ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]

शनिवार, 13 अक्तूबर 2012

-"नई पहेली नई सोच ,मिलेगी सेवा ,रहें खामोश ?"

-----मित्रों की संख्या अत्यधिक होने के कारण हमने नई पहेली और नई सोच ,मिलेगी सेवा ,रहें खामोश "--नामक ज्योतिष सेवा -10/10/2012 से शुरू की है ---जो सभी मित्रों के लिए सुलभ और सरल होगी ।आपकी जेब पर विशेष भार भी नहीं पड़ेगा ,साथ ही सभी मित्रों को अपने -अपने अनुकूल ज्योतिष सेवा भी मिलेगी ।
----{1}-आजीवन सदस्यता शुल्क -500 {पांच सौ }जमा करने होंगे  ,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी ज्योतिष सेवा सदन के पास होगी ।।
------{2}-एक वर्ष में -5 बार ज्योतिष सेवा प्राप्त करने का शुल्क -200 दो सौ रूपये हैं ।।
    -----{3}---केवल एकबार सेवा प्राप्त करना चाहते हैं --केवल 100 सौ रूपये से प्राप्त कर सकते हैं ।
    -----{4}---अगर आप छात्र हैं ,नोकरी नहीं मिली है ,धन से विहीन हैं ,आपके पास खाता नहीं है बैंक में --तो -केवल -55 पचपन रूपये रिचार्ज -{9358885616--टाटा डोकोमो }से दो बार ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं {1}--100.200और -500 सौ रूपये -खाता संख्या -SB-20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ -के नाम जमा करें ?
          -----------ज्योतिष सेवा अपने -अपने राज्यों के दिनों के अनुसार नित्य प्राप्त करें ,यह सेवा आपको केवल फ़ोन {संपर्क सूत्र }से ही मिलेगी ।
     {1}--उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड+जम्मू काश्मीर - के लोग --शनिवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ।
      {2}-दिल्ली +हरियाणा +पंजाब -हिमाचल -के लोग -रविवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {3}-राजस्थान +मध्यप्रदेश के लोग -सोमवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {4}-बिहार +झारखण्ड +कलकत्ता तथा पूर्वी भारत -के लोग मंगलवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं
      {5}-महाराष्ट +ओड़िसा + के लोग -बुधवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
        {6}-कर्नाटका +दक्षिण भारत के लोग -गुरुवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
       {7}-नेपाल +सम्पूर्ण विदेशों के मित्र -शुक्रवार को ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
-----नोट --समय -प्रातः -8 से 9---एवं रात्रि -7.30से 9.30तक रहेगा ।।
     ज्योतिष सेवा हेतु --सूत्र --09897701636----09358885616

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

"कुंभमहापर्व "प्रयागराज "संवत =2069-क्यों मनाएं ?"


--कुंभ महा पर्व किस वर्ष आरम्भ हुआ ,इसकी तिथि का निर्धारण न किया जा सकना ही भारतीय संस्कृति और धर्म का अनादित्व सूचित करता है ।यहाँ की प्रत्येक वस्तु अनादि काल से प्रवाह रूप में चली आ रही है ।जिन्होंने कुंभ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया है वे सर्व सम्मति से स्वीकार करते हैं कि इसका कहीं ओर छोर दिखाई नहीं देता {श्री विस्वनाथ पंचाग }
------------ समुद्र मंथन से अमृत कुंभ के निकलने पर असुर उसे छीनने के लिए देवताओं पर टूट पड़े ,किन्तु इंद्र का पुत्र जयंत उस अमृत के कुंभ को लेकर निकल गया ।-शुक्राचार्य के कहने से दैत्य उसके पीछे दौड़े ।उन्हें देखकर वह भी आगे -आगे भागने लगा ।यह भाग दौड़ 12-दिव्य दिन {मानुष 12 वर्ष }पर्यंत चलती रही ,इन दिव्य 12 दिनों में चार स्थानों पर चार बार दैत्यों ने जयंत को पकड़ा और उससे अमृत कुंभ छीनने का प्रयत्न किया ,किन्तु उसी समय -सूर्य ,चन्द्र और वृहस्पति ने उन चारों स्थानों पर जयंत का साथ देकर अमृत घट की रक्षा की ।इस छीना झपटी में अमृत की कुछ बूंदें उन चारों स्थानों पर गिरीं ---वे चारों स्थान --प्रयाग ,हरिद्वार ,गोदावरी और अवंतिका {उज्जैन }क्षेत्र है । रक्षा के समय -गुरु ,सूर्य ,चंद्रमा जिस स्थिति {राशियों }में थे उसी राशि पर इन तीनों के होने पर अब तक उक्त चारों पुण्य क्षेत्रों में कुंभ महापर्व का स्नान होता है ।।
----------जब सूर्य चंद्रमा मकर राशि में और गुरु वृष राशि में होता है ,तब त्रिवेणी के संगम प्रयागराज {इलाहाबाद } में कुंभ महापर्व का संयोग बनता है ।--संवत -2069-माघ की मौनी अमावस्या -10/02/2013 रविवार के दिन सूर्य चंद्रमा और गुरु -वृष राशि  में होने से यह सुयोग बनेगा ।
-----इस कुंभ महापर्व के अंतर्गत प्रमुख स्नान के अतिरिक्त भी ,कुछ महत्त्व के पुण्य प्रदायक पर्व स्नानों की तिथियों का संक्षिप्त विवरण =संवत -2069------
----{1}-पौष शुक्ल तृतीया सोमवार ,14/01/2013-मकर संक्रांति प्रथम शाही स्नान ।
----{2}-पौष शुक्ल  एकादशी --मंगलवार -22/01/2013---।
-----{3}-पौषी पूर्णिमा ,रविवार -27/01/2013-----।
-----{4}-माघ कृष्ण एकादशी बुधवार -6/02/2013---।
------{5}-माघ मौनी अमावस्या ,रविवार -10/02/2013-द्वितीय शाही प्रमुख स्नान---।
------{6}-माघ शुक्ल चतुर्थी {वसंत पंचमी },गुरुवार -14/02/2013-तृतीय शाही स्नान --।

