगी ।बैंकिंग कम्पनियों में विशेषकर यूनियन बैंक ,विजया बैंक ,एस .बी .आई के शेयरों में बिकवाली दबाव आने की उम्मीद है ये शेयर गिरेंगें किन्तु इन शेयरों को स्टाक करने से विशेष लाभ की आशा करनी चाहिए ।ये समय -2से 10तक रहेगा ।दिनांक -12 को अनुराधा नक्षत्र का मंगल बाज़ार में हलकी गिरावट करेगा ।नगद वाले शेयरों में स्पष्ट रूप से इस दिन शेयर ब्रोकर बिकवाली का दबाव बनायेंगें परन्तु हल्के धैर्य से निर्णय लेना चाहिए ।लिए हुए शेयरों को रोककर चलना चाहिए ।बैंक फार्मा ,चिप कम्पनिया ,मिड कैप ,आटो स्टील पॉवर ,मेडिसिन से जुडी कम्पनियों के बाज़ार में अच्छी तेजी का रुख दिख सकता है ।--दिनांक -16-की तुला संक्रांति म्युचअल फंड ,बैंक कम्पनियां ,इंजीयरिंग ,टेक्सटाइल ,सीमेंट ,खाद्यान्न सामग्री बनाने वाली कम्पनियों आदि में तेजी लाएगी ।मास के अंत में रिलायंस ,बीमा कम्पनियां ,इंटरनेट से जुडी कम्पनियां ,डाटा इन्फोसिस ,सिफी आदि में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी ।
-------नोट --अक्टूबर  में निवेश हेतु -प्रमुख शेयर्स ---एस .बी .आई ,भारती एयरटेल ,हिंडाल्को ,डा .लैब ,अरविन्द मिल्स ,कोलगेट ,रिलायंस ,आल ग्रुप शेयर्स ।।
------------दोस्तों शेयर मार्केट का लाभ आकस्मिक और भाग्य से जुड़ा होता है ---अतः सोच समझकर ,अपनी परिस्थिति के अनुकूल शेयर मार्केट की राह पर चलें ------हमारी अल्प बुद्धि है किन्तु ज्योतिष सत्य है --अतः बहुत ही धैर्य की आवश्यकता होती है शेयर मार्केट में --किन्तु भाग्य में है तो लाभ अवश्य मिलेगा --भाग्य में नहीं है तो आकर भी धन चला जायेगा ।
निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }

गुरुवार, 27 सितंबर 2012

"Astrology Services House - Once Again" Welcome "

"Astrology Services House - Once Again" Welcome "

All Friends  - JHA Shastri once again kneels.

       Astrology service was unavailable until 26-09-2012 to -12-09-2012 ---- this thing is extremely sorry. - Today -27-09-2012 date astrology services astrology service will be available to members of the House , but free astrology services will be unavailable at -2012 -------- ..

     ---- Astrology Services --- page or profile-specific information to the House?

             Applicant - Pt Kanhaiyalal JHA Shastri {Meerut - UP}

      Help line - 9897701636 to 9358885616 ------

रविवार, 9 सितंबर 2012

"Notice Board" Astrology Seva Sadan {Meerut - India}


------- Please note?

           
Astrology Services Pt. Kanhaiyalal first director of the House "jha shastri"--- apologies to my brothers house to all friends from ----- Date -10-09-2012 astrology service will be unavailable until 26-09-2012. You are all friends of affection, love and generosity always we'll be indebted -. the form of the affection of friends love the country, state and constantly connect with friends live abroad - as well as through the net away from friends and even some little sense to try to learn and keep learning, but - due to the daughter's wedding - is time - which had to be abandoned due to 4-07-2012 ---- Free astrology service then still remains time------ is?

   
Therefore, in 2012, tried to start again with a free astrology services ---- You Lord Sri Hari's friends and the love and affection of the willing.
---------- {You} priest's servant Kanhaiyalal ""jha shastri"

 
Office - Astrology Services Delhi Gate House Krishnpuri - Meerut - Uttar Pradesh - India.

"सूचना पट "ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }

-------कृपया ध्यान दें ?
           सर्वप्रथम ज्योतिष सेवा सदन के संचालक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री ---अपने सदन के सभी मित्र बन्धुओं से क्षमा याचना करना चाहते हैं -----दिनांक -10-09-2012 से 26-09-2012 तक ज्योतिष सेवा अनुपलब्ध रहेगी । आप सभी मित्रों का स्नेह ,प्रेम एवं उदारता के सदा हम ऋणी रहेंगें-।आप मित्रों के स्नेह रूपी प्रेम के कारण देश ,प्रदेश एवं विदेशों के मित्रों से निरंतर जुड़ते रहते हैं -साथ ही आप मित्रों से नेट के माध्यम से दूर होकर भी कुछ सीखते हैं तथा कुछ सिखाने की अल्प बुद्धि से कोशिश करते रहते हैं ,किन्तु -पुत्री के विवाह के कारण -समयाभाव हो गया है -जिस कारण निःशुल्क ज्योतिष सेवा तो 4-07-2012 से बंद करनी पड़ी ----अभी भी समयाभाव रहता है ------?
   अतः 2012 में पुनः निःशुल्क ज्योतिष सेवा शुरू करने की कोशिश करेंगें ----आप मित्रों का स्नेह और प्रेम तथा भगवन श्री हरी की कृपा रही तो । 
----------भवदीय आत्मबंधु {आप सभी का सेवक }पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
 कार्यालय -ज्योतिष सेवा सदन देहली गेट कृष्णपुरी -मेरठ -उत्तर प्रदेश --भारत ।

गुरुवार, 30 अगस्त 2012

"वासुकी "नामक -कालसर्पयोग -के स्वभाव और प्रभाव ?"

------"वासुकी "नामक कालसर्पयोग तब बनता है --जब जन्म कुंडली के तृतीय भाव में "राहु "और नवम भाव में "केतु "हो एवं उन दोनों के बीच सूर्यादि सातों ग्रह स्थित हों ।--"वासुकी "नामक कालसर्पयोग में जन्म लेने वाले जातक कठोर परिश्रमी ,अनुशासन प्रेमी ,दूसरों की दुखद स्थिति में कदम से कदम मिलाकर चलने वाले ,अपने मन का दुःख किसी से न कहने वाले ,सत्य प्रिय व्यक्ति होते हैं ।इनका पारिवारिक जीवन अभिशापित {शापित }या सुषुप्त {शान्त } सा बना रहता है ।घर वालों का सहयोग नहीं मिलता है ।बाहरी लोगों के सहयोग से बड़े कार्य कर डालते हैं ।ऐसे जातक को सम्मान और धन दोनों की प्राप्ति होती है ,किन्तु भाग्य अक्सर विपरीत होता है ।।
--------------नोट ----जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति यदि बहुत उत्तम नहीं भी हो ----किन्तु --हजारों योगों में से एक भी यदि सुन्दर योग हो --तो जातक उस योग के प्रभाव से --राजा भी बन जाता है ----जैसे -पूर्व मुख्यमंत्री -सुश्री मायाबतीजी की कुंडली में ----यह योग ही है जो उन्हें --पांच बार शासनाधीश बनायेगा ?"
------------------प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
    ज्योतिष सेवा सदन -मेरठ -उत्तर प्रदेश }
            संपर्क सूत्र -09897701636------!!

बुधवार, 29 अगस्त 2012

"कुलिक नामक "कालसर्पयोग "के स्वभाव एवं प्रभाव ?"

-----जन्म कुंडली के द्वितीय भाव में "राहु एवं अष्टम भाव में केतु हो "---उन दोनों के बीच सूर्यादि सातों ग्रह स्थित हों ।"कुलिक -नामक "कालसर्पयोग "में जन्म लेने वाले जातक -धन -कुटुम्ब -वाणी एवं स्वास्थ की समस्याओं से परेशान रहते हैं ।इनके स्वरुप एवं विकास के साधनों पर दुष्टजनों की बारम्बार बुरी नजर लगती है ।वहीं कुदृष्टि विकास मार्ग को अवरुद्ध कर देती है ।ऐसे लोग कठिनाइयों में भी हँसते हैं ,हँसाते हैं ,समस्याओं में भी जीते हैं ,जिलाते हैं । इनके लिए यह समझ पाना मुश्किल होता है कि कौन इनका मित्र है एवं कौन शत्रु ।--अपने पराक्रम एवं बुद्धिमानी से वे अच्छी तरक्की कर लेते हैं ।।
--------------यूँ तो ---कालसर्पयोग कई प्रकार के होते हैं -------इसका निदान भी "कर्मकांड "में अन्नत प्रकार से करते हैं ।-----जरुरी नहीं कि --सभी "कालसर्पयोग "अहितकारी होते हैं --जरुरी आकलन का भी होता है ।-----आईये हमलोग अपनी -अपनी कुंडली का स्वयं आकलन करें ----तभी सभीका  एक मत होगा ?"
-----------प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
ज्योतिष सेवा सदन देहली गेट {मेरठ -उत्तर प्रदेश }

मंगलवार, 28 अगस्त 2012

"अनन्त नामक -कालसर्पयोग"के स्वाभाव एवं प्रभाव ?"

-----जब लग्न में राहु तथा सप्तम भाव में केतु हो एवं उन दोनों के बीच सूर्यादि सातों ग्रह स्थित हों ---तो "अनन्त नामक "कालसर्पयोग बनता है ।इस अनन्त नामक "कालसर्पयोग "में जन्म लेने वाले जातक स्वजनों से बारम्बार धोखा खाते हैं ।दिमाग से कम दिल से ज्यादा काम लेते हैं ।जन्म के साथ ही कई तरह के संघर्ष का दौर शुरू हो जाता है ,मध्य जीवन काल तक परेशानियाँ चलती रहती हैं ।जीवन की आजादी सिमित रहती है ।मुख एवं मस्तिष्क में बीमारी पैदा होने का भय होता है ।इस योग वाले जातक किसी महिला -पुरुष के एवं पुरुष महिला के सहयोग से ऊपर उठते हैं और किसी अन्य महिला या पुरुष की संगती से नीचे भी गिरते हैं ।।
नोट ---ज्योतिष हमें भविष्य की घटनाओं को दर्शाती है ----कर्म का प्रतिफल ही ज्योतिष दर्शाती है ---तो क्यों न हम --आने वाली घटनाओं से प्रेरणा लें -----अपने भविष्य को कर्म के द्वारा सुखमय स्वयं बनाएं ।।
--------------------प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }

शनिवार, 25 अगस्त 2012

"आपका "योग "हमारा "सहयोग " फिर देखें "संयोग "?"

