ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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शनिवार, 13 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": जब मन धर्म की ओर हो तो समझो पाप नष्ट हो गया है

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": जब मन धर्म की ओर हो तो समझो पाप नष्ट हो गया है: " 'जब मन धर्म की ओर हो तो समझो पाप नष्ट हो गया है धनक्षये बर्धती जठ राग्निः =जब हमें भूख अत्यधिक लगने लगे तो समझना चाहिए कि 'माँलक्ष..."

जब मन धर्म की ओर हो तो समझो पाप नष्ट हो गया है


         "जब मन धर्म की ओर हो तो समझो पाप नष्ट हो गया है 
धनक्षये बर्धती जठ राग्निः =जब हमें भूख अत्यधिक लगने लगे तो समझना चाहिए कि "माँलक्ष्मी " जाने वालीं हैं | पुनय्क्ष्ये भात्री विरोधिता च =जब हमारा पुन्य समाप्त होने वाला होता है तो हम ओरों की मदद लेना पसंद करते हैं ,किन्तु अपने भाइयों की मदद नहीं कदापि स्वीकार नहीं करते हैं ,तो हमें समझना चाहिए कि हमारा पुन्य नष्ट हो चुका है |-कुलक्षये पंकू जड़ प्रसूति =जब खानदान में अंगविहीन संतान होने लगे तो समझना चाहिए कि जिस धर्मके आधार पर "कुल " चल रहा था वो धर्म विहीन हो गया है | -पापक्ष्ये ईस्वर भक्ति प्रीतिः -तथा जब पाप नष्ट हो जाते हैं तो धर्म संगत कार्ज करने लगते हैं || [राम राम ]     
    NICE THOUGHT:-"SPEAK ONLIY WHEN U FEEL UR WORDS ARE BETTER THEN THE SILENCE..":} -GOOD DAY- 

शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": GOOD DAY

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": GOOD DAY: "TRUE-Rat nahi khwaab badalta hai , MANZIL nahi kaarvaa badalta hai, JAZBA rakho har dam, 'JEETNE' KA , Qk..."

GOOD DAY

TRUE-Rat nahi khwaab badalta hai ,
                 MANZIL nahi kaarvaa badalta hai,
       JAZBA rakho har dam,
           'JEETNE' KA , Qki kismat chahe badle ,
         NA BADLE PAR "waqt" ZARUR BADALTA HAI.
                          Nivedak "jha shastri " [GOOD DAY]

बुधवार, 10 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": " सूर्य की उपासना सभी करते हैं "

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": " सूर्य की उपासना सभी करते हैं ": " ' सूर्य की उपासना सभी करते हैं ' चराचर जगत में सभी जीव भगवान 'सूर्य नारायण 'की उपासना अपने -अपने मतानुसार जरुर करते हैं ,क..."

" सूर्य की उपासना सभी करते हैं "

                 "  सूर्य की उपासना सभी करते हैं "
चराचर जगत में सभी जीव भगवान "सूर्य नारायण "की उपासना अपने -अपने मतानुसार जरुर करते हैं ,क्योकि यही प्रत्यक्ष देवता हैं ,इनकी ही कृपा से सभी जीव जीवित भी हैं ,कुछ वेद की रिचाओं का जब हम अवलोकन करते हैं तो हमें आभास होता है कि हमारे यह प्रत्यक्ष देवता हमें क्या नहीं दे सकते हैं -ततचक्षुरदेवहितं पुरस्तात -हे भगवान सूर्य ?हम  जब तक जीवित रहें हमारी आँखे तबतक संसार की सभी वस्तुओं का अवलोकन करती रहें | छुक्रमुचरत-शरीरिक जो प्रक्रियाएं हैं वो निरंतर चलती रहे | पश्येम शरदः शतं -सौ साल तक हम देखें | शतं जीवेम शरदः शतं -सौ साल तक हम जीवै |शतगुं सृनुयाम शरदः शतं -हम अपने कानों से सौ साल तक सूनें |शतं प्व्रवाम शरदः शतं -सौ साल तक चलें | भाव -हे भगवान सूर्य ? हम अपने शरीर की सारी प्रक्रिया अपने हाथों से करते रहें | मित्र बंधुओं इस स्तुति में जो सबसे अच्छी बात है वो है -शतं दीनाः श्याम शरदः - हे भगवान सूर्य हम सौ साल तक तो जीयें किन्तु पराधीन होकर न जीयें | अतः सभी को इसी प्रकार की स्तुति करनी चाहिए | राम -राम |
 
Avery good thought U cannot hurt some1 who feels nothing special for you .ANDyou cannot be hurt by anyone unless that person is special to you..good day.

