"माघ -शुक्ल" {पाक्षिक} ज्योतिष विचार-२४से ०७-०२-२०१२ तक ?"
संवत्सर के अंत में शनि वक्री होगा ,एवं गुरु अतिचारी होंगें -जिस कारण से-विश्व के किन्हीं देशों में हो हल्ला मचेगा । जैसे -पाकिस्तान ,ईरान-इराक ,बहरीन ,नेपाल ,श्रीलंका ,बंगलादेश ,म्यमार ,अंडमान निकोबार द्वीप समूह आदि देश में अशांति होगी । भयान्तक तथा प्राकृतिक उपदवों के चलते भुखमरी से त्रस्त प्रजा पलायन करेगी । राजनीती में उलटफेर होगा ।कहीं युद्ध का भय सताएगा । प्रादेशिक सरकार को सचेत रहना chahiye ।।
तेजी मंदी के क्षेत्र में यथावत स्थिति रहेगी -मकर का बुध सहायक सिद्ध होगा ।
"निशापतेश्च तनयः शनि क्षेत्रे यदा भवेत् ।
समभावः सुखं दुखं तथैव च शुभाशुभम ।।
सरकार व्यापार में दखल दे सकती है । ऊनी ,सूती वस्त्र ,तिल ,मूंगफली , पटसन ,स्टील ,ईंट -सीमेंट ,सरिया के दम बढ़ सकते हैं ।।
मंगलवार की पूर्णिमा पड़ने से -विश्व के लिए उत्तम नहीं होगा ?
"माघस्य मासे रविजे कुजेवा भावेद्मा शीतकर प्रिय व ।लोकः सशोकः क्षितिपाल लोक परस्परं शास्त्र संघेह ।।--भाव -मंगलवार को पूर्णिमा तिथि यदि पड़े तो -शीतलहर , अप्रिय घटना ,जनहानि ,राजा एवं प्रजा को बहुत ही कष्ट झेलने पड़ते हैं ।।
आकाश लक्षण - पक्ष के आरंभ में एवं अंत में भारी मेघ गर्जन,ओला वृष्टि होगी । भारी बर्फ गिरने से यातायात बाधित होगी ।।
भवदीय "झा शास्त्री "{मेरठ }
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