---ज्योतिष शास्त्र में योगों का बहुत महत्त्व बताया गया है।---एक कहावत है कि "मंदिर में भोग "अस्पताल में रोग "--और ज्योतिष में "योग "का अपना एक अलग महत्त्व है ।
-------जिस प्रकार से विभिन्न चीजों को आपस में एक विशेष अनुपात में मिलाने से सुस्वाद व्यंजन -आदि  {भोजनादि } तैयार होते हैं ,ठीक उसी प्रकार दो या अधिक ग्रहों के संयोग से विशेष योग भी बनता है ,जिसका विशेष महत्त्व जातक के जीवन में पड़ता है ।
---------हम निरंतर उन योगों को लिखने का प्रयास करते रहते हैं ।कभी सात ग्रहों की ही गणना होती थी ।फिर नवग्रहों की गणना होने लगी ।आजकल -द्वादश {12} ग्रहों की गणना की जाती है ---आप सभी जानते हैं ,किन्तु ---ग्रहों की स्थिति भले ही निर्बल हो ,परन्तु सबल योग के कारण हमारे जीवन में कभी -कभी -विशेष संयोग बन जाता है -----ये योग के कारण ही होता है ।।
------आशा है -जो "कालसर्पयोग "को नहीं मानते हैं ------? उपरोक्त ज्योतिष ग्रंथों में हजारों प्रकार के योगों की परिचर्चा की गई है ----जो मंदिर में होते हैं -वो भले ही "भोग "का महत्त्व न दें किन्तु परोसी देते हैं या भक्त "भोग "पाने के लिए लालायित रहते हैं ।{2}-जो अस्पताल का निरंतर चक्कर लगाते रहते हैं -दुःख केवल वही समझ सकते हैं --चिकित्सक भले ही न समझें ।-{3}-जिनको ज्योतिष एवं ज्योतिषियों के प्रति आस्था होती है ----भविष्य में होने वाला "संयोग "को केवल वही मान सकते हैं ।।
------भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "---कार्यालय -कृष्णपुरी धर्मशाला {मेरठ -उत्तर प्रदेश}
ज्योतिष सदस्यों हेतु संपर्क सूत्र -9897701636--9358885616---!!  

शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

"धनु एवं मीन लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग "हो तो ?"

----धनु एवं मीन लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग "हो तो वैसे जातक पराधीन कार्य या नौकरी वगैरह में सफल नहीं होते हैं ।बाहरी स्त्रियों के संयोग से या पुरुषों के संयोग से स्वतंत्र कार्य क्षेत्र में अपनी जड़ मजबूत कर सकते हैं ,परन्तु घर की स्त्री या पुरुष के षड्यंत्र से उनकी सारी उन्नति अवरुद्ध भी हो जाती है ।समाज में बहुचर्चित बनते हैं ,परन्तु संकोची स्वाभाव के कारण धन का अभाव बना रहता है ,कमाया धन भी खो बैठते हैं ।इनका पारिवारिक जीवन बहुत संघर्षमय होता है ।इनके सीने में तमाम दर्द छुपे रहते हैं ,पर चेहरा मुस्कुराता रहता है ।।
-------नोट ---कालसर्पयोग ---वाली कुंडली में एक कारक ग्रह उच्च का हो एवं दूसरा आकारक ग्रह भी उच्च का हो तो ----वैसे जातक हर जगह अपनी धाक जमा लेते हैं ,तथा असंभव कार्य भी आसानी से कर लेते हैं ।धनु राशि  के जातक ठान लेने पक्के और रसीले मिजाज के होते हैं ।सूर्य के साथ शनि और चन्द्र के साथ बुध की युति होने पर "कालसर्पयोग "धनवान सुविख्यात और भी बना देता है ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ -उत्तर प्रदेश }
   ज्योतिष सेवा सदन के सदस्यों हेतु -सहायता सूत्र -9897701636---9358885616    

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

"कर्क लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग"हो तो ?"

---किसी  भी  जातक की कुंडली में "कर्क "लग्न हो साथ ही "कालसर्प योग "भी कर्क लग्न में हो तो -वैसे जातक  न अच्छी तरह कमा पाते हैं और न कामयाबी के साथ कोई व्यापार कर सकते हैं ।एक साथ कई काम करने की हिम्मत रखते हैं ,पर सब जगह अधूरे साबित होते हैं ।यदि वे डाक्टर ,वकील ,ज्योतिषी ,ट्यूटर ,कलाकार आदि स्वतंत्र कार्य क्षेत्र के विशेषग्य बन जायेंगें तो खूब धन कमाते हैं ।चारो तरफ शोहरत होती है फिर भी शारीर से स्वस्थ और परिवार से प्रसन्न नहीं रहते हैं ।।
-------{नोट -अगर आप "कर्क लग्न "के जातक हैं ,आपकी कुंडली में लग्न में यह -"कालसर्पयोग "हो तो फलित यथावत ही आपके जीवन में घटेगा }
-----प्रेषक ----पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "-=कार्यालय -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -उत्तर प्रदेश }
   ज्योतिष सदस्यों के हेतु उपलब्ध =हेल्प लाइन=09897701636=9358885616  

सोमवार, 20 अगस्त 2012

"मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष हो तो ?"

"मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष हो तो ?"
-----मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में जब कालसर्प दोष बनता है तो जातक --नौकरी जीवी होने पर ऊँचा ओहदा पाने का ख्वाब जरुर देखते हैं ,पर सफल नहीं हो पाते ।स्टील -फर्नीचर -लकड़ी आदि का व्यापार करें या कोई अन्य फैक्टरी लगाये तो उसमें जिल्लतों {दिक्कतों }का सामना करना पड़ता है ,केवल गुजारे भर की आमदनी ही मुश्किलों के साथ कर पाते हैं ।खरीद -बिक्री ,कमीशन ,एजेंसी ,दलाली आदि का कार्य करें तो दस बार का मुनाफा एक ही बार के घाटे में चुकता करना पड़ जाता है । 
{नोट -यदि आपकी कुंडली नहीं है ,और इसी प्रकार से जी रहे हैं तो भी आप समझें की आपकी कुंडली में ऐसा ही दोष होगा }
------------निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "ज्योतिष सेवा सदन कार्यालय {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा के लिए सदस्य बनना होगा ,जिसका आजीवन सदस्यता शुल्क 500 हैं ।
--खाता संख्या - 20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री ,मेरठ के नाम जमा करना होगा ।
जानकारी हेतु उपलब्ध सूत्र ---9897701636---9358885616---!!

शनिवार, 18 अगस्त 2012

"देश -विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार विचार -18-08-से31-08-2012तक ?

--अधिकमास भाद्रपद 18/08 से 16/19/2012तक मान्य रहेगा ।मलमास देव -पितर पूजा ,मंगल कार्यों  लिए अनुपयोगी कहा जाने लगा --तब दुखित होकर  श्री विष्णु लोक में गया ।वहां अमूल्य     सिंहासन पर विराजमान श्री विष्णुजी को दंडवत प्रणाम कर अपना दुःख  करने लगा ।मलमास को दुखी देखकर भगवान द्रवित हो गये ।मेरे इस लोक में तो कोई दुखी नहीं है ,परन्तु तुम परेशान क्यों हो ?हे प्रभो !न तो मेरा कोई नाम है,न कोई स्वामी ,न कोई आश्रय ।इसलिए  मेरा तिरस्कार करते हैं ।दीनबंधु भगवान   बोले ---"वत्सागच्छ मया सार्धं गोलोकम योगी दुर्लभं ।        
                                             यत्रास्ते भगवन कृष्णः पुरुषोतम ईस्वर ।।
मलमास -तुम मेरे   साथ साथ गोलोक में  चलो जहाँ भगवान श्री कृष्ण  हैं ।उस दिव्य लोक में बुढ़ापा ,मृत्य ,शोक ,भय ,आदि-व्याधि किंचित किसी को नहीं है ।भगवान विष्णु ने मलमास को गोलोक में ले जाकर जाकर श्री कृष्ण  के चरणों में नतमस्तक कराया ,भगवान श्री कृष्ण विष्णुजी से पूछने लगे कि प्रभू यह कौन है ?क्यों परेशां है ?विष्णुजी ने मलमास के दुखों का वृतांत कह सुनाया ।भगवान -श्री कृष्ण बोले हे विष्णुजी !  आप  इसे इसे साथ लेकर आये हैं ।अब में इसे अपने तुल्य करता हूँ ।"अहमेते  यथा लोके प्रथितः  पुरुशोतमः ।  तथायमपि लोकेषु प्रथितः पुरुषोत्तमः ।"---भाव -जितने गुण  मुझमें हैं जिनसे में विश्व में पुरुषोत्तम नाम से  प्रसिद्द हूँ ।उसी प्रकार मलमास भी पुरुषोत्तम नाम से प्रसिद्द होगा । अर्थात -स्वयं इस मास का स्वामी हो गया हूँ ।व्रत -उपवास ,पूजा,यग्य ,दानपुन्य ,स्नान ,ध्यान,नित्य नैमित्तिक कर्म सब इसमें अनंत फल देने वाले होंगें ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ -उत्तर प्रदेश }
   ज्योतिष सेवा सदन के सदस्यों हेतु -सहायता सूत्र -9897701636---9358885616    

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

"गृह-द्वार और देव मंदिर के पास मकान सोचकर बनायें ?"

"गृह-द्वार और  देव  मंदिर के पास मकान सोचकर  बनायें ?"
---भवन के  भाग में द्वार करना हो ,उस भाग के 9 भाग करके पांच भाग दक्षिण और तीन भाग उत्तर में छोड़कर शेष भाग में द्वार बनाना चाहिए ।वाम ,दक्षिण का अर्थ मकान से निकलते समय कर  चाहिए ।।
   ---{1}-ब्रह्मा के मंदिर के बगल में तथा विष्णु ,सूर्य ,शिव -मंदिर के सामने -भवन नहीं बनाना चाहिए ?
{2}-जैन मंदिर के पीछे भवन नहीं होना चाहिए ?
{3}-देवी -मंदिर के किसी भी भाग में  भवन शुभ नहीं होता है ?
--------भवन का निर्माण  करते समय इन बातों ध्यान रखने से ,भविष्य सुखमय हो  सकता है ।
---निवेदक ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
      सदस्यों की सहायता हेतु सम्पर्क सूत्र -09897701636,09358885616
--सदस्यता शुल्क आजीवन {500}पाँच सौ रूपये केवल ।
-खाता संख्या -20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।

गुरुवार, 9 अगस्त 2012

"When Shree Krishnjnmashtmi Celebrate?"

"When Shree Krishnjnmashtmi Celebrate?"

9/08/2012- On Thursday, Shri.Krishna Janmashtami Krishnashtmi valid reasons will be at midnight.

- According to Vaishnava -10/08/2012 Friday will be considered. The era in 2069, both days "Rohini" lack of the constellation and Wednesday is not related to the birth of Krishna. One day sitting of the situation to get all Dvijacharyon should decide .. {Nirarjn - time for prayers night -11.24 = 08/09/2012 will be prayers and -10/08/2012 on the night -12.04}

------- Applicant priest Kanhaiyalal "Jha Shastri" {Meerut - UP}

     Astrology House Office of Service - Contact -09897701636-09358885616

बुधवार, 8 अगस्त 2012

" प्रतिदिन यमघंट काल का समय?"

" प्रतिदिन यमघंट काल का समय?"
--रविवार -सायं  12.00 से 1.30बजे तक ।
--सोमवार -प्रातः काल -10.30 से 12.00बजे तक ।
--  मंगलवार -प्रातः9.00 से 10.30 बजे तक ।
--बुधवार -प्रातः 7.30 से 9.00बजे तक ।   
--गुरूवार -प्रातः 6.00 से 7.30 बजे तक ।
--शुक्रवार -अपराहन-3.00 से 4.30 बजे तक ।
--शनिवार -दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक ।
-------शुभ कार्य करते समय "यम घंट का विचार अवश्य करें ?
--निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तरप्रदेश}
ज्योतिष सेवा सदन  के सदस्यों की सहायता हेतु --संपर्कसूत्र -09897701636-09358885616

मंगलवार, 7 अगस्त 2012

"Daily - Rahu period of time"

"Daily - Rahu period of time" --- Sunday - PM = 4.30 to 6.00 pm. - Monday - 7.30 to 9.00 pm. - Tuesday - Aprahn from -3.00 to 4.30 pm. - Wednesday - from 12.00 pm to 1.30 pm. - Thursday - 3.00 pm -1.30 pm. - Friday - from 10.30 am to 12.00 pm. - Saturday - from 9.00 am to 10.30 pm .. --- Applicant - Kanhaiyalal "Jha Shastri" {Meerut - UP} Astrology Service helpline for members of the House = {Contact} --- 09,897,701,636 to 09,358,885,616...