मंगलवार, 9 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": सूर्यषष्ठीव्रत"छठ पूजा [डाला छठ ]

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": सूर्यषष्ठीव्रत"छठ पूजा [डाला छठ ]: " 'सूर्यषष्ठीव्रत'छठ पूजा [डाला छठ ] दीपावली के उपरांत जो षष्ठी तिथि आती है ,उस षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी ,छठ पूजा या डा..."

सूर्यषष्ठीव्रत"छठ पूजा [डाला छठ ]

                      "सूर्यषष्ठीव्रत"छठ पूजा [डाला छठ ]
दीपावली के उपरांत जो षष्ठी तिथि आती है ,उस षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी ,छठ पूजा या डाला छठ  के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है | इस व्रत के करने से आरोग्य की प्रप्ति होती है | "सूर्यपुराण " के अंतर्गत इस व्रत की विधि बहुत ही कठिन है ,किन्तु जो भी इस व्रत को सविध करता है,भगवन सूर्य नारायण की कृपा से वो व्यक्ति रोगी नहीं रहता है ,जो इस व्रत को करते हुए भी देखता है उसे भी आरोग्य की प्रप्ति होती है | जिन व्यक्तियों को -आखें ,चरक रोग ,कुष्ठ तथा ताप सम्बन्धी कष्ट रहते हैं, वो व्यक्ति यदि इस व्रत को करे, तो ३ वर्ष  के अंतर्गत रोग्से मुक्त हो जाते हैं | जब सभी देवता गण स्वर्ग लोक को जाने लगे तो ,व्रह्माजी ने अग्नि ,वायु ,वरुण को पृथ्वी लोक पर रहने को कहा और साथ ही यह भी कहा की आप सबकी पूजा निरंतर होती रहेगी ,इसलिए सनातन धर्म में ,पूजा हो या कोई भी धार्मिक संस्कार सभी जगहों में दीपक जरुर जलाते हैं , कलश का पूजन भी होता ही है .तथा हनुमानजी की पूजा तो लोग जरुर करते हैं  | एक मान्यता है ,कि विवाह के उपरांत चतुथी संस्कार होता है ,और पत्नी अपने पत्ति का श्पर्श  तब तक नहीं करती है जब तक यह संस्कार नहीं हो जाता है -कारण पर्त्येक बालिका का श्पर्श अग्नि वायु ,एवं वरुण द्वारा होता है तो पहली रात्रि ,अग्नि दूसरी रात्रि -वायु एवं तृतीय रात्रि का निवास वरुण के साथ होना चाहिए .कालांतर में यह मान्यता अब कहीं -कहीं ही देखने को मिलती है | भाव -मित्रबन्धुओं -भागवान आदित्य की पूजा जरुर करें ,और  आदित्य की तरह आपना स्वभाव भी बनायें   | भागवान सूर्य की विशेषता है चाहे कोई उनकी पूजा करे या न करे वो अपना प्रकाश सभी को निरंतर देते रहते हैं ]-जय राम जी की |  
part [2]-True Thought-if somebody loves you truly,don't use their emotions for your enjoyment because today you are being loved,GUD DAY,

रविवार, 7 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": ""सही "संपत्ति "संतोष" ही है""

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": ""सही "संपत्ति "संतोष" ही है"": " ''सही 'संपत्ति 'संतोष' ही है'' सर्पाःपिवन्ति पवनं न च दुर्वलास्ते-सांप हवा पीकर रहते हैं ,किन्तु कभी भी दुर्वल नहीं होते है..."

""सही "संपत्ति "संतोष" ही है""

                ""सही "संपत्ति "संतोष" ही है""
सर्पाःपिवन्ति पवनं न च दुर्वलास्ते-सांप हवा पीकर रहते हैं ,किन्तु कभी भी दुर्वल नहीं होते हैं |शुश्कैसतिनैर वन गजा बलिनो भवन्ति - हाथी पेड़ पत्ते खा कर रहते हैं ,किन्तु दुर्बल नहीं वल्कि बलिष्ठ होते हैं | कंदैहफलैर मुनि बार क्शिप्यान्ति कालम-संत महात्मा -कंद मूल फल इत्यादि सेवन करके समय व्यतीत करते हैं वो भी बलिष्ठ तो रहते ही हैं ,प्रसन्न भी रहते हैं | संतोष एव पुरुषस्य परम निधान-मित्र प्रवर ,मानव का असली खजाना संतोष ही है आप इसे अपना कर देखें, इससे ही संसार की तमाम वाश्तुयें प्राप्त हो जाती हैं |[जय राम जी की ]
 =भाग २=
I OF DA GR8 LINEZ:IT'Z NOT HARD TO SACRIFICE SOMEONE..BUT IT'Z HARD TO FIND SOMEONE WHO DESERVES YOU SACRIFICE..GUD DAY-