ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]

गुरुवार, 4 नवंबर 2010

Send Bulk Email with Gmail [email thousands of people]

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "दीपावली सर्वोत्तम पर्व है "

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "दीपावली सर्वोत्तम पर्व है ": " 'दीपावली सर्वोत्तम पर्व है ' मित्रबन्धुओं- सनातन धर्म में प्रत्येक अनुष्ठान के नियम होते हैं ,और होने भी च..."

"दीपावली सर्वोत्तम पर्व है "

                                 "दीपावली सर्वोत्तम पर्व है " 
मित्रबन्धुओं- सनातन धर्म में प्रत्येक अनुष्ठान के नियम होते हैं ,और होने भी चाहिए ,अन्यथा उसकी गरिमा समाप्त हो जाती है ,किन्तु धन सबको चाहिए ,धन कहाँ से आया है इस पर कोई भी नहीं सोच सकता -पर्त्येक वस्तुओं आदान प्रदान धन से ही होता है , यहाँ तक कि भगवन के कार्ज भी धन से ही संपादन होता है ,इसलिए धन का दशांश दान किया जाता है | "दीपावली " के उत्सव हम लोग भेद भाव रहित मनाते हैं-हमें तो "दीपावली " सबसे सुन्दर उत्सब लगता है -यही एक उत्सव है जिसमें कहा गया है -"यत यत कामयते प्राप्तम"=जो भी हमारी पूजा ,जिस -जिस कामना से करता है , हम तत्काल उसका फल प्रदान करते हैं  [माँ लक्ष्मी ]-इसलिए -"दीपावली "की रात को -लोग तामसिक ,राजसिक एवं सात्विक पूजा अर्चना करते हैं और सबके ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा सदैब बनी रहती है | हमारी भी शुभ कामना "दीपावली की "स्वीकार करें, मित्र बंधुओं ,अग्रज को प्रणाम ,अनुज को शुभाशीष ,एवं समक्ष मित्रों नमस्कार |
"I MAY BE WALKING SLOWLY,BUT I NEVER WALK BACKWARDS"ABRAHAM LINCION "WHENEVER I WALK BACKWARDS,ITS FOR A LONG JUMP"-BENJONSON,EVERY ACT IS MEANNGFUL -GOOD MORNING-

मंगलवार, 2 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "आपको यकीन किस पर नहीं करना चाहिए ?"

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "आपको यकीन किस पर नहीं करना चाहिए ?": " 'आपको यकीन किस पर नहीं करना चाहिए ?' नदीनाम=जलाशयों पर यकीन न करें ,शस्त्रपाणिनाम=जिनके कर में सदा शस्त्र रहते हों ,नाखिनाम=जो..."

"आपको यकीन किस पर नहीं करना चाहिए ?"

             "आपको यकीन किस पर नहीं करना चाहिए ?"
नदीनाम=जलाशयों पर यकीन न करें ,शस्त्रपाणिनाम=जिनके कर में सदा शस्त्र रहते हों ,नाखिनाम=जो नाख़ून वाले जीव हों ,सृंगीनान्यथा- जिनके सिग होते हों ,अपनी पत्नी को छोड़कर किसी भी महिला पर विशेष यकीन न करें ,-और अंत में-राज्यकुलेषु च=अब राज्य तंत्र तो नहीं है -तो सरकारी सेनिकों पर ,विश्वासो नैव कर्तव्यः -मित्रप्रवर- ये उपदेश अभी भले ही आपलोगों को अच्छे नहीं लगते हों किन्तु कभी न कभी आपके जीवन को सार्थक करेंगें |=[राम -राम]    
Life will never provide warrenties & guarantees 4 success..It can provide possiblites & opportunities2 convert them into success,GOOD DAY,

सोमवार, 1 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "यथा राजा तथा प्रजा "[राजा के अनुसार ही प्रजा होती...

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "यथा राजा तथा प्रजा "[राजा के अनुसार ही प्रजा होती...: " 'यथा राजा तथा प्रजा '[राजा के अनुसार ही प्रजा होती है ] 'राजा दिलीप सिंह ' सयोग से कम पढ़े लिखे थे ,तो उनके पुरोहित भला अत्यधिक पढ़..."

"यथा राजा तथा प्रजा "[राजा के अनुसार ही प्रजा होती है ]

