"देश -विदेश ज्योतिष पाक्षिक विचार -०८-से२१-०२-२०१२ तक?"
मास में पांच बुधवार होने से उत्तम योग है किन्तु "गुरूवार " के भी होने से उत्तम नहीं है । अतः -विश्व में शुभाशुभ फलों की मिलीजुली प्रक्रिया होगी ।।
-अतिचार गते जीवे शनौ वक्रत्व भागते । हा !हा !भूतं जगत्सर्वं रुण्ड -मुन्डा च मेदिनी ।।
भाव -वक्री "शनि" एवं अतिचारी "गुरु" का प्रतियोग संवत्सर २०६८अर्थात - २०१२ में -जगत में हाहाकार मचाएगा । संसार में -युद्ध अथवा उत्पात के कारण जीव जंतुओं की विशेष हानी होगी ।चारो तरफ हो हल्ला मचेगा ।जनता अशांत होगी ।साउदी अरब,इरान ,इराक ,पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,चीन ,भंगोलिया ,रूस ,जापान एवं थाईलेंड के लिए समय अनुकूल नहीं है । देश के रक्षकों को विशेष सचेत रहना चाहिए ।
तेजी -मंदी -१३ फरवरी में हुई कुम्भ संक्रांति -तेजी कारक है ।
तिथि घटा -बढ़ी फल -उत्तम रहेगा । चल रहे भावों में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा ।खेती में पर्याप्त उन्नति होगी ।उद्योगों में उत्पादन बढ़ने से मंहगाई कम होगी ।
शेयर शर्राफा बाजार-में दो तरफा चाल चलेगी ।
अनाज ,दल ,चावल ,मेवादी के भाव यथावत रहेंगें ।
आकाश लक्षण -प्रतिकूल नाड़ी वेध के कारण जहाँ -तहां ,बादालचाल ,बूंदाबांदी का संयोग बनेगा ।शिवरात्रि के आसपास भारी मेघ गर्जन के साथ -साथ वर्षा होगी ।कहीं ओले पड़ने से खड़ी फसलों को क्षति होगी ।सुदूर के क्षेत्रों में हिमपात के कारण शीत लहर प्रभावित करेगी । यातायात में बाधा पड़ेगी ।रेलादी कुघतना हो सकती है ।।
भवदीय -"झा शास्त्री {मेरठ }
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