"गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?जीव और धरती !"
"यदा सुर गुरुर्मेषे सुखं सर्वजनेषु च ,सुभिक्षम क्षेमारोग्यम सुखिनो मेदिनी भवेत् ||
जब "गुरु " मेष राशि में-प्रवेश करते हैं -तो विश्व के कोई देश या प्रदेश संकट मुक्त होने लगते हैं | देश में कुछ लोगों के कारण-कलह होने की सम्भावना भी बन जाती है | शाशकों को दिक्कतों से सामना करने पड़ते हैं | सत्ता बदलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं | --८-मई-२०११को गुरु मेष राशि में आये थे | तब से जन -जीवन के प्रति सत्ता पक्ष को जनता को शांति नहीं मिल रही है -दोनों अशांत हैं |
"सूर्य पुत्रो तुला याति ह्युग्न्यु पद्रव मादिशेत |
सत्पधान्य महार्घानी मेदिनी नष्ट कारिका ||
के अनुसार सातों अनाज मंहगे होंगें | विश्व का कोई देश -प्रदेश अथवा महानगर तहस -नहस हो सकता है ||
अब जब शनि तुला राशि में हैं -गुरु मेष राशि में -शनि जहाँ होते हैं -वहां उत्तम होता है ,गुरु की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो अच्छी होती है,किन्तु गुरु जहाँ होते हैं उस स्थान की हानी होती है| शनि की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो हानिकारक हो जाती है |एक देव ग्रह हैं तो एक पापी ग्रह | तुला राशि के जातक, देश, प्रदेश को सबसे विशेष लाभ मिलने वाले हैं -शनि एवं गुरु दोनों से ,इतना ही नहीं -मिथुन , सिंह , तुला ,एवं धनु राशि के जो भी होंगें उन्हें असीमित लाभ होंगें | धनु -राशि के साथ द्वन्द की स्थिति रहेगी |मेष ,कर्क राशि - के साथ संघर्ष झेलने पड़ेंगें | वृष एवं वृश्चिक -के लोग या देश या फिर प्रदेश कोई भी -अन्तः करण या शत्रुता के करण अशांत रहेंगें |अन्य राशि के जातक मस्त रहेंगें अर्थात इधर न उधर मन करे जिधर रहेंगें |
शनि एवं गुरु के आमने सामने की स्थिति -मई 2012 तक रहेगी | परन्तु 2014 तक शनि के प्रभाव से मुक्त नहीं होगी दुनियां ||
चाहकर भी अच्छे कार्ज ,ईमानदारी , नहीं हो पायेंगें | अधर्म के पथ प्रशस्त होंगें ,प्राकृतिक मार ने नहीं बचेंगें | भावी मेट सके त्रिपुरारी -धर्म से ,सत्य के पथ से ही जीवन को धरती को बचा पायेंगें || मेष एवं कर्क राशि के जातक -गुरु एवं शनि की उपासना करें,तो दिक्कतों के सामने नतमस्तक नहीं होंगें ||
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा -१८-११-२०११से१०-१२-२०११-तक उपलब्ध नहीं रहेगी ||
कुशल क्षेम सूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616
"यदा सुर गुरुर्मेषे सुखं सर्वजनेषु च ,सुभिक्षम क्षेमारोग्यम सुखिनो मेदिनी भवेत् ||
जब "गुरु " मेष राशि में-प्रवेश करते हैं -तो विश्व के कोई देश या प्रदेश संकट मुक्त होने लगते हैं | देश में कुछ लोगों के कारण-कलह होने की सम्भावना भी बन जाती है | शाशकों को दिक्कतों से सामना करने पड़ते हैं | सत्ता बदलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं | --८-मई-२०११को गुरु मेष राशि में आये थे | तब से जन -जीवन के प्रति सत्ता पक्ष को जनता को शांति नहीं मिल रही है -दोनों अशांत हैं |
"सूर्य पुत्रो तुला याति ह्युग्न्यु पद्रव मादिशेत |
सत्पधान्य महार्घानी मेदिनी नष्ट कारिका ||
के अनुसार सातों अनाज मंहगे होंगें | विश्व का कोई देश -प्रदेश अथवा महानगर तहस -नहस हो सकता है ||
अब जब शनि तुला राशि में हैं -गुरु मेष राशि में -शनि जहाँ होते हैं -वहां उत्तम होता है ,गुरु की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो अच्छी होती है,किन्तु गुरु जहाँ होते हैं उस स्थान की हानी होती है| शनि की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो हानिकारक हो जाती है |एक देव ग्रह हैं तो एक पापी ग्रह | तुला राशि के जातक, देश, प्रदेश को सबसे विशेष लाभ मिलने वाले हैं -शनि एवं गुरु दोनों से ,इतना ही नहीं -मिथुन , सिंह , तुला ,एवं धनु राशि के जो भी होंगें उन्हें असीमित लाभ होंगें | धनु -राशि के साथ द्वन्द की स्थिति रहेगी |मेष ,कर्क राशि - के साथ संघर्ष झेलने पड़ेंगें | वृष एवं वृश्चिक -के लोग या देश या फिर प्रदेश कोई भी -अन्तः करण या शत्रुता के करण अशांत रहेंगें |अन्य राशि के जातक मस्त रहेंगें अर्थात इधर न उधर मन करे जिधर रहेंगें |
शनि एवं गुरु के आमने सामने की स्थिति -मई 2012 तक रहेगी | परन्तु 2014 तक शनि के प्रभाव से मुक्त नहीं होगी दुनियां ||
चाहकर भी अच्छे कार्ज ,ईमानदारी , नहीं हो पायेंगें | अधर्म के पथ प्रशस्त होंगें ,प्राकृतिक मार ने नहीं बचेंगें | भावी मेट सके त्रिपुरारी -धर्म से ,सत्य के पथ से ही जीवन को धरती को बचा पायेंगें || मेष एवं कर्क राशि के जातक -गुरु एवं शनि की उपासना करें,तो दिक्कतों के सामने नतमस्तक नहीं होंगें ||
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा -१८-११-२०११से१०-१२-२०११-तक उपलब्ध नहीं रहेगी ||
कुशल क्षेम सूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616
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