ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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शनिवार, 25 अगस्त 2012

"आपका "योग "हमारा "सहयोग " फिर देखें "संयोग "?"

---ज्योतिष शास्त्र में योगों का बहुत महत्त्व बताया गया है।---एक कहावत है कि "मंदिर में भोग "अस्पताल में रोग "--और ज्योतिष में "योग "का अपना एक अलग महत्त्व है ।
-------जिस प्रकार से विभिन्न चीजों को आपस में एक विशेष अनुपात में मिलाने से सुस्वाद व्यंजन -आदि  {भोजनादि } तैयार होते हैं ,ठीक उसी प्रकार दो या अधिक ग्रहों के संयोग से विशेष योग भी बनता है ,जिसका विशेष महत्त्व जातक के जीवन में पड़ता है ।
---------हम निरंतर उन योगों को लिखने का प्रयास करते रहते हैं ।कभी सात ग्रहों की ही गणना होती थी ।फिर नवग्रहों की गणना होने लगी ।आजकल -द्वादश {12} ग्रहों की गणना की जाती है ---आप सभी जानते हैं ,किन्तु ---ग्रहों की स्थिति भले ही निर्बल हो ,परन्तु सबल योग के कारण हमारे जीवन में कभी -कभी -विशेष संयोग बन जाता है -----ये योग के कारण ही होता है ।।
------आशा है -जो "कालसर्पयोग "को नहीं मानते हैं ------? उपरोक्त ज्योतिष ग्रंथों में हजारों प्रकार के योगों की परिचर्चा की गई है ----जो मंदिर में होते हैं -वो भले ही "भोग "का महत्त्व न दें किन्तु परोसी देते हैं या भक्त "भोग "पाने के लिए लालायित रहते हैं ।{2}-जो अस्पताल का निरंतर चक्कर लगाते रहते हैं -दुःख केवल वही समझ सकते हैं --चिकित्सक भले ही न समझें ।-{3}-जिनको ज्योतिष एवं ज्योतिषियों के प्रति आस्था होती है ----भविष्य में होने वाला "संयोग "को केवल वही मान सकते हैं ।।
------भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "---कार्यालय -कृष्णपुरी धर्मशाला {मेरठ -उत्तर प्रदेश}
ज्योतिष सदस्यों हेतु संपर्क सूत्र -9897701636--9358885616---!!  

शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

"धनु एवं मीन लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग "हो तो ?"

----धनु एवं मीन लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग "हो तो वैसे जातक पराधीन कार्य या नौकरी वगैरह में सफल नहीं होते हैं ।बाहरी स्त्रियों के संयोग से या पुरुषों के संयोग से स्वतंत्र कार्य क्षेत्र में अपनी जड़ मजबूत कर सकते हैं ,परन्तु घर की स्त्री या पुरुष के षड्यंत्र से उनकी सारी उन्नति अवरुद्ध भी हो जाती है ।समाज में बहुचर्चित बनते हैं ,परन्तु संकोची स्वाभाव के कारण धन का अभाव बना रहता है ,कमाया धन भी खो बैठते हैं ।इनका पारिवारिक जीवन बहुत संघर्षमय होता है ।इनके सीने में तमाम दर्द छुपे रहते हैं ,पर चेहरा मुस्कुराता रहता है ।।
-------नोट ---कालसर्पयोग ---वाली कुंडली में एक कारक ग्रह उच्च का हो एवं दूसरा आकारक ग्रह भी उच्च का हो तो ----वैसे जातक हर जगह अपनी धाक जमा लेते हैं ,तथा असंभव कार्य भी आसानी से कर लेते हैं ।धनु राशि  के जातक ठान लेने पक्के और रसीले मिजाज के होते हैं ।सूर्य के साथ शनि और चन्द्र के साथ बुध की युति होने पर "कालसर्पयोग "धनवान सुविख्यात और भी बना देता है ।।
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "मेरठ -उत्तर प्रदेश }
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मंगलवार, 21 अगस्त 2012

"कर्क लग्न की कुंडली में "कालसर्पयोग"हो तो ?"

---किसी  भी  जातक की कुंडली में "कर्क "लग्न हो साथ ही "कालसर्प योग "भी कर्क लग्न में हो तो -वैसे जातक  न अच्छी तरह कमा पाते हैं और न कामयाबी के साथ कोई व्यापार कर सकते हैं ।एक साथ कई काम करने की हिम्मत रखते हैं ,पर सब जगह अधूरे साबित होते हैं ।यदि वे डाक्टर ,वकील ,ज्योतिषी ,ट्यूटर ,कलाकार आदि स्वतंत्र कार्य क्षेत्र के विशेषग्य बन जायेंगें तो खूब धन कमाते हैं ।चारो तरफ शोहरत होती है फिर भी शारीर से स्वस्थ और परिवार से प्रसन्न नहीं रहते हैं ।।
-------{नोट -अगर आप "कर्क लग्न "के जातक हैं ,आपकी कुंडली में लग्न में यह -"कालसर्पयोग "हो तो फलित यथावत ही आपके जीवन में घटेगा }
-----प्रेषक ----पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "-=कार्यालय -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -उत्तर प्रदेश }
   ज्योतिष सदस्यों के हेतु उपलब्ध =हेल्प लाइन=09897701636=9358885616  

सोमवार, 20 अगस्त 2012

"मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष हो तो ?"

"मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में "कालसर्प दोष हो तो ?"
-----मिथुन एवं कन्या लग्न की कुंडली में जब कालसर्प दोष बनता है तो जातक --नौकरी जीवी होने पर ऊँचा ओहदा पाने का ख्वाब जरुर देखते हैं ,पर सफल नहीं हो पाते ।स्टील -फर्नीचर -लकड़ी आदि का व्यापार करें या कोई अन्य फैक्टरी लगाये तो उसमें जिल्लतों {दिक्कतों }का सामना करना पड़ता है ,केवल गुजारे भर की आमदनी ही मुश्किलों के साथ कर पाते हैं ।खरीद -बिक्री ,कमीशन ,एजेंसी ,दलाली आदि का कार्य करें तो दस बार का मुनाफा एक ही बार के घाटे में चुकता करना पड़ जाता है । 
{नोट -यदि आपकी कुंडली नहीं है ,और इसी प्रकार से जी रहे हैं तो भी आप समझें की आपकी कुंडली में ऐसा ही दोष होगा }
------------निवेदक पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "ज्योतिष सेवा सदन कार्यालय {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा के लिए सदस्य बनना होगा ,जिसका आजीवन सदस्यता शुल्क 500 हैं ।
--खाता संख्या - 20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री ,मेरठ के नाम जमा करना होगा ।
जानकारी हेतु उपलब्ध सूत्र ---9897701636---9358885616---!!