"गृह-द्वार और देव मंदिर के पास मकान सोचकर बनायें ?"
---भवन के भाग में द्वार करना हो ,उस भाग के 9 भाग करके पांच भाग दक्षिण और तीन भाग उत्तर में छोड़कर शेष भाग में द्वार बनाना चाहिए ।वाम ,दक्षिण का अर्थ मकान से निकलते समय कर चाहिए ।।
---{1}-ब्रह्मा के मंदिर के बगल में तथा विष्णु ,सूर्य ,शिव -मंदिर के सामने -भवन नहीं बनाना चाहिए ?
{2}-जैन मंदिर के पीछे भवन नहीं होना चाहिए ?
{3}-देवी -मंदिर के किसी भी भाग में भवन शुभ नहीं होता है ?
--------भवन का निर्माण करते समय इन बातों ध्यान रखने से ,भविष्य सुखमय हो सकता है ।
---निवेदक ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
सदस्यों की सहायता हेतु सम्पर्क सूत्र -09897701636,09358885616
--सदस्यता शुल्क आजीवन {500}पाँच सौ रूपये केवल ।
-खाता संख्या -20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।
---भवन के भाग में द्वार करना हो ,उस भाग के 9 भाग करके पांच भाग दक्षिण और तीन भाग उत्तर में छोड़कर शेष भाग में द्वार बनाना चाहिए ।वाम ,दक्षिण का अर्थ मकान से निकलते समय कर चाहिए ।।
---{1}-ब्रह्मा के मंदिर के बगल में तथा विष्णु ,सूर्य ,शिव -मंदिर के सामने -भवन नहीं बनाना चाहिए ?
{2}-जैन मंदिर के पीछे भवन नहीं होना चाहिए ?
{3}-देवी -मंदिर के किसी भी भाग में भवन शुभ नहीं होता है ?
--------भवन का निर्माण करते समय इन बातों ध्यान रखने से ,भविष्य सुखमय हो सकता है ।
---निवेदक ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
सदस्यों की सहायता हेतु सम्पर्क सूत्र -09897701636,09358885616
--सदस्यता शुल्क आजीवन {500}पाँच सौ रूपये केवल ।
-खाता संख्या -20005973259-कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।
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