"प्रतिदिन-राहु काल का समय"

"प्रतिदिन-राहु काल का समय"
---रविवार-सायं=4.30से 6.00 बजे तक ।
--सोमवार-प्रातः7.30 से 9.00 बजे तक ।
-मंगलवार - अपराहन-3.00 से 4.30 बजे तक ।
-बुधवार-दोपहर 12.00 seसे 1.30 बजे तक ।
--गुरूवार -दोपहर-1.30 से 3.00 बजे तक ।
--शुक्रवार-प्रातः10.30से 12.00 बजे तक ।
--शनिवार-प्रातः9.00 seसे 10.30बजे तक ।।
---निवेदक-कन्हैयालाल "झा शास्त्री" {मेरठ -उत्तरप्रदेश}
ज्योतिष सेवा सदन= के सदस्यों की हेल्पलाइन {संपर्क सूत्र }
---09897701636-09358885616         

सोमवार, 6 अगस्त 2012

Adobe Forums: Installing adobe flash player

--निवेदक "झा शास्त्री {मेरठ }
---ज्योतिष सदस्यों के हेल्प लाइन {संपर्क सूत्र }-09897701636--09358885616Adobe Forums: Installing adobe flash player

रविवार, 5 अगस्त 2012

गुरुवार, 2 अगस्त 2012

"Have a nice day"

"Have a nice day"
-...."I may not have tha sense how to people happy...
Bt
My mind is such that there is no intension ever.
   Gd Mng! By-"jha shastri"
Help line-09897701636,09358885616{Astro}

सोमवार, 16 जुलाई 2012

"देश -विदेश पाक्षिक व्यापार विचार 20/07 से 2/08/2012 तक ?"

  "देश -विदेश पाक्षिक व्यापार विचार 20/07 से 2/08/2012 तक ?"
-----कपास सूत मंदा होगा ,युद्ध सामग्री ,क्षुधा रोग में वृद्धि होगी ।रोहिणी पर मंगल होने से कपास वस्त्र और सूत की मंहगाई हो ।धान्य की महर्घता हो रस {मधूर आदि }को हानी होगी ।महावृष्टि से श्रावण में बुध के उदय से कहीं भी प्रातिक आपदा होगी ।धनिष्ठा नक्षत्र में गुरु के उदय होने से सब धान्य सम्यक रूपेण उत्पन्न होंगें ।क्षुद्र पाखंडी गण {वेदनिन्दक }और उनके भक्त लोग पीड़ित होंगें ।कोशल और कलिंग देश में अकाल और अतिवृष्टि होगी ।वास्तविक स्थितियों को न समझकर वहां के नेता पुराने सिद्धांतों पर चलते रहे तो साम्यवादी व्यवस्था के अनुसार ही उनका देर -सवेर अन्त सुनिश्चित है ।अस्पताल सार्वजानिक संस्थानों में भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा ।
--------संक्रांति विचार -पक्ष के शुरू में सामान्य एवं उत्तरार्ध में ही बाजार भाव तेज रहेगा । गेहूं ,चना मूंग ,मसूर ,अरहर उड़द सभी अन्नादि पदार्थों का भाव तेज होगा । गुड ,चीनी,तिल ,सरसों में मामूली घटा -बढ़ी होकर बाद में तेजी आयेगी ।मिर्च ,जीरा,हल्दी ,धनिया के भावों में तेजी होगी ।सोना -चांदी में विशेष उछाल आयेगा ।
--------निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ }
 ज्योतिष सेवा -सदस्यों के लिए प्रातः 8 से रात्रि 9.30 तक उपलब्ध रहती है ।
----हेल्प लाइन -09897701636-09358885616    {सदस्यता शुल्क आजीवन 500-रूपये हैं }

बुधवार, 11 जुलाई 2012

----भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ उत्तर प्रदेश } Slideshow | TripAdvisor™

----भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ उत्तर प्रदेश } Slideshow | TripAdvisor™: TripAdvisor™ TripWow ★ ----भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ उत्तर प्रदेश } Slideshow Slideshow ★ to Delhi. Stunning free travel slideshows on TripAdvisor
" सूचना पट -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ }
-{1}-ज्योतिष सेवा अहर्निशं सदस्यों को मिलेगी !
-{2}-निःशुल्क ज्योतिष सेवा 2013 तक अनुपलब्ध रहेगी !
-{3}-ज्योतिष की जानकारी अपने परिवार सहित आजीवन सदस्य बनकर ही प्राप्त कर सकते हैं !
-{4}-सदस्यता शुल्क 500 एकबार ही देना पड़ता है ,किन्तु ज्योतिष जानकारी आजीवन मिलती रहेगी ।
{5}-ज्योतिष सेवा सदन के कोई भी सदस्य बन सकते हैं ,किन्तु  जबाब {निदान } सनातन धर्म के अनुसार ही मिलेगा ।
----{6}देश -विदेशों  में रहकर भी ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं !
{ ज्योतिष  जानकारी केवल सम्पर्क सूत्र द्वारा ही प्राप्त कर सकते हैं --प्रातः -8 बजे से रात्रि -10 बजे तक }
----------भवदीय ज्योतिष सेवा सदन --
       निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
हेल्पलाइन--संपर्क सूत्र -09897701636--09358885616

" सूचना पट -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ }

" सूचना पट -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ }
-{1}-ज्योतिष सेवा अहर्निशं सदस्यों को मिलेगी !
-{2}-निःशुल्क ज्योतिष सेवा 2013 तक अनुपलब्ध रहेगी !
-{3}-ज्योतिष की जानकारी अपने परिवार सहित आजीवन सदस्य बनकर ही प्राप्त कर सकते हैं !
-{4}-सदस्यता शुल्क 500 एकबार ही देना पड़ता है ,किन्तु ज्योतिष जानकारी आजीवन मिलती रहेगी ।
{5}-ज्योतिष सेवा सदन के कोई भी सदस्य बन सकते हैं ,किन्तु  जबाब {निदान } सनातन धर्म के अनुसार ही मिलेगा ।
----{6}देश -विदेशों  में रहकर भी ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं !
{ ज्योतिष  जानकारी केवल सम्पर्क सूत्र द्वारा ही प्राप्त कर सकते हैं --प्रातः -8 बजे से रात्रि -10 बजे तक }
----------भवदीय ज्योतिष सेवा सदन --
       निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
हेल्पलाइन--संपर्क सूत्र -09897701636--09358885616

बुधवार, 4 जुलाई 2012

"निःशुल्क ज्योतिष सेवा तत्काल अनुपलब्ध रहेगी ?"

  "निःशुल्क ज्योतिष सेवा तत्काल अनुपलब्ध रहेगी ?"
----सभी मित्रप्रवरों को "झा शास्त्री " का प्रणाम ।
--निःशुल्क ज्योतिष सेवा -3/07/2010 से प्रारंभ हुई थी । संयोग वश 03/07/2012 तक हमने कोशिश की कि देश -विदेश में जहाँ भी हमारे ज्योतिष के अनुयायी मित्र रहते हों ,उनसे हम जुड़ें कुछ अपनी ,कुछ उनकी सुनें । आप मित्रों के स्नेह और प्रेम नें हमें इस पथ पर चलने की प्रेरणा दी --जिस प्रेरणा के कारण हजारों मित्रों से हम जुड़े । पुत्री के विवाह और धनाभाव के कारण हम निःशुल्क ज्योतिष सेवा देने में असमर्थ रहेंगें ।
---------ज्योतिष या धर्म की कोई किम्मत नहीं होती ,अतः हमारी आत्मा सेवा से ही संतुष्ट रहती है ,परन्तु --सेवा से हम आज के युग में सारे कार्ज़ नहीं कर सकते हैं ---अतः यह निःशुल्क ज्योतिष सेवा पुनः 2013 में शुरू करेंगें  परमात्मा एवं आप मित्रों का सहयोग रहेगा तो ?
--------अब केवल ज्योतिष सेवा का लाभ वही मित्र ले पायेंगें जो ज्योतिष सेवा सदन के आजीवन सदस्य होंगें । -----आजीवन सदस्यता शुल्क -500 आप -पंजाब  नेशनल बैंक -बागपत रोड मेरठ
         -कविता झा खाता  नंबर----2533001500011102 में जमा करना होगा ।
-----या -09358885616-टाटा डोकोमो -में ईजी रिचार्ज कर भी सदस्य बन सकते हैं ।
----------निवेदक ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ }
पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
---सम्पर्क सूत्र -09897701636--09358885616

मंगलवार, 3 जुलाई 2012

"कालसर्पयोग की परिभाषा एवं सर्पशाप से युक्त कुण्डलियाँ ?"

"कालसर्पयोग की परिभाषा एवं सर्पशाप से युक्त कुण्डलियाँ ?"
----सभी ग्रह यदि राहु -केतु के मध्य में आ जाए तो "कालसर्पयोग "की सृष्टि होती है ।मोटे तौर पर -कालसर्पयोग -दो प्रकार के होते हैं ।एक उदित गोलार्ध और दूसरा अनुदित गोलार्ध ।उदित गोलार्ध को ग्रस्त योग कहते हैं ,तथा अनुदित को मुक्त योग कहते हैं ।लग्न में राहु तथा सप्तम में केतु हो ,सारे ग्रह 4/8/9/10/11/12 वें स्थानों में हो तो यह उदित "कालसर्पयोग "कहलाता है ।राहु -केतु का भ्रमण सदा उलटा चलता है ।इस योग में सभी ग्रह क्रमशः राहु के मुख में आते चले जाते हैं ।
---------सर्पशाप से ग्रसित कुण्डलियाँ --को भी जानते की कोशिश करते हैं ------?
---प्रसंगवश "कालसर्पयोग "की भांति ही सर्पशाप से ग्रसित कुण्डलियों का विवेचन करना आवश्यक समझता हूँ ।वैसे तो -14 प्रकार से श्रापित कुण्डलियों की शान्ति "कालसर्पयोग "विधि से ही हो जाती है ।केवल संकल्प के समय उच्चारण में पाठान्तर होता है ,परन्तु सर्पशाप से ग्रसित जन्मपत्रिकाओं की निवृति भी "कालसर्पयोग "विधि से ही होती है ।।
-----भवदीय -पंडित के0 एल0 झा शास्त्री {मेरठ }
  ----ज्योतिष सेवा आजीवन सदस्यता शुल्क 500 रूपये अदा करने पर ही मिलेगी ?
       ज्योतिष सेवा सदन --संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616

शनिवार, 30 जून 2012

--"शापित जन्मकुंडलियाँ को जानने की कोशिश करते हैं ?"

  --"शापित जन्मकुंडलियाँ को जानने की कोशिश करते हैं ?"
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शुक्रवार, 29 जून 2012

"कालसर्पयोग की प्राचीनता जानते हैं ?"

