"लोभ से हित कम अहित विशेष होता है "
लोभात क्रोधः प्रभती-लोभ से क्रोध उत्पन्न होता है | लोभात काम प्रजायते-और लोभ से काम की भी उत्पत्ति होती है | लोभान मोहश्च नाशश्च -पुनः लोभ से मोह तथा मोह से हमारा नाश होता है | लोभः पापस्य कारणं-मित्रप्रवर संसार के सभी पापों की जड़ लोभ होता है | भाव -जो मिले उसे अपना भाग्य एवं परसाद समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए ,इससे हमारा भविष्य सही रहता है |[राम -राम ]
=[care is d sweetest essence in d world If sum1says take care-It Means u live in that person's Heart till d best d last beat...gud mrng..]

-आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]
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---जिस दिशा में 'शुक्र "सम्मुख एवं जिस दिशा में दक्षिण हो ,उन दिशाओं में बालक ,गर्भवती स्त्री तथा नूतन विवाहिता स्त्री को यात्रा ...
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{१}ज्योतिष सेवा निःशुल्क एकबार सभी मित्रों को मिलेगी । --{२}-आजीवन ज्योतिष सेवा सदस्य शुल्क =500 रूपये देने पर ,आजीवन अपने परिवार की जानक...
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सोमवार, 1 नवंबर 2010
"लोभ से हित कम अहित विशेष होता है "
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"jha shastri"
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