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गुरुवार, 28 अक्टूबर 2010

"एक ही चाँद सम्पूर्ण संसार को प्रकाश देता है न किअशंख्य ताराएँ "

                "एकशचन्द्रःतमोहन्ति न च ताराशतान्यपी"
  मित्रप्रवर ="एक ही चाँद सम्पूर्ण संसार को प्रकाश देता है, न किअशंख्य ताराएँ "भाव - बहुत पुत्रों से क्या होना है ,एक ही पुत्र हो ओउर कामयाब हो,हम सभी अच्छे बनें ,जिससे चाँद की तरह ,देदीप्यमान आभा से, सम्पूर्ण संसार को प्रकाशित करते रहें |-[राम -राम ]
=२=
 This quote Has Inspired Me 2 work Hard & Realized Value of Time "EVERY DROP OF SWEAT AT YOUNG AGE WIL REDUCE OUR TEN DROPS OF TEARS IN OLD AGE...

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