------{7}-माघ शुक्ल सप्तमी ,रविवार -17/02/2013-- --रथ आरोग्य सप्तमी --।
------{8}-माघ शुक्ल एकादशी ,गुरुवार -21/02/2013--जया एकादशी ---।
-------{9}-माघी पूणिमा ,सोमवार -25/02/2013---।
--------प्रेषकः --पंडित "झा शास्त्री " मेरठ -उत्तर प्रदेश --भारत ---।।

मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

"सम्मुख "शुक्र "का विचार कब करें ?"


---जिस दिशा में 'शुक्र "सम्मुख एवं जिस दिशा में दक्षिण हो ,उन दिशाओं में बालक ,गर्भवती स्त्री तथा नूतन विवाहिता स्त्री को यात्रा नहीं करनी चाहिए ?
    -----यदि बालक यात्रा करे तो --विपत्ति पड़ती है ।नूतन विवाहिता स्त्री यात्रा करे तो --सन्तान को दिक्कत होती है ।गर्भवती स्त्री यात्रा करे तो --गर्भपात होने का भय होता है ।यदि पिता के घर कन्या आये तथा रजो दर्शन होने लगे तो --सम्मुख "शुक्र "का दोष नहीं लगता है ।----यथा --भृगु ,अंगीरा ,वत्स ,वशिष्ठ ,भारद्वाज -गोत्र वालों को सम्मुख "शुक्र "का दोष नहीं लगता है ।
    ---------सम्मुख "शुक्र "तीन प्रकार का होता है ------{1}-जिस दिशा में शुक्र का उदय हो ।---{2}--उत्तर दक्षिण गोल -भ्रमण वशात जिस दिशा शुक्र रहे ।---{3}--अथवा --कृतिका आदि नक्षत्रों के वश जिस दिशा में हो -उस दिशा में जाने वालों को शुक्र सम्मुख होगा ।---जिस उदय में हो -उस दिशा में यात्रा न करें ।-{1}-यदि पूर्व में शुक्र का उदय हो -तो पश्चिम और दक्षिण दिशाओं तथा नैरित्य तथा अग्निकोण विदिशाओं को जाना शुभ होगा ।{2}-यदि पश्चिम में उदय हो -तो पूर्व एवं उत्तर दिशाओं तथा ईशान ,वायव्य विदिशाओं में जाना शुभ रहेगा ।-{3}-जब गुरु अथवा शुक्र अस्त हो गये हों -अथवा सिंहस्त गुरु हो ,कन्या का रजो दर्शन पिता के घर में होने लगा हो ,अच्छा मुहूर्त न मिले तो --दीपावली के दिन कन्या पति के घर जा सकती है ।{4}--गुरु उपचय में हो ,शुक्र केंद्र में हो एवं लग्न शुभ हो तथा शुभ ग्रह से युक्त हो --तब स्त्री पति के घर की यात्रा कर सकती है ।{5}--जब चन्द्र रेवती से लेकर कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण के बीच में रहता है --तब तक शुक्र अन्धा हो जाता है --इसमें सम्मुख अथवा दक्षिण शुक्र का दोष नहीं लगता है ।{6}-एक ही ग्राम या एक ही नगर में ,राज्य परिवर्तन के समय -विवाह तथा तीर्थयात्रा के समय शुक्र का दोष नहीं लगता है ।
----नोट समय का वेशक आभाव हो -किन्तु सम्मुख शुक्र का अवश्य विचार करके शुभ यात्रा करें ?"
--प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }