-आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]
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---जिस दिशा में 'शुक्र "सम्मुख एवं जिस दिशा में दक्षिण हो ,उन दिशाओं में बालक ,गर्भवती स्त्री तथा नूतन विवाहिता स्त्री को यात्रा ...
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" प्रतिदिन यमघंट काल का समय?" --रविवार -सायं 12.00 से 1.30बजे तक । --सोमवार -प्रातः काल -10.30 से 12.00बजे तक । -- मंगलवा...
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शनिवार, 19 नवंबर 2011
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?...
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?...: "गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?जीव और धरती !" "यदा सुर गुरुर्मेषे सुखं सर्वजनेषु च ,सुभिक्षम क्षेमारोग्यम सुखिनो ...
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
शनिवार, नवंबर 19, 2011
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"गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?जीव और धरती !"
"गुरु की सुदृष्टि ,शनि की कुदृष्टि ,क्या बचेंगें ?जीव और धरती !"
"यदा सुर गुरुर्मेषे सुखं सर्वजनेषु च ,सुभिक्षम क्षेमारोग्यम सुखिनो मेदिनी भवेत् ||
जब "गुरु " मेष राशि में-प्रवेश करते हैं -तो विश्व के कोई देश या प्रदेश संकट मुक्त होने लगते हैं | देश में कुछ लोगों के कारण-कलह होने की सम्भावना भी बन जाती है | शाशकों को दिक्कतों से सामना करने पड़ते हैं | सत्ता बदलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं | --८-मई-२०११को गुरु मेष राशि में आये थे | तब से जन -जीवन के प्रति सत्ता पक्ष को जनता को शांति नहीं मिल रही है -दोनों अशांत हैं |
"सूर्य पुत्रो तुला याति ह्युग्न्यु पद्रव मादिशेत |
सत्पधान्य महार्घानी मेदिनी नष्ट कारिका ||
के अनुसार सातों अनाज मंहगे होंगें | विश्व का कोई देश -प्रदेश अथवा महानगर तहस -नहस हो सकता है ||
अब जब शनि तुला राशि में हैं -गुरु मेष राशि में -शनि जहाँ होते हैं -वहां उत्तम होता है ,गुरु की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो अच्छी होती है,किन्तु गुरु जहाँ होते हैं उस स्थान की हानी होती है| शनि की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो हानिकारक हो जाती है |एक देव ग्रह हैं तो एक पापी ग्रह | तुला राशि के जातक, देश, प्रदेश को सबसे विशेष लाभ मिलने वाले हैं -शनि एवं गुरु दोनों से ,इतना ही नहीं -मिथुन , सिंह , तुला ,एवं धनु राशि के जो भी होंगें उन्हें असीमित लाभ होंगें | धनु -राशि के साथ द्वन्द की स्थिति रहेगी |मेष ,कर्क राशि - के साथ संघर्ष झेलने पड़ेंगें | वृष एवं वृश्चिक -के लोग या देश या फिर प्रदेश कोई भी -अन्तः करण या शत्रुता के करण अशांत रहेंगें |अन्य राशि के जातक मस्त रहेंगें अर्थात इधर न उधर मन करे जिधर रहेंगें |
शनि एवं गुरु के आमने सामने की स्थिति -मई 2012 तक रहेगी | परन्तु 2014 तक शनि के प्रभाव से मुक्त नहीं होगी दुनियां ||
चाहकर भी अच्छे कार्ज ,ईमानदारी , नहीं हो पायेंगें | अधर्म के पथ प्रशस्त होंगें ,प्राकृतिक मार ने नहीं बचेंगें | भावी मेट सके त्रिपुरारी -धर्म से ,सत्य के पथ से ही जीवन को धरती को बचा पायेंगें || मेष एवं कर्क राशि के जातक -गुरु एवं शनि की उपासना करें,तो दिक्कतों के सामने नतमस्तक नहीं होंगें ||
