ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

"कर्मकांड की पाठशाला "

                                                   "कर्मकांड की पाठशाला "
          अनभ्यासे विषम विद्या -अभ्यास नहीं करने पर  विद्या विष के सामान हो जाती है  |अजिरने भोजनं विषम -अत्यधिक भोजन करने पर भोजन भी जहर के सामान हो जाता है | विषम सभा दरिद्र्सय -जानते हैं ,विद्वानों की सभा में कोई अनपढ़  हो तो ?दुश्कलो मानिनो विषम -और जब मन खिन्न रहने लगे तो वो भी विष के सामान हो जाता है.|

1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

"कर्मकांड की पाठशाला "

अनभ्यासे विषम विद्या -अभ्यास नहीं करने पर विद्या विष के सामान हो जाती है |अजिरने भोजनं विषम -अत्यधिक भोजन करने पर भोजन भी जहर के सामान हो जाता है | विषम सभा दरिद्र्सय -जानते हैं ,विद्वानों की सभा में कोई अनपढ़ हो तो ?दुश्कलो मानिनो विषम -और जब मन खिन्न रहने लगे तो वो भी विष के सामान हो जाता है.|