"कालसर्पयोग की प्राचीनता जानते हैं ?"
---महर्षि पराशर ने "कालसर्पयोग "की चर्चा करते हुए कहा है कि सूर्य ,शनि व मंगल ये तीनो केंद्र स्थानों में हों और शुभग्रह केन्द्रस्थान से भिन्न स्थानों में हों तो "कालसर्पयोग "की सृष्टि होती है ।
--जैसे -केंद्र त्रैगतेह सौम्ये पार्पैवा दल सन्ग्य्कौ ।
  क्रमान्या भुजन्गख्यौ शुभाशुभ फलप्रदौ ।।
-----भाव -ब्रेहत्परासर के अनुसार "कालसर्पयोग "में जन्मे जातक -कुटिल ,क्रूर ,निर्धन ,दुखी ,दीन व पराये अन्न पर निर्भर रहने वाला होता है ।।
---महर्षि बादरायण ,भगवान गर्ग ,मनित्थ के अनुसार ----
              ब्रेहद्जातक नाभसंयोग अध्याय -  बारह - पृष्ट एक सौ अरतालीस पर इस योग को वराहमिहिर द्वारा भी अपने ग्रंथों में उदघृत किया है । ईसा की आठवीं शताब्दि में स्वप्नामधन्य आचार्य कल्याण वर्मा ने "कालसर्पयोग "की परिभाषा में संशोधन किया ।उन्हौने सारावली के अध्याय- एकादश -पृष्ट एक सौ चौवन में स्पष्ट किया है कि सर्प की स्थिति पूर्ण वृत्त न होकर वक्र ही रहती है ।
-----अतः तीन केन्द्रों तक में सीमित "कालसर्पयोग "की व्याख्या उचित प्रतीत होती है ।चारों केन्द्र ,किंवा केन्द्र व त्रिकोणों से वेष्टित पापग्रह की उपस्थिति भी "सर्पयोग" की सृष्टि करती है ।
-------जातक तत्वम ,जातकदीपक,ज्योतिषरत्नाकर,जैन ज्योतिष के अनेक प्राचीन ग्रंथों में "कालसर्पयोग "के अनेक दृष्टान्त मिलते हैं ।
----प्रेषक -भवदीय पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
      किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट {मेरठ -उत्तर प्रदेश }




गुरुवार, 28 जून 2012

{1}-ज्योतिष सेवा सदन के मित्र बनकर" फेसबुक "पर निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोई भी प्राप्त कर सकते हैं

{1}-ज्योतिष सेवा सदन के मित्र बनकर" फेसबुक "पर निःशुल्क ज्योतिष सेवा  कोई भी प्राप्त कर सकते हैं {प्रतिरात्रि }एकबार ---हेल्पलाइन {सम्पर्क सूत्र }के द्वारा --09897701636--09358885616--!
{2}-आजीवन सदस्यता शुल्क -500 देने पर ,आजीवन अपने परिवार की भी जानकारी निरंतर प्राप्त कर सकते हैं !
--नोट दुबारा ज्योतिष जानकारी केवल सदस्यों को ही मिलेगी ! ज्योतिष जानकारी का समय -8 -से 9.30 प्रति रात्रि !
------भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
   किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -{उत्तर प्रदेश }

शनिवार, 23 जून 2012

"राहु -केतु का "कालसर्पयोग "से आखिर सम्बन्ध क्या है ?"

"राहु -केतु का "कालसर्पयोग "से आखिर सम्बन्ध क्या है ?"
---पौराणिक मतानुसार "राहु "नामक राक्षस का मस्तक कट जाने पर भी वह जीवित है और केतु उसी राक्षस का धड है ।राहु -केतु एक ही शरीर के दो अंग हैं ।चुगली के कारण सूर्य -चन्द्र को ग्रसित्कर सृष्टि में भय फैलाते हैं । ब्रेहत्संहिता के राहु -चाराध्याय में लिखा है -"मुख पुच्छ विभक्ताग भुजंग कार पुम दिशंत्यांये "अर्थात -मुख और से विभक्त अंग जिसका सर्प का आकार है ,वही राहु का आकार है ।
---कामरत्न अध्याय 64 शलोक -47 में सर्प को ही काल कहा गया है ।
---16वीं शताब्दी के विद्वान मानसागर ने "मानसागरी "नामक ग्रन्थ की रचना की ।उन्होंने अरिष्ट योगों पर चर्चा करते हुए अध्याय -4-के शलोक 10-में लिखा है ----
           "लग्नाश्च सप्तमस्थाने शनि -राहु सन्युतौ ।
             सर्पेना बाधा तस्यौक्ता शय्यायाम स्वपितोपी च ।।
--भाव -सातवें भावगत शनि -सूर्य व राहु की युति हो तो शय्या पर सोते हुए व्यक्ति को भी सांप काट लेता है ।फलित ज्योतिष पर निरंतर अध्ययन -अनुसन्धान करने वाले आचार्यों ने देखा कि राहु -केतु के मध्य सभी ग्रह अव्यवस्थित होने पर -जातक का जीवन ज्यादा कष्टमय रहता है ।तो इसे "कालसर्पयोग "की संज्ञा दे दी होगी ।वस्तुतः -कालसर्पयोग का ही परिष्कृत स्वरुप है ।।
-----भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार सभी मित्रों को -रात्रि -8 -से 9.30 पर मिलेगी ।
    हेल्प लाइन {संपर्क -सूत्र }द्वारा प्राप्त करें -09897701636--09358885616

शुक्रवार, 22 जून 2012

"The country - from 3 to 062,012 foreign fortnightly astrology -20-06 idea - long?"

"The country - from 3 to 062,012 foreign fortnightly astrology -20-06 idea - long?" - Five Tuesday in the month of fruit is not perfect ----
          
" "यत्र मासे महि सुनोर्जयानते पंच्वासराह ।
            रक्तेनपूरिता पृथ्वी छ्त्रभंगास्तदा भवेत् ।।

--- Quote - politicians Kichtan is due to the unexpected surprises. Regional government not Sanukul time. Knyagt Mon, Tue sum of two months will be stricken. Religious frenzy Bdengen the violence. Will put the fear of terror. Ruling coalition If resonant scattering in the tone of wonder .. ------"शनैश्चर धरापुत्रा वेकस्थो वृष्टिकारको ।
           तदा च तावती वृष्टिर्यावती गृह पतिनी ।।

------- Mon, Tue to the sum of the rain, but will not be less natural Mahotpat. Consider the -45% decline in prices ----- fast is a sign of recession. Materials shortages will increase in the current prices. 25 - June - Fri and 27 in the way - will cause major changes in June Fri. So - Markit's position will remain uncertain. --- Sky Signs -21 - June = ardra the Sun in Capricorn in the ascendant is at -22-18. Megesh - Trgrhi yoga master is nervous. - Timely rains this year will all be replaced with good yields. The side storm - storms, heavy thunder, Badlchal would be, but the lack of rain will continue. Rotten will heat. Can spread deadly Vimarian .. ----- Applicant - Pt Kanhaiyalal "Jha Shastri} {Meerut -India}
  
Contact Helpline {source} -09897701636-09358885616

मंगलवार, 19 जून 2012

"सर्प का -"कालसर्पयोग"से सम्बन्ध एक नजर ?"

"सर्प का -"कालसर्पयोग"से सम्बन्ध एक नजर ?"
---सर्प का भारतीय संस्कृति से गहरा सम्बन्ध है ।एक बार महर्षि "सुश्रुत "ने वैद्य धन्वन्तरी से पूछा कि हे भगवन !सर्पों की संख्या और उनके भेद बतायें ?वैद्य धन्वन्तरी ने कहा कि वासुकि जिनमे श्रेष्ठ हैं ,ऐसे  तक्षक आदि सर्प असंख्य हैं ।ये सर्प अन्तरिक्ष एवं पाताललोक के वासी हैं ।पृथ्वी पर पाये जाने वाले नामधारी सर्पों के भेद अस्सी प्रकार के हैं ।
----भारतीय वांग्मय में विषधर सर्पों की पूजा होती है ।हिन्दू मान्यताओं में सर्प को मारना उचित नहीं समझा जाता -तथा जहाँ -तहाँ उनके मंदिर भी पाए जाते हैं ।नागपंचमी को सर्पों की विशेष पूजा का प्रावधान है ।पुराणों में शेषनाग का वर्णन है ।भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना नदी से कालिया नाग को नाथा था ।सर्पों के बारे में पुराणों में अनेक  कथाये प्रचलित हैं ।सर्पों को देवयोनि का प्राणी माना जाता है ।नए भवन के निर्माण समय नीव में सर्प की पूजाकर चांदी का सर्प रखा जाता है ।वेद के अनेक मंत्र सर्प से सम्बंधित हैं ।
--------नाग की हत्या जन्म जन्मान्तर तक पीछा नहीं छोड़ती है ।नागवध का शाप पुत्र -संतति में बाधक होता है ।कई स्थानों पर नागवध शाप दूर करने के लिए "पिष्टमय नाग "का विधिवत पूजन करके दहन किया जाता है ।फिर उस नाग की भस्मी के तुल्य सुवर्ण दान करने का विधान है ।
----शास्त्रों में सर्प को काल का पर्याय कहा गया है ।काल -आदि ,मध्य ,अन्त से रहित है ।मनुश्यादी प्राणियों का जीवन -मरण काल के आधीन है ।काल सर्वथा गतिशील है ।
-----कालसर्प योग सम्भवतः समय की गति से जुड़ा हुआ योग है !!
-------निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }

"Kalsarpa What is yoga?"

"Kalsarpa What is yoga?"
- Much Kalsrpyog originally came from where? Where astrology was in the beginning? Who was the founder Acharya? Kalsrpyog has the effect or not?
Yoga when the Jataka ------ chart review should consider whether a solution to these queries is absolutely necessary in today's scientific age.
When all the planets Rahu and Ketu in the horoscope ----- typically capture are in the middle - it is the sum Kalsarpa. Rahu and Ketu the snake the snake's face is asking for.
---- Period means - death. The other planet is not strong, then the sum is Kalsrpyog early-born baby's death. If is live - death - is like suffering. Of yoga in astrology recognition is often indicative of Ashubfl ..
------ Sincerely - applicant - Pt Kanhaiyalal "Jha Shastri" {Meerut - Uttar Pradesh}
Free Astrology Services - Night -8 - nightly from 9:30-to} {{Contact the help line once as a friend on Facebook can be obtained by the formula} - {09897701636-09358885616}
{2} ----- = 500 lifetime membership fee of astrological information, the information can get your family .....

"कालसर्प योग किसे कहते हैं ?"

"कालसर्प योग किसे कहते हैं ?"
--बहुचर्चित कालसर्पयोग मूलतः कहाँ से आया ?फलित ज्योतिष में इसकी शुरुआत कहाँ से हुई ?इसके प्रवर्तक आचार्य कौन थे ?कालसर्पयोग का प्रभाव होता भी है या नहीं ?
------जातक की कुण्डली का अवलोकन करते समय इस योग पर विचार करना चाहिये या नहीं ?इन प्रशनों का समाधान आज के वैज्ञानिक युग में नितांत आवश्यक है ।
-----समान्यतः जन्मकुंडली के समस्त ग्रह जब राहु और केतु के बीच में कैद हो जाते हैं -तो उसे कालसर्प योग कहते हैं ।राहु को सर्प का मुख और केतु को सर्प की पूछ कहते हैं ।
----काल का अर्थ है -मृत्यु ।यदि अन्य ग्रह योग बलवान न हो तो कालसर्पयोग में जन्मे शिशु की मृत्यु शीघ्र हो जाती है ।यदि जीवित रहता है तो -मृत्यु -तुल्य कष्ट भोगता है ।ज्योतिष शास्त्र में इस योग के प्रति मान्यता प्रायः अशुभफल की सूचक है ।।
------भवदीय -निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा -रात्रि -8-से 9.30-तक{प्रतिरात्रि }एकबार कोई भी फेसबुक पर मित्र बनकर हेल्प लाइन {सम्पर्क सूत्र }द्वारा प्राप्त कर सकते हैं --{09897701636--09358885616}
{2}-----आजीवन ज्योतिष जानकारी सदस्यता शुल्क =500 देने पर अपने परिवार की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।।

रविवार, 17 जून 2012

"21-12 -2012 -की भविष्यवाणी -सत्यता -असत्यता के लिए हमें विश्व कैलेंडरों पर नजरें डालनी होंगीं ?"

