---कन्या राशि में वक्री शनि २५ जून २०१२ तक उपद्रवों का कारण बनेगा ---"कन्या मीने यदा सौरी राशि वक्रं प्रजायते |
नृपायुद्धं भयं लोके दुर्भिक्षं तत्र जायते ||-----के अनुसार किन्हीं देशों में युद्धभय,प्राकृतिक प्रकोप ,भूकंप ,दिग्दाह ,आंधी -तूफान ,अग्निकांड की त्रासदी झेलनी पड़ेगी |असामान्य परिस्थितियों में अकाल जैसे हालात बन सकते हैं | अंतर्राष्ट्रीय शांति परिचर्चा होगी | कश्मीर का मुद्दा और भी उलझ सकता है |अमेरिका आदि प्रभावी देश दखल देने की कोशिश करेंगें |आस्तीन के सापों से देश के कर्णधारों को सचेत रहना चाहिए अन्यथा हानि होगी देश को |
तेजी -मंदी विचार ---सूर्य के साथ पांच ग्रह संयोग तेजी का संकेत है |----आगे पीछे बहुत ग्रह ,सूर्य से तामस योग | हा !हा ! कार होय जग ,बाढ़े रोग वियोग ||{राजधानी } ----मंहगाई की मार से त्राहि -त्राहि मचेगी | सरकार आयात -निर्यात नीति पर पुनर्विचार करेगी |सतर्कता बरती गयी तो मंहगाई कुछ कम कम होगी ||
--आकाश लक्षण -इस पक्ष गर्मी बेतहासा पड़ेगी | बुध रशिचार -गुरु- शुक्रउदयास्त के प्रभाव से मौसम ख़राब होगा |जहाँ -तहां वर्षा होने से कुछ राहत मिलेगी देश के दक्षिण संभागों में वर्षा अधिक होगी | आंधी-तूफान जानलेवा सिद्ध हो सकता है | आगे अच्छी फसल की उम्मीद की जा सकती है ||
भवदीय- निवेदक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
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