" घटना" देश एवं विदेश की {१६ जून से १ जुलाई तक}
"यत्र मासे पञ्चवाराह जायन्ते च ब्रिहस्पतेह-विग्रह पश्चिमे देशे खड्गयुद्ध च जायते ||
जिस मास [महिना ] में पांच गुरूवार पड़े तो देश एवं विदेश में आंतरिक कलह के साथ -साथ राजविग्रह-राजा एवं प्रजाओं में युद्ध अर्थात मत भिन्नता के चलते क्लेश होता है जिस कारण से-जन एवं धन की हानी होती है ||
भय और आतंक से दुखी प्रजा भागती फिरे तो आश्चर्य की बात नहीं |सम्पन्नशील देश शांति के लिए कोशिश भी करेंगें |भारत -की पश्चिमी सीमा पर विशेष चौकसी बरतनी चाहिए ||
---किसान के लिए अति उत्तम समय रहेगा |अन्न का उत्पादन बढ़ने से किसान प्रसन्न रहेंगें |किन्तु कही -कहीं हानी भी होगी ||
तेजी मंदी की बात करें तो -तिथियों की घटा -बढ़ी के कारण तेजी के योग बनायेंगें ||
कृष्ण पक्ष की तिथि बढे ,शुक्ल पक्ष बढ़ जाय-एक वस्तु तो क्या घटे ,सभी वस्तु घट जाय ||
वस्तुओं की भारी कमी मंहगाई का कारण बनेगी | -मिथुन राशि का शुक्र-जौं,गेहूं ,आटा,चावल आदि में विशेष तेजी करेगा ||
शेयर एवं शर्राफा बाजार की बात करें तो -इसमें दो तरफा चाल रहेगी -{आगे कभी पीछे }
आकाश लक्षण -२२जुन से आर्द्र में सूर्य का प्रवेश होने से -वायु प्रधान समय होगा -देश के विशेष भाग में मानसून से पूर्व ही विशेष वर्षा के योग हैं ||२४ के आसन्न मौसम विशेष खराब हो सकता है |हम सभी को धर्म की शरण लेनी चाहिए क्योंकि आने वाला समय -बहुत ही हानी हो सकती है ||
भवदीय "झा शास्त्री "मेरठ {उत्तर प्रदेश }
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