"21-12 -2012 -की भविष्यवाणी -सत्यता -असत्यता के लिए हमें विश्व कैलेंडरों पर नजरें डालनी होंगीं ?"
---माया सभ्यता के मुताबिक -२१-१२-२०१२ में  क़यामत का दिन अर्थात इस्लाम एवं ईसाई धर्मानुसार मनुष्य द्वारा किये गए पाप -पुन्य के निर्णय का अंतिम दिन ,प्रलय ,हंगामा की घडी होगी ?
-----ईसाई कैलेण्डर ---
  --के अनुसार पहले दस महीने का एक साल के हुआ करते थे |अलवन जंत्री ने ग्रेगरीय जंत्री का रूप ले लिया है | इस्वी पूर्व ७१३ वें वर्ष से जनवरी ,फरवरी दो मास जोड़कर इसे १२ मास का कहा जाने लगा है |इसमें सन १५८२ में १० दिन का फर्क पड़ गया था | तबसे प्रति चौथे वर्ष फरवरी लिपियर नाम देकर २९ दिन का होने लगा |प्राकृतिक सौर वर्ष से इसवी सन का वर्ष अभी भी लगभग ९ मिनट कम रह जाता है ||
------हिजरी मुस्लिम वर्ष ------
------३४५ दिन के लगभग है जो कि  कुदरती वर्षमान से ११ दिन प्रतिवर्ष छोटा रह जाता है |यह भी सत्यता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है |इसे हम इस प्रकार से कह सकते हैं कि इस्लाम के अनुयायी अपना कोई निश्चित नियम नहीं बना पाए हैं | सही गणना की जाये तो चौदहवीं सदी अभी शुरू नहीं हुई है ||
---यहूदी जन्त्री-------
-----यद्यपि कान्ति पतिक सौर वर्ष है फिर भी गणनार्थ  कोई निश्चित नियम नहीं है | कभी सितम्बर से तो कभी अक्तूबर में पड़ने वाली अमावस्या से इनका वर्ष शुरू होता है |
---पारसी सन -----
------के सभी मास ३० दिन करके कभी पीछे ५ दिन ,कभी ६ दिन जोड़कर उन्हें गाथा कहा जाता है |निश्चित नियम कोई नहीं है ||
-----माया सभ्यता ------
------के कैलेण्डर की गणना का भी कोई सार मालूम नहीं पड़ता है ,क्योंकि मैक्सिको का युलुम ध्वंसावशेष-सन ५६४ वर्ष का शिलालेश से सिद्ध होता है |वहां के अधिकांश निर्माण वर्ष -१२००व १४५० के बीच के हैं |इससे यह सिद्ध होता है कि इस सभ्यता का वजूद बहुत पुराना नहीं है |--माया सभ्यता वालों ने पृथ्वी की उम्र ५१२६ वर्ष आंकी है | इसे कैसे मन लिया जाये कि पृथ्वी की उम्र इतनी ही है |इतना समय  तो लगभग महाभारत को हुए बीत चूका है | हमारी पृथ्वी तो उससे पहले भी थी ||
----भारतीय गणना ------
-----सौर चान्द्र संवत्सरों का तालमेल सृष्टि के आरम्भकाल से आजतक अक्षुण चला आ रहा है |पंचांग प्रकृति से यथ्वत मेल खता है | पंचाग की गणना नुसार -सन २०१२ में प्रलय या महाप्रलय का समय नहीं आ रहा है ||
--अतः किसी को भयभीत होने की जरुरत नहीं है ||
--भवदीय पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
--ज्योतिष सेवा निःशुल्क रात्रि ८ से९.३०तक एकबार सभी मित्रों को मिलेगी संपर्क सूत्र द्वारा -09897701636 ,09358885616

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5...: "क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही है ? --प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणि...

"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही है ?

"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही है ?
--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा |
-----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त विश्व की उत्पत्ति तथा लय का कारण कहा है |
        ---"सूर्यात भवन्ति भूतानि सूर्येण पलितानी तू |
               सूर्ये लयं प्राप्नुवन्ति यः सूर्यः सोहम्मेव च ||
---भाव -सूर्य चन्द्र अन्यान्य ग्रह नक्षत्र काल के करता अकर्ता कहे गए हैं |सूर्य सिद्धांत -१/१० के अनुसार काल दो प्रकार का होता है ---एक अव्यय अनंत रूप रहने वाला महाकाल है ,दूसरा सावयव गणना करने योग्य है | मूर्तरूप काल घटी पल ,विपल ,तिथि ,मास ,संवत्सर ,कल्प कल्पान्तर के रूप में गिना जाता है |
---सृष्टि कर्ता ब्रह्माजी हैं | चार युग {कृत ,त्रेता ,द्वापर और कलयुग} का एक महायुग होता है | जिसकी सौर वर्ष संख्या -४३२०००० होती है | इकहत्तर महायुग का एक मन्वंतर होता है | प्रत्येक कल्प में १४मन्वन्तर और १४ इन्द्र बीत जाते हैं |एक कल्प की सौ वर्ष संख्या -4318272000 कही गयी है |
-------कल्पान्त में ब्रह्मा जी का दिन समाप्त होते ही प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है | वर्तमान में सृष्टि की रचना हुए -१९५५८८५१०९ वर्ष बीते हैं |इससे स्पष्ट है कि अभी महा प्रलय होने में -२३६२३८६८९१ इतने वर्ष और लगेंगें |
------ऐसा भी नहीं है कि इतनी लम्बी अवधि में प्राकृत में कोई उत्पात न होता हो |अन्तरिक्ष में जब -जब ग्रह अंशसाम्य होते हैं-अथवा ग्रहयुद्ध के संयोग बनते हैं |तब -तब वसुंधरा पर नाना प्रकार के महोत्पत हुआ करते हैं |प्रकृति साम्यावस्था है |जब -जब इसके संतुलन को प्राणी बिगाड़ते हैं ,तब -तब प्रकृति प्रकुपित होकर बड़ी मात्रा में संहार करती है अथवा किसी को माध्यम बनाकर उसके द्वारा विनाशलीला कराया करती है | धर्म की हनी होती है |क्षमाशीलता घटती जाती है |रजोगुण और तमोगुण अपनी चरम सीमा पर होते हैं | तब भयंकर  युद्ध  हुआ करते हैं अधर्मी  दुराचारियों का विनाश  होता है |     
-------यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
          अभ्युथान धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||
----नोट -कुदरत के खिलाफ जब -जब क्रूर कारनामे होते हैं ,तब -तब विश्व में उत्पात तो होते ही हैं |भविष्य  के गर्त में यथार्थ क्या है ,इसे तो केवल ईस्वर ही जनता है-परन्तु इतना अवश्य है कि विश्व विनाश की ओर नपे तुले क़दमों से बढ़ता चला जा रहा है |
--भवदीय पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री" {मेरठ उत्तर प्रदेश }
  निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार ही मिल पायेगी  सम्पर्कसूत्र {हेल्प लाइन } के द्वरा रात्रि - 8  से 9 .३० पर | {आजीवन जानकारी के लिए सदस्य बनना होगा ?} --09897701636 --09358885616  

शुक्रवार, 15 जून 2012

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री ": "शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के ...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री ": "शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के ...: "शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के प्रभाव ?" --जिस राशि में शनि भ्रमण करता है उससे बारहवी और दूसरी राशि को  भी त्रस्त {पीड़ित...

"शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के प्रभाव ?"

"शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के प्रभाव ?"
--जिस राशि में शनि भ्रमण करता है उससे बारहवी और दूसरी राशि को  भी त्रस्त {पीड़ित } करता है |तीन राशियों का भोगकाल साढ़ेसात वर्षों का होता है |शनि की साढ़ेसाती लगने से -१०० दिनों तक जातक के मुख पर प्रभाव रहता है --ये हानिकारक होता है |ऐसे ही ४०० दिनों तक दक्षिण भुजा  पर शनि का प्रभाव रहता है --जो जातक को विजय दिलाता है | ६०० दिनों तक जातक के चरणों में शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को यत्र -तत्र भ्रमण कराता रहता है | ४०० दिनों तक वामभुजा के ऊपर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को -दुःख प्रदान करता है | ५०० दिनों तक जातक के उदार पर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को लाभ देता है | ३०० दिनों तक जातक के मस्तक पर शनि का प्रभाव रहता है-जो जातक को राज्य का लाभ दिलाता है | २०० दिनों तक जातक के नेत्रों पर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को दुःख प्रदान करता है |२०० दिनों तक गुदा में प्रभाव रहता है शनि का -जो जातक को दुःख प्रदान करता है --इस प्रकार से २७०० दिनों तक शनि की साढ़ेसाती रहती है -जो समयानुसार -क्रम से जातक को लाभ या हानी देती है ||
----जातक के जन्म होते ही अभिभावक -अपने शिशु के पैर की कुंडली में प्रभाव देखते है --जब जातक जन्म लेता है -तो चंद्रमा की स्थिति से पैरों की जानकारी मिलती है -कुंडली के -१,६,११ भाव में चन्द्रमा हो तो -शिशु के स्वर्ण पैर होते हैं -प्रभाव -हानिकारक माना जाता है |२,५,९ भाव में चन्द्रमा होने से -रजत पैर माने जाते हैं -जो लाभदायक होते हैं |३,७,१० भाव में चन्द्रमा होने पर -ताम्बे के पैर होते हैं जो -उत्तम माने जाते हैं | ४,८,१२ भाव में चन्द्रमा होने पर -लोहे के पैर माने जाते हैं -जो हानिकारक होते हैं |
   ----"{लोहे धन विनाशः स्यान्सर्व सौखयम च }
---भवदीय -पंडित कन्हैयालाल " झा  शास्त्री "

गुरुवार, 14 जून 2012

"पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?"

