"रवि योग एवं सिद्धि योग-को जानने की कोशिश करते हैं ?"
संसार के सभी शुभ कार्यों {विवाह को छोरकर } में इन योगों का उपयोग कर सकते हैं |--------रवि योग --{१}--रवियोग भी उपरोक्त योगों की तरह सभी शुभ कार्यों में प्रयोग करते हैं | शास्त्रों में-कहा गया है कि-जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है ,उसी तरह से -रवि योग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है ,----अर्थात -इस योग में सभी शुभ कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होते हैं ||
---{२}-सिद्धि योग ---भी सर्वार्थ सिद्धि आदि और रवि योगों की भांति ही महत्वशाली हैं |उपरोक्त योगों में किये जाने वाले सभी कार्य इसमें भी किये जा सकते हैं |शास्त्रों का कहना है कि सिद्धि योग में यम्घंत ,vish ,आदि कुयोगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है ||
भाव हम हम अपने किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत --इन योगों में करें तो उत्तम रहेगा -किन्तु परामर्श अपने पुरोहित जी से अवश्य लें ||
भवदीय निवेदक "पंडित के० एल ० झा शास्त्री {किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -उत्तर प्रदेश } निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30 तक प्रति रात्रि सभी मित्रों के लिए उपलब्ध रहती है | ज्योतिष जानकारी केवल संपर्क सूत्र द्वारा ही मिल पायेगी सभी मित्रों को ?--09897701636 ,09358885616
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