           "यथा राजा तथा प्रजा "[राजा के अनुसार ही प्रजा होती है ] "राजा दिलीप सिंह " सयोग से कम पढ़े लिखे थे ,तो उनके पुरोहित भला अत्यधिक पढ़े क्यों होते ? परन्तु "राजा " के मन बिचार आया की ,क्यों न हम कुछ दान पुन्य करें ,परन्तु यह बत "राजा "को पत्ता थी, कि हमारे पंडितजी भी कम पढ़े लिखें हैं ,तो हम दान किसी योग्य ब्राह्मण को ही देंगें | दान देने की परिचर्चा की "भूदेव" से | भूदेव ने सोचा कि हम कुछ सोचते हैं कि यह धन हमें ही मिले ,एक तो हमने जीवन भर चाकरी की है ,इस राजा की और जब दान की बात आई है तो किसी विद्वान  को देगा -द्विज ने कहा कि हे राजन ! आपतो किसी विद्वान को दान देना चाहते हो, किन्तु आप भी तो अनभिग्य हो,"राजा" बोला  फिर हम क्या करें -आपको हम एक शलोक देते हैं -जो इस प्रकार से आपको समझा दे तो आप उसको विद्वान समझ लेना -"राजा "बोला अच्छी बात है -शलोक का भा समझो -शुक्लांबर्धरमदेवं-चान्दी का सिक्का है -उसका रंग सफेद है | शशि वर्णम चतुर भुजम-चार चोवन्नी बराबर एक रुपया [ये चतुर्भुज हो गए न ]-प्रसन्न वदनं ध्यायेत -जिस किसी को यह चान्दी का सिक्का मिल जायेगा वो प्रसन्न हो जायेगा | सर्व विघ्नोप शान्तये -किसी गरीब को चान्दी का सिक्का मिल जायेगा तो -उसकी उस दिन की बाधा समाप्त हो जाएगी | "राजा " सभी विद्वानों को आमंत्रित किया की जो भी हमारे इस शलोक का सही भाव हमें समझा देगा तो हम उसको आधाराज्य एवं आज्ञा का पालन हम करेंगें | सभी विद्वान आते गए और कारागार में राजा डालता गया  सभी ने भगवान विष्णु का भाव समझाए कारण यह शलोक विष्णु  का ही है ,यह भूदेव अति प्रसन्न हो रहे थे कि अब दान हमें ही मिलेगा | रत को जब भोजन कर रहे थे तो पत्नी ने पूछा कि आखिर सभी विद्वानों को राजा कारागार में क्यों डाल रहा है, जबकि शलोक भा भाव भी यही है -भूदेव भोले तुम्हारी समझ में नहीं आएगी -उस सभा में एक कम पढ़े लिखे पंडितजी थे उन्होंने कहा -हम तो देखने मात्र आये हैं -जब देख कि शलोक भी सही है भाव भी सही है तो फिर "राजा " अन्दर क्यों डाल देता है -रात्रि में  भूदेव के घर के पीछे रुक गए कि आज पत्ता चल जायेगा कि बात क्या है -पत्नी नहीं मानी, बोली आज तो आपको बताना ही पड़ेगा ,कि बात क्या है| भूदेव बोले कि हमने शलोक का भाव ही बदल दिया है -और कोई भी वो भाव नहीं बता सकता है ,पुनः "राजा " धन हमको दे देगा | अगले दिन वो पंडितजी जो सुन रहे थे सभा में पहुंचे ,एवं जबाब दिया -"राजा "प्रसन्न हुआ -राजा ने कहा अब हम आपकी आज्ञा का पालन करेंगें -पंडितजी बोले -सबसे पहले तुम सभी विद्वानों को स सम्मान भेज दो और हमसे -व्याकरण पढों -"राजा " बोला हम तो पढना ही चाहते थे ,व्याकरण पढ़ी -पंडितजी बोले अब अर्थ लगाओ -"राजा " बोला यह तो भगवान विष्णु का शलोक है ,हमने बहु पाप किया प्राश्चित करना चाहिए अपने राज्य का परित्याग किया -अध्यन -अध्यापन  के लिये राज्य को छोड़कर चला गया [भाव मित्र बंधुओं -हम किसी भी विद्वानों को या शास्त्रों को तभी समझ पायेंगें जब हम पूर्ण ज्ञान प्राप्त करेंगें ||          

              

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "लोभ से हित कम अहित विशेष होता है "

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "लोभ से हित कम अहित विशेष होता है ": " 'लोभ से हित कम अहित विशेष होता है ' लोभात क्रोधः प्रभती-लोभ से क्रोध उत्पन्न होता है | लोभात का..."

"लोभ से हित कम अहित विशेष होता है "

                                           "लोभ से हित कम अहित विशेष होता है "  
लोभात क्रोधः प्रभती-लोभ से क्रोध उत्पन्न होता है | लोभात काम प्रजायते-और लोभ से काम की भी उत्पत्ति होती है | लोभान मोहश्च नाशश्च -पुनः लोभ से मोह तथा मोह से हमारा नाश होता है | लोभः पापस्य कारणं-मित्रप्रवर संसार के सभी पापों की जड़ लोभ होता है | भाव -जो मिले उसे अपना भाग्य एवं परसाद समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए ,इससे हमारा भविष्य सही रहता है |[राम -राम ]
=[care is d sweetest essence in d world If sum1says take care-It Means u live in that person's Heart till d best d last beat...gud mrng..]