    "पंचकों में क्या करें ? क्या नहीं करें?"
--रत्नमाला ग्रन्थ के अनुसार -धनिष्ठा ,शतभिषा ,पूर्वाभाद्रपद,उत्तरा भाद्रपद और रेवती इन पञ्च नक्षत्रों को पंचक कहते हैं |
   "वसवोतर दलादी पंचके याम्य्दिग्गम्नेह गोपनम|
    प्रेतदाह त्रीण काष्ठ संग्रह  श्य्यादिकवि तननम च वर्जयेत ||
----भाव --पंचकों में दक्षिण दिशा की यात्रा ,वायुयान की सवारी करना,मकान की छत या लेंटर डालना ,झोपडी तैय्यार करना,मृतक का अग्निसंस्कार करना,तिनके तोडना ,काष्ठ्संग्रह करना,चारपाई {ख़त }बनवाना {बुनवाना },पलग कुर्सी बनवाना ,स्तम्भारोपन,त्रीण ताम्बा  ,पीतल  का संचय करना वर्जित कहा गया  है   |
---पंचकों में हानि - लाभ  अन्य कार्य पांचगुना,त्रिपुष्कर योग में तीन गुणा तथा द्विपुष्कर योग में दो गुणा फल मिलने की सम्भावना रहती है |
-----विधिवत अशुभ संयोग बन पड़े तो नक्षत्र पूजा ,दान पुण्यार्जन ,द्विजभोजन सम्मान करने पर कार्य  क्षेत्र       में  हानी होने का अंदेशा नहीं रहता है  शुभकार्यों  में तो हमेशा शुभ ही मिलते  हैं ।
------ध्यान रहे --- मुहुर्तग्रंथों में विवाह ,यज्ञोपवीत, मुंडन संस्कार ,गृहारंभ ,गृहप्रवेश ,वधुप्रवेश ,आदि देवपूजन ,व्रत ,उद्यापन तथा होली ,दीपावली ,रक्षाबंधन ,भैय्यादूज ,करवाचौथ अदि पर्वोत्सवों में पंचक निशेध के विषय में कहीं कुछ नहीं लिखा ,अपितु धनिष्टादी  पांचों नक्षत्रों को मंगलोत्सव में शुभ लिखा है ।
    { देखें ---वृहद्दैवग्यरंजनग्रन्थ  में }
-----भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा  शास्त्री "

             {मेरठ -"उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार अवश्य मिलेगी -हेल्प लाइन {सम्पर्क सूत्र }के द्वारा रात्रि -8से 9.30 तक {प्रति रात्रि }---09897701636-09358885616----।।

मंगलवार, 12 जून 2012

"अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?"

 "अपनी -अपनी जन्म तिथियों के स्वाभाव और प्रभाव जानें ?"
--ज्योतिष के दो प्रारूप हैं -गणित और फलित |-गणित को गणना के माध्यम से  ही जाना जा सकता है ,किन्तु समय के आभाव के कारण कुछ जातक - आपकी कुंडली की जानकारी से वंचित रह जाते हैं | उन जातकों के हित के लिए और जिन जातकों को अपनी कुंडली की जानकारी उपलब्ध रहती है उन सभी के लिए भी--अपनी -अपनी जन्म तिथियों की जानकारी के द्वारा -अपने -अपने  कष्टको दूर कर सकते हैं |
----वैदिक प्रक्रिया में सात्विक  बलिदानों के विधान बताये गए हैं-|
जन्म चाहे शुक्ल पक्ष में हो या कृष्ण पक्ष में तिथिओं का फलित यथावत होता है |
{१}-प्रतिपदा तिथि में जन्म हुआ हो तो -- स्वामी अग्निदेव हैं -कष्ट तिथि आपकी द्वादशी होगी --शक्कर एवं घी की आहुति देने से {हवन में }लाभ होगा |-दान आप -घी एवं अन्न का करें |
{२}-द्वितीया तिथि में जन्म हुआ हो तो --आपके स्वामी -ब्रह्मा हैं,कष्दायक तिथि पंचमी रहेगी ,पायस{खीर }की आहुति देने से लाभ होगा,---भोजन का दान करने से सुख समृद्धि आएगी  |
{३}-तृतीया तिथि में जन्म हुआ हो तो - इष्टदेव -देवी हैं ,सप्तमी तिथि आपके लिए हानिकारक रहेगी ,घी और अन्न की आहुति से लाभ होगा ,-दान आप रक्तवस्त्र का करें -अत्यधिक प्रसन्नता मिलेगी ||
{४}-चतुर्थी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो --इष्टदेव आपके गणेशजी हैं ,पूर्णिमा तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,मिष्टान की आहुति देने से-प्रसन्नता मिलेगी ,रत्न मूंगा का दान से लक्ष्मी की प्राप्ति होगी ||
{५}-पंचमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके नागदेव हैं ,षष्ठी तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,खीर की आहुति से लाभ होगा ,दूध का दान से प्रसन्नता मिलेगी ||
{६}-षष्ठी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके कार्तिकजी हैं ,द्वादशी तिथि कष्दायक रहेगी आपके लिए ,मोदक की आहुति से लाभ होगा ,चित्रित वस्त्र का दान से उन्नति होगी आपकी ||
{७}-सप्तमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके सूर्यदेव हैं ,अष्टमी तिथि में हानी होगी आपको ,खीर की आहुति से लाभ मिलेगा ,ताम्बे के पत्र का दान से लक्ष्मी की प्राप्ति होगी ||
{८}-अष्टमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो - इष्टदेव आपके शिव हैं ,त्रयोदशी तिथि हानिकारक रहेगी ,सामग्री { शाकल्य }की आहुति से लाभ होगा ,पीतवस्त्र का दान से पद और गरिमा मिलेगी |
{९}-नवमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपकी दुर्गा हैं ,तृतीया तिथि हानिकारक रहेगी ,मिष्ठान्न की आहुति से उन्नति होगी ,रक्तवस्त्र का दान से लाभ होगा |
{१०}-दशमी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके यमदेव हैं ,दशमी तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी,शाकल्य की आहुति से उन्नति होगी ,नीलवस्त्र  का दान से रोग शोक नहीं होंगें ||
{११}एकादशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो --आपके इष्टदेव विस्वेदेव हैं , सप्तमी तिथि हानिकारक रहेगी ,मोदक की आहुति से लाभ होगा ,पीतवस्त्र का दान से उन्नति होगी |
{१२} द्वादशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो -इष्टदेव आपके विष्णुदेव हैं ,सप्तमी तिथि हानिकारक रहेगी ,मिष्ठान की आहुति से लाभ होगा ,स्वेत्वस्त्र का दान से उन्नति होगी |
{१३}त्रयोदशी तिथि में आपका जन्म हुआ हो तो-इष्टदेव आपके कामदेव हैं ,दशमी तिथि हानिकारक रहेगी ,दही और शर्करा की आहुति से लाभ होगा ,स्वर्ण का दान से राजयोग बनेगा |
{१४}-चतुर्दशी  तिथि में जन्म हुआ हो तो -- इष्टदेव आपके शिव हैं ,अमावस तिथि हानिकारक रहेगी ,शाकल्य  की आहुति से लाभ होगा,रजत का दान या अभिषेक से उन्नति होगी ||
{१५}पूणिमा तिथि में जन्म हुआ हो तो -आपके इष्टदेव चन्द्रमा हैं ,दही का दान से लाभ होगा ,चंडी का दान से उन्नति होगी |
{१६}-अमावस तिथि में जन्म हुआ हो तो --इष्टदेव आपके पितर हैं,तृतीया तिथि आपके लिए अहितकर रहेगी ,पका अन्न की आहुति से लाभ मिलेगा {खीर },सुन्दर भूदेव को भोजन करने से लाभ होगा ||
-----सभी मित्र बंधू अपनी -अपनी तिथि में जन्म के अनुसार प्रयोग करके देखें अति लाभ होगा ||
--निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
  निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8  से .9  ३० तक  प्रत्येक रात्रि सभी मित्रों के लिए उपलब्ध रहती है | हेल्प लाइन के द्वारा यह सेवा प्राप्त करें == 09897701636 ,09358885616  

रविवार, 10 जून 2012

"जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"

  "जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"
---जिन जातकों को अपनी जन्मराशि और प्रचलित नामराशि की जानकारी हों--वो जातक अपने -अपने कार्य के अनुसार राशि का उपयोग करें ---
----"विवाहे सर्वमांगल्ये यात्रा दोग्रहगोचरे |
      जन्मराशे प्रधानत्वं नाम राशि न चिन्तये ||
--भाव -विवाह के समय ,सभी मंगल कार्य के समय तथा ग्रहों की स्थिति{राशि फल } देखने के समय जन्म राशि से विचार करना चाहिए न कि--अपने प्रचलित नामराशि का ||
----देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायाम व्यवहारके |
     नाम राशेह प्रधानत्वं जन्म राशि न चिन्तये ||
----भाव --किसी देश में निवास करना हो ,किसी शहर में रहना हो ,मकान बनाना हो,नौकरी करनी हो या फिर तत्काल के कोई भी कार्य हो -तो प्रचलित नाम की राशि का  उपयोग करना चाहिए न कि जन्मराशि का |
----विवाहं घट्नम चैव लग्नजम ग्रह्जम बलम |
     नामभाद विचिंत्येव सर्वजन्म न ज्ञायते ||
--भाव -अगर जन्मराशि की जानकारी न हो तो -तत्काल के लग्न के अनुसार कार्य करना चाहिए और वो भी ज्ञात न हो तो -अपनी प्रचलित नाम राशि के अनुसार कार्य करने चाहिए ||
--घात तिथिर घतवारह घात नक्षत्र मेव च |
  यात्रायाम वर्जयत प्राग्य्त्व न्य्कर्म्सू  शोभनम ||
--नोट ध्यान दें -यात्रा के समय घाततिथि,घातवार,एवं घातनक्षत्र में यात्रा न करें ||
  भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उतर प्रदेश }
  निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार अवश्य मिलेगी -संपर्क सूत्र द्वरा -प्रति रात्रि -8  से९.30  तक =09358885616 --09897701636   

"जुड़ने से पहले-एक नजर निवेदन पर डालें ?"

  "जुड़ने से पहले-एक नजर निवेदन पर डालें ?"
--सभी "ज्योतिष सेवा सदन " से जुड़ने वाले एवं जुड़े हुए मित्र बंधुओं से निवेदक है ,कि आप सभी इन नियमों का सदा पालन  करें ?
--{१}-ज्योतिष सेवा सदन देश -विदेशों में रह रहे सभी मित्रों को अपने साथ निरंतर ज्योतिष एवं कर्मकांड की सलाह और ज्ञान का आदान- प्रदान निःशुल्कआजीवन देता रहेगा देता है ,लेखों के माध्यम से ||
{२}-ज्योतिष सेवा सदन के सदस्य वही बन सकते हैं-जो आदर करना और आदर देना जानते हैं ,जो संस्कृति और संस्कारों से अपने आपको बांधे रखना चाहते
 हैं |
{३}-ज्योतिष सेवा सदन- के कोई भी कहीं के भी सदस्य बन सकते हैं ,किन्तु आस्थावान ही बने | ज्योतिष सेवा केवल निःशुल्क एकबार मित्रों को ही मिल पायेगी चाहे आप नेट पर जहाँ भी जुड़ें हों --ऑरकुट ,फेसबुक ,ट्विट्टर ,इबीबो ,हि५ ,जीमेल ,होटमेल,याहू ,नेट्लोग--ब्लॉग पोस्ट -आदि -आदि कहीं भी -ज्योतिष सेवा सदन के नाम से ही उपलब्ध है ||
{४}-ज्योतिष सेवा सदन -की सेवा अगर आपको अच्छी लगती है ,साथ ही अपने परिवार की जानकारी भी चाहते हैं ,निरंतर जुड़ें रहना चाहते हैं ,सलाह और सुगम पथ की जानकारी चाहते हैं तो आपको -ज्योतिष सेवा सदन का सदस्य बनना पड़ेगा --जिसका आजीवन शुल्क 500  रूपरे अदा करने पड़ते हैं ,तभी आप आजीवन जानकारी मौखिक प्राप्त कर पायेंगें ---लेखों के द्वरा हम निरंतर सभी सदस्यों तक पहुँचने की कोशिश करते रहते हैं ||
{५}-ज्योतिष की जानकारी ,या विशेष सलाह आप केवल हेल्प लाइन के माध्यम से ही लें --क्यों की हम लिखने में असमर्थ रहते हैं ||
{६}-मित्रों की अत्यधिक संख्या होने के कारण-ज्योतिष सेवा का समय हमने -रात्रि ८ से 9 .30  कर दिया है आगे और समय बढ़ा देंगें-ताकि किसी भी मित्रों को दिक्कत न हो ?
भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
  आपकी सहायतार्थ  नंबर -09358885616 ,09897701636      

शुक्रवार, 8 जून 2012

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "Have a nice day,Ram Ram,Namskar"

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "Have a nice day,Ram Ram,Namskar": "Life is oneway road,We can see back,,     But can't go back,,So,Enjoy every second...         Because today's newspaper will be tomorrow...