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा -१८-११-२०११से१०-१२-२०११-तक उपलब्ध नहीं रहेगी ||
कुशल क्षेम सूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616
"यदा सुर गुरुर्मेषे सुखं सर्वजनेषु च ,सुभिक्षम क्षेमारोग्यम सुखिनो मेदिनी भवेत् ||
जब "गुरु " मेष राशि में-प्रवेश करते हैं -तो विश्व के कोई देश या प्रदेश संकट मुक्त होने लगते हैं | देश में कुछ लोगों के कारण-कलह होने की सम्भावना भी बन जाती है | शाशकों को दिक्कतों से सामना करने पड़ते हैं | सत्ता बदलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं | --८-मई-२०११को गुरु मेष राशि में आये थे | तब से जन -जीवन के प्रति सत्ता पक्ष को जनता को शांति नहीं मिल रही है -दोनों अशांत हैं |
"सूर्य पुत्रो तुला याति ह्युग्न्यु पद्रव मादिशेत |
सत्पधान्य महार्घानी मेदिनी नष्ट कारिका ||
के अनुसार सातों अनाज मंहगे होंगें | विश्व का कोई देश -प्रदेश अथवा महानगर तहस -नहस हो सकता है ||
अब जब शनि तुला राशि में हैं -गुरु मेष राशि में -शनि जहाँ होते हैं -वहां उत्तम होता है ,गुरु की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो अच्छी होती है,किन्तु गुरु जहाँ होते हैं उस स्थान की हानी होती है| शनि की जहाँ दृष्टि पड़ती है -वो हानिकारक हो जाती है |एक देव ग्रह हैं तो एक पापी ग्रह | तुला राशि के जातक, देश, प्रदेश को सबसे विशेष लाभ मिलने वाले हैं -शनि एवं गुरु दोनों से ,इतना ही नहीं -मिथुन , सिंह , तुला ,एवं धनु राशि के जो भी होंगें उन्हें असीमित लाभ होंगें | धनु -राशि के साथ द्वन्द की स्थिति रहेगी |मेष ,कर्क राशि - के साथ संघर्ष झेलने पड़ेंगें | वृष एवं वृश्चिक -के लोग या देश या फिर प्रदेश कोई भी -अन्तः करण या शत्रुता के करण अशांत रहेंगें |अन्य राशि के जातक मस्त रहेंगें अर्थात इधर न उधर मन करे जिधर रहेंगें |
शनि एवं गुरु के आमने सामने की स्थिति -मई 2012 तक रहेगी | परन्तु 2014 तक शनि के प्रभाव से मुक्त नहीं होगी दुनियां ||
चाहकर भी अच्छे कार्ज ,ईमानदारी , नहीं हो पायेंगें | अधर्म के पथ प्रशस्त होंगें ,प्राकृतिक मार ने नहीं बचेंगें | भावी मेट सके त्रिपुरारी -धर्म से ,सत्य के पथ से ही जीवन को धरती को बचा पायेंगें || मेष एवं कर्क राशि के जातक -गुरु एवं शनि की उपासना करें,तो दिक्कतों के सामने नतमस्तक नहीं होंगें ||
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा -१८-११-२०११से१०-१२-२०११-तक उपलब्ध नहीं रहेगी ||
कुशल क्षेम सूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616
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"jha shastri"
शुक्रवार, 18 नवंबर 2011
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "तुला राशि में हों शनि ? कुछ बनते धनी,कुछ होते सही...
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "तुला राशि में हों शनि ? कुछ बनते धनी,कुछ होते सही...: "तुला राशि में हों शनि ? कुछ बनते धनी,कुछ होते सही ,किन्तु कुछ रह जाते हैं वहीँ ?" -जितने भी ग्रह हैं ,उनमें शनि की गति सबसे धी...
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शुक्रवार, नवंबर 18, 2011
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"तुला राशि में हों शनि ? कुछ बनते धनी,कुछ होते सही ,किन्तु कुछ रह जाते हैं वहीँ ?"
"तुला राशि में हों शनि