रविवार, 31 अक्तूबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "आपकी "राशी "मासिक फल "[१-११से १-१२-२०१२ तक ]

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": "आपकी "राशी "मासिक फल "[१-११से १-१२-२०१२ तक ]: " 'आपकी 'राशी 'मासिक फल '[१-११से १-१२-२०१२ तक ] मित्रप्रवर,'ज्योतिष सेवा सदन ' आपके लिये हर मास 'आपकी राशी 'मासिक फल' लेकर आके द्वार आता है ..."

"आपकी "राशी "मासिक फल "[१-११से १-१२-२०१२ तक ]

 "आपकी "राशी "मासिक फल "[१-११से १-१२-२०१२ तक ]
मित्रप्रवर,"ज्योतिष सेवा सदन " आपके लिये हर मास  "आपकी राशी "मासिक फल" लेकर आके द्वार आता है | अपनी अपनी राशी के अनुसार देखें.|
[१]-मेष -पराक्रम में उन्नति ,रोग संभव है ,दाम्पत्य सुख में क्लेश आ सकता है ,चोट का भय है ,भाग्योदय होगा ,आय का साधन बनेगा ,[हनुमानजी की उपासना जरुर करें ]
[२]-ब्रिष -धन ,संतान ,शत्रुओं से साबधान रहें कष्ट संभव है |पत्नी से विवाद न करें ,भाग्य ,कर्मक्षेत्र ,एवं मित्रों से लाभ संभव है [शुक्रवार को सफेद वस्तुओं का दान करें ]
 [३]-मिथुन -मानसिक क्लेश होगा ,संपत्ति ,वाहन तथा भाग्य के क्षेत्र में उन्नति होगी ,घर में विवाद न करें ,अनायास भ्रमण करना पड़ेगा [बुद्धवार को हरि सब्जी किसी भूदेव को जरुर दें]
[४]-व्यय होगा पराक्रम एवं मित्र बंधुओं से लाभ होगा ,संपत्ति वाहन अभि न लें ,संतान से ख़ुशी मिलेगी ,रोग से पदेशन हो सकते हैं [सोमवार को दूध का दान करें ]
 [४]-सिंह -धन का लाभ और नुकशान भी होगा ,प्रभाव क्षेत्र उत्तम रहेगा ,संतान से चिंतित हो सकते हैं ,घर में शांति का आभास होगा ,[रविवार ,और शनिवार को गुड का दान करें ]
[५]-कन्या -काम देर से होगा किन्तु उत्तम होगा ,धन का लाभ होगा ,संपत्ति वाहन अभि न लें ,शत्रुता न करें ,आय के लिये चिंतित न हों [बुद्ध या शनिवार को मुंग की दाल दान करें ]
[७]-तुला -मानसिक क्लेश रहेगा ,धन एवं संपत्ति का योग है ,पराक्रम में अवनति संभव है,संतानों से ख़ुशी मिलेगी ,भाग्य में मिला जुला असर रहेगा [शुक्रवार को साबूदाना का दान करें]
[८]-वृश्चिक -उन्नति होगी ,धन का लाभ होगा ,प्रभाव क्षेत्र को मजबूत करें ,माता ,संपत्ति एवं वाहन के लाभ होंगें [मंगलवार को केला या चने खिलाएं बंदरों को]
 [९]-धनु -मन को प्रसन्न रखें ,प्रभाव क्षेत्र में चिंतित न हों ,घर में कोशिश करें की विवाद न हो ,स्थान परिवर्तन का योग है ,कुछ नई वस्तु लायेंगें [शनिवार और गुरवार को कुत्ते को दूध जरुर पिलायें ]
[१०]-मकर -धन का आगमन होगा ,शत्रु  परास्त होगा,संतान से लाभ होगा ,रोग संभव है ,भाग्योदय होगा ,विशेष पद की प्राप्ति संभव है [शनिवार को लोह निर्मित किसी वस्तु का दान करें ]
[११]-कुम्भ -मन को शांत रखें ,संपत्ति ,वाहन, एवं माता से मधुरता बनाये रखें ,संतान से क्लेश होगा ,स्वास्थ पीड़ा संभव है ,भाग्य से लाभ होगा ,कर्मक्षेत्र  में उन्नति होगी [शनिवार को काले चने का दान करें ]
[१२]-संपती वाहन का योग भी है और नहीं भी ,शत्रुता न  करें ,उदर रोग संभव है ,भाग्य आपका इंतजार कर रहा है ,कर्म क्षेत्र में उन्नति होगी ,खर्च का विशेष योग है [चने की दाल एवं गुड गाय को खिलाएं गुरुवार को ]
 भवदीय  निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "मेरठ |
संपर्क सूत्र -०९८९७७०१६३६.०९३५८८८५६१६.   

 
 


 

 



  

jyotish seva sadan"jha shastri": jyotish seva sadan "jha shastri"

jyotish seva sadan"jha shastri": jyotish seva sadan "jha shastri": "'ज्योतिष सेवा सदन ' निरंतर आपकी सेवा में तत्पर रहता हैं | रात्रि ८ से ९ ऑनलाइन जीमेल पर [दोस्ती से ]-निःशुल्क एवं निःसंकोच | [१]-आप हमारी सह..."