"Have a nice day,Ram Ram,Namskar"

"Life is oneway road,We can see back,,
    But can't go back,,So,Enjoy every second...
        Because today's newspaper will be tomorrow's waste paper..!!
   By-"jha shastri" jyotish seva sadan-{Meerut-UP} 
                "Have a nice day,Ram Ram,Namskar"   
    free jyotish seva-8to9 pm all friends {once}
        cont---09897701636,09358885616--|

बुधवार, 6 जून 2012

"देश-विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -5-जून-से १९-जून २०१२ तक ?" ----अतिचारी गते जीवे शनौ वक्रत्व भागते | हा! हा !!, भूतं जगत्सर्वं रुण्ड मुंडा च मेदिनी || -----भाव -गुरु अतिचारी एवं शनि वक्री नव पंचम योग में अति नष्ट है -{-अर्थात उत्तम नहीं है } | इस योग के कारण- मास पर्यंत विश्व के किन्हीं देशों में -रुण्ड -मुंड लुढ़कते नजर आयेंगें -अर्थात -आततायी लोग परास्त होंगें | पश्चिम के देशों में तनाव बढेगा |नेपाल ,चीन ,मंगोलिया ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,ईरान ,इराक एवं साउदीअरब में भारी हलचल होगी | यूरोपियन देश एशिया के देशों पर दबाब बनाने का प्रयास करेंगें | सीमाओं पर तनाव बढेगा |भारतीय राजनीति में उठा -पटक जारी रहेगी |चुनावी सरगर्मी बढ़ेगी |मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा -धार्मिक विवाद लडाई के केंद्र में रहेगा |-- "एक रशो यदा यन्ति चत्वारः पंचखेचराः | प्लाव्यन्ति महीं सर्वा रुधिरेण जलें वा || ---भाव जब एक राशि में चार ग्रह होते हैं -तो पृथ्वी जल से या रक्त से रंजित हो जाती है अर्थात शांतिवार्ता ---निष्फल हो सकती है || तेजी मंदी -समय उत्तम होने के कारण -बाजार का रुख नरम रहेगा ----सोना ,चांदी ,मशीनरी ,वाहन ,पेयपदार्थ, फल फूल ,सब्जियों के भावों में बढ़ोत्तरी होगी | शेयर शर्राफामें दोतरफा चाल होगी || आकाश लक्षण -शुक्रोदय के प्रवाव -से आंधी- तूफान ,मेघाडंबर के साथ -साथ बूंदा -बूंदी होगी | तापमान वृद्धि के कारण लोग पीड़ित होंगें | सौर धब्बों का प्रकोप विश्व में भारी क्षति का लक्षण होता है || सदा याद रखें ---"अमंत्रामक्षरं नास्ति मूलं अनौषधम | अयोग्यः पुरुषाः नास्ति योजकः तत्र दुर्लभाः {राजधानी } भाव -संसार में कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है || भवदीय निवेदक --पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }

   "देश-विदेश पाक्षिक ज्योतिष विचार -5-जून-से १९-जून २०१२ तक ?"
 ----अतिचारी गते जीवे शनौ वक्रत्व भागते | हा! हा !!,
     भूतं जगत्सर्वं रुण्ड मुंडा  च मेदिनी ||
-----भाव -गुरु अतिचारी एवं शनि वक्री नव पंचम योग में अति नष्ट है -{-अर्थात उत्तम नहीं है } | इस योग के कारण- मास पर्यंत  विश्व  के किन्हीं देशों में -रुण्ड -मुंड लुढ़कते नजर आयेंगें -अर्थात -आततायी लोग परास्त होंगें | पश्चिम के देशों में तनाव बढेगा |नेपाल ,चीन ,मंगोलिया ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,ईरान ,इराक एवं साउदीअरब  में भारी हलचल होगी |  यूरोपियन देश एशिया के देशों पर दबाब बनाने का प्रयास करेंगें | सीमाओं पर तनाव बढेगा |भारतीय राजनीति में उठा -पटक जारी रहेगी |चुनावी सरगर्मी बढ़ेगी |मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारा -धार्मिक विवाद लडाई के केंद्र में रहेगा |--
  "एक रशो यदा यन्ति चत्वारः पंचखेचराः |
   प्लाव्यन्ति महीं सर्वा रुधिरेण जलें वा ||
---भाव जब एक राशि में चार ग्रह होते हैं -तो  पृथ्वी जल से या रक्त से रंजित हो जाती है  अर्थात शांतिवार्ता ---निष्फल हो सकती है ||
  तेजी मंदी -समय उत्तम होने के कारण -बाजार का रुख नरम रहेगा ----सोना ,चांदी ,मशीनरी ,वाहन ,पेयपदार्थ, फल फूल ,सब्जियों के भावों में बढ़ोत्तरी होगी | शेयर शर्राफामें दोतरफा चाल होगी ||
आकाश लक्षण -शुक्रोदय के प्रवाव -से आंधी- तूफान ,मेघाडंबर के साथ -साथ बूंदा -बूंदी होगी | तापमान वृद्धि के कारण लोग पीड़ित होंगें | सौर धब्बों का प्रकोप विश्व में भारी क्षति का लक्षण होता है ||
   सदा याद रखें ---"अमंत्रामक्षरं नास्ति मूलं अनौषधम |
                           अयोग्यः पुरुषाः नास्ति योजकः तत्र दुर्लभाः {राजधानी }
   भाव -संसार में कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है ||
भवदीय निवेदक --पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }

सोमवार, 4 जून 2012

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "आज अल्पग्रास" चन्द्र ग्रहण" भारत में कहीं से भी न...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "आज अल्पग्रास" चन्द्र ग्रहण" भारत में कहीं से भी न...:    "आज अल्पग्रास" चन्द्र ग्रहण" भारत में कहीं से भी नहीं दिखाई देगा ?" दिनांक -४-०६-२०१२ सोमवार को दिन में अल्पग्रास चन्द्र ग्रहण भारत से ब...

"आज अल्पग्रास" चन्द्र ग्रहण" भारत में कहीं से भी नहीं दिखाई देगा ?"

   "आज अल्पग्रास" चन्द्र ग्रहण" भारत में कहीं से भी नहीं दिखाई देगा ?"
दिनांक -४-०६-२०१२ सोमवार को दिन में अल्पग्रास चन्द्र ग्रहण भारत से बाह्य पूर्व के देशों में होगा | भारतीय स्टें ० टा. के अनुसार ग्रहण दिन में ३ बजकर २९ मिनट से शुरू होकर सायं ५ बजकर  ३७ मिनट तक रहेगा |इस ग्रहण को -म्यानमार,थाईलेंड ,जापान ,आष्ट्रेलिया ,चीन ,पूर्वी रूस ,मलेशिया ,फिलीपींस,इंडोनेशिया ,उत्तर -दक्षिण अमेरिका ,मैक्सिको ,पेरू ,अर्जेंटीना ,आदि देशों में देखा जा सकेगा |
----भारत में ग्रहण कहीं से भी दिखाई नहीं देगा --देश के पूर्वी भाग असं ,मिजोरम  ,मेघालय ,अरुणाचल प्रदेश - आदि में चंद्रमा विरल छ्या में से होकर गुजरेगा ,जिसे वास्तव में ग्रहण नहीं माना जायेगा |
  भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }

रविवार, 3 जून 2012

"शिखा के बिना आयु ,तेज ,बल ,ओज और पुरुषार्थ नष्ट हो जाते हैं ?"

   "शिखा के बिना आयु ,तेज ,बल ,ओज और पुरुषार्थ नष्ट हो जाते हैं ?"
-हिन्दुओं के प्रमुख सोलह संस्कारों में "चूडाकरण"या "चौल "एक विशेष संस्कार है |इसी संस्कार में आर्यजाति के प्रतीक अथवा मुख्य  जातीय चिन्ह स्वरूप "शिखा  धारण का विधान है | इसके धारण से आयु ,तेज ,बल ,ओज और पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है | पारस्कर ,आश्वलायन,बैखानस ,बौधायन ,अग्निवेश्य  ,आपस्तम्ब और जैमिनीय आदि गुह्य -सूत्र ग्रंथों में चुदकर्म के अंतर्गत शिखा रखने का श्पष्ट विधान मिलता है ||
---सिर के मध्य स्थित केश समूह ही चूड़ा कहलाता है | यही चूड़ा प्रधान शिखा मानी जाति है | वशिष्ठ गोत्र वाले मध्य शिखा से दक्षिण भाग में स्थित केश शिखा को चूड़ा कहते हैं | अत्रि और कश्यप गोत्र वाले मध्यभाग में स्थित शिखा के उभय पार्श्व {अगल -बगल }में स्थित केशों को शिखा कहते हैं ||
--उपनयन काल में मध्य शिखा के अतिरिक्त अन्य गौण शिखाओं के वपन का विधान "निर्णय सिन्धु "  में स्पष्ट रूप से पाया जाता है | महर्षि "हारित" कहते हैं --कि जो लोग मोह ,द्वेष या अज्ञानता से शिखा काट देते हैं ,वे "तप्तकश्छ"व्रत करने से शुद्ध होते हैं ||
--ब्रह्मण ,क्षत्रिय ,वैश्य को शिखा,सूत्र और हिन्दुमात्र को शिखा अवश्य धारण करनी चाहिए | बिना यज्ञोपवित और शिखा के हिन्दुओं का किया गया सभी सत्कार्य व्यर्थ हो जाता है और राक्षस कर्म कहलाता है ||
----शिखा के साथ बल ,बीर्य,आयुवृद्धि ,तेज और पराक्रम का गहरा सम्बन्ध है | इसलिए हिन्दुओं का यह सर्वोत्कृष्ट जातीय चिन्ह माना जाता है | जिस प्रकार फौजी सिपाहियों का फौजी वेश वीरता सूचक है | उसी प्रकार सिर के मध्य भाग में सुरक्षित सुस्थिर शिखा चिरंतन ,आर्य गौरव तथा हिंदुत्व की द्योतक  है |इसलिए शिखा रखना नितांत आवश्यक है ||
------वेदं और योगदर्शन के सिद्धांतों के अनुसार शिखा का अधः स्थित भाग ब्रह्मरंध्र माना गया है | इस ब्रह्मरंध्र  के ऊपर सहश्रदल कमल में अमृत रुपी ब्रह्मा का स्थान है |विधिपूर्वक किये गए वेदादि के स्वाध्याय और सविधि कर्मानुष्ठान से समुत्पन्न अमृतत्व का अतिक्रांत वायुवेग से सहश्रदल की कर्णिका से प्रविष्ट होता है ||
धर्मशास्त्रकारों ने कहा है -कि सनन ,दान ,जप ,होम ,संध्या ,स्वाध्याय और देवार्चन करते समय शिखा में ग्रंथि अवश्य लगानी चाहिए-------"स्नाने दाने जपे होमे संधयायाम देवतार्चने |
                 शिखा ग्रंथि सदा कुर्यादीत्येतन मनुरब्रबीत||
-----वैदिक विज्ञानं से यह बात सिद्ध है कि सर्वव्यापी परमेश्वर परमात्मा की अप्रमेय शक्ति को आकृष्ट करने का सर्वोतम साधन "शिखा -धारण "है |  भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री |
        { मेरठ उत्तर प्रदेश }   

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "कैरियर निर्माण हेतु -कुंडली का निरिक्षण अवश्य करे...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "कैरियर निर्माण हेतु -कुंडली का निरिक्षण अवश्य करे...:   "कैरियर निर्माण हेतु -कुंडली का निरिक्षण अवश्य करें ?" प्राचीन कल में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति होता था |विद्यार्थी किसी ...

"कैरियर निर्माण हेतु -कुंडली का निरिक्षण अवश्य करें ?"

  "कैरियर निर्माण हेतु -कुंडली का निरिक्षण अवश्य करें ?"
प्राचीन कल में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान प्राप्ति होता था |विद्यार्थी किसी योग्य विद्वान के निर्देशन में विभिन्न प्रकार की शिक्षा ग्रहण करते थे |इसके  अतिरिक्त उसे शस्त्र सञ्चालन एवं विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता था |किन्तु वर्तमान समय में यह सभी प्रशिक्षण गौण हो गए हैं |शिक्षा की महत्ता बढ़ने व् प्रतिस्पर्धात्मक युग में सजग रहते हुए बालक के बोलने व् समझने लगते ही माता -पिता शिक्षा के बारे में चिंतित हो जाते हैं |कुछ वर्षों बाद सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि कौन सा विषय पढ़ायें ,जिससे उनके बच्चे का भविष्य सुखमय हो ?
----{१}-सर्वप्रथम जातक के बचपन से ही उसकी कुंडली विषय की पढाई व् कैरियर चयन में सहायक होती है |
---{२}जातक की कुंडली से तय करना चाहिए कि वह नौकरी करेगा या व्यवसाय |
---{३}-जातक कि २० से ४० वर्ष की उम्र के बिच की ग्रहदशा का सूक्षम अध्ययन कर यह देखना चाहिए कि दशा किस प्रकार के कार्यक्षेत्र का संकेत दे रही है |
----{४}-आगामी गोचर या दशा कार्य क्षेत्र में तरक्की का संकेत दे रही है या नहीं ? इसका भी परीक्षण कर लेना चाहिए |
कुंडली में शिक्षा का योग -----जन्म कुंडली का नवम भाव धर्म त्रिकोण स्थान है ,जिसके स्वामी देव गुरु वृहस्पति हैं | यह भाव शिक्षा में महत्वाकांक्षा व् उच्च शिक्षा तथा उच्च शिक्षा किस स्टार कि होगी इसको दर्शाती है | यदि इसका सम्बन्ध पंचम से हो जाये तो अच्छी शिक्षा मिलती है ||
----शिक्षा का स्तर------जन्मकुंडली  का पंचम भाव बुद्धि ,ज्ञान ,कल्पना ,अतीन्द्रिय ज्ञान,रचनात्मक कार्य ,याददास्त व् पूर्वजन्म के संचित कर्म को दर्शाता है | यह शिक्षा के संकाय का स्तर तय करता है ||
-----शिक्षा किस प्रकार की होगी --------जन्मकुंडली का चतुर्थभाव मन का भाव है |यह इस बात का निर्धारण करता है कि आपकी मानसिक योग्यता किस प्रकार की शिक्षा में होगी |जब भी चतुर्थ भाव का स्वामी छठे ,आठवें या बारहवें भाव में गया हो या नीच राशि,अस्त राशि ,शत्रु राशि में बैठा हो व् करक ग्रह {चंद्रमा } पीड़ित हो तो शिक्षा में मन नहीं लगता है ||
-----शिक्षा का उपयोग -----जन्मकुंडली का द्वितीय भाव -वाणी ,धन ,संचय ,व्यक्ति की मानसिक स्थिति को व्यक्त करता है तथा यह दर्शाता है कि शिक्षा आपने ग्रहण कि है वह आपके लिए उपयोगी है या नहीं |यदि इस भाव पर पाप ग्रह का प्रभाव हो तो जातक शिक्षा का उपयोग नहीं करता है |
  जातक को बचपन से किस विषय की पढाई करवानी चाहिए ,इस हेतु हम मूलतः निम्न चार पाठ्यक्रम{ विषय } को ले सकते हैं --गणित ,जिव विज्ञानं ,कला और वाणिज्य -----
   {१}-गणित ---गणित के करक ग्रह बुध का सम्बन्ध यदि जातक के लग्न ,लग्नेश या लग्न नक्षत्र से होता है तो वह गणित में सफल होता है ||
 {२}-शनि एवं मंगल किसी भी प्रकार से सम्बन्ध बनायें तो जातक -मशीनरी कार्य में दशा होता है ||
---जीव विज्ञानं -सूर्य का जल राशिस्थ होना ,छठे एवं दशम भाव /भावेश के बीच सम्बन्ध ,सूर्य एवं मंगल का सम्बन्ध आदि चिकित्सा क्षेत्र में पढाई के करक होते हैं
---कला ------पंचम /पंचमेश एवं करक गुरु ग्रह का पीड़ित होना कला के क्षेत्र में पढाई का करक होता है | इन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पढाई प[उरी करवाने में सक्षम होती है ||
--वाणिज्य --लग्न /लग्नेश का सम्बन्ध बुध के साथ -साथ गुरु से भी हो तो जातक वाणिज्य की पढाई सफलता पूर्वक करता है ||
  आइये जानते हैं अच्छी शिक्षा के योग -----
{१}-द्वितीयेश या वृहस्पति केंद्र या त्रिकोण में हों |
{२}-पंचम भाव में बुध की स्थिति अथवा दृष्टि या बृहस्पति और शुक्र की युति हो |
{३}-पंचमेश की पंचम भाव में वृहस्पति या शुक्र के साथ युति हो ?
{४}-बृहस्पति ,शुक्र और बुध में से कोई भी केंद्र या त्रिकोण में हो ?
---नोट - शिक्षा की सलाह अपने -अपने पुरोहित जी आचार्यजी से लें और अपनी -अपनी संतानों को शिक्षा की सही राह दिखाएं ||
   भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
  निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार ही सभी मित्रों को संपर्क सूत्र द्वारा ही मिल पायेगी -रात्रि -8  से 9 .३० में =09897701636 ,09358885616    

शनिवार, 2 जून 2012

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता...

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता...:    "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?" प्रायः हम देखते हैं कि कुछ व्यवसाय /पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं य...

"ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?"

   "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?"
प्रायः हम देखते हैं कि कुछ व्यवसाय /पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं |इसका मुख्य कारन जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति होती है |
एक सभ्य ,सुसंस्कृत एवं जिम्मेदार नागरिक बनने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है |आर्थिक एवं प्रतिस्पर्धा के इस युग में उचित एवं सही माध्यम या सही विषय  चयन कर अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं |कोई व्यक्ति kitni शिक्षा प्राप्त करेगा या उसका पढाई के प्रति क्या रुझान होगा ,यह जन्म पत्रिका के माध्यम से जाना जा सकता है |अधिकांश अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की चिंता यह रहती है कि क्या पढ़ा जाए ताकि अच्छा कैरियर हो ----
--{१}--सिंह राशि हो -सूर्य की अथिति उत्तम हो---तो आप --चिकित्सा ,शरीर विज्ञानं,प्राणीशास्त्र,नेत्र चिकित्सा ,राजभाषा ,प्रशासन ,राजनीति एवं जीवविज्ञान के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{२}-कर्क राशि हो --चंद्रमा की स्थिति उत्तम हो तो आप ---नर्सिंग ,नाविक शिक्षा ,वनस्पति विज्ञानं ,जंतु विज्ञानं ,{जूलोजी }होटल प्रबंध ,काव्य ,पत्रकारिता ,पर्यटन ,डेयरी विज्ञानं ,जलदाय के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{३}-मेष या वृश्चिक राशि हो मंगल की स्थिति उत्तम हो तो आप -भूमिति {भूमि सम्बन्धी } फौजदारी ,कानून ,इतिहास ,पुलिस सम्बन्धी प्रशिक्षण ,ओवर-सियर प्रशिक्षण,सर्वे ,अभियांत्रिकी ,वायुयान शिक्षा ,शल्य चिकित्सा ,विज्ञानं ,ड्राइविंग ,टेलरिंग या अन्य तकनिकी शिक्षा ,खेल कूद सम्बन्धी प्रशिक्षण ,सैन्य शिक्षा ,दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{४}-धनु या मीन- राशि हो ,गुरु प्रबल हों तो आप ---बीजगणित ,द्वितीय भाषा ,आरोग्यशास्त्र विविध ,अर्थशास्त्र ,दर्शन ,मनोविज्ञान ,धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{५}-मिथुन या कन्या राशि हो साथ ही बुध की स्थिति उत्तम हो तो आप ---गणित ,ज्योतिष ,व्याकरण ,शासन की विभागीय परीक्षाएं ,पदार्थ विज्ञानं ,मानसशास्त्र,हस्तरेखा ज्ञान ,शब्दशास्त्र {भाषा विज्ञानं }टैपिंग ,तत्वज्ञान,पुस्तकालयविज्ञानं,लेखा ,वाणिज्य ,शिक्षक प्रशिक्षणके क्षेत्रों  में सफल हो सकते हैं ||
{६}-वृष या तुला राशि हो साथ ही शुक्र प्रबल हो तो आप ---ललितकला ,{संगीत ,नृत्य ,अभिनय ,चित्रकला ,आदि }फ़िल्म टी० वी०,वेशभूषा ,फैशन ,डिजायनिंग ,काव्य साहित्य एवं अन्य विविध कला के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{७}--मकर या कुम्भ राशि हो शनि की मजबूत स्थिति हो तो आप ----भूगर्भशास्त्र सर्वेक्षण ,अभियांत्रिकी ,ओधोगिकी ,यांत्रिकी ,भवन निर्माण ,मुद्रण कला ,प्रिन्टिंग इत्यादि के क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं ||
{८}-यदि आपकी कुंडली में राहु की स्थिति बहुत ही मजबूत है तो आप -तर्कशास्त्र ,हिप्नोटिजम ,मेस्मिरिजम ,करतब के खेल ,{जादू सर्कस आदि } भुत प्रेत सम्बन्धी ज्ञान ,विष चिकित्सा ,एंटी बायोटिक्स इलेक्ट्रोनिक्स  इत्यादि के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{९}--केतु की स्थिति अगर बढियां है आपकी कुंडली में तो आप ---गुप्त विद्याएं,मंत्र -तंत्र सम्बन्धी ज्ञान के क्षेत्रों में निपुण हो सकते हैं ||
भाव -वैज्ञानिक और ओद्योगिक प्रगति के कारण व्यवसायों एवं शैक्षणिक विषयों की संख्या में उत्तरोतर वृद्धि होती जा रही है | अतः ज्योतिष सिधान्तों के आधार पर ग्रहों के पारस्परिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा सकता है |         ---निवेदक -पंडित के० एल० झा शास्त्री{मेरठ उत्तर प्रदेश }
  कृपया निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30  में संपर्क सूत्र द्वरा ही प्राप्त करें  =09897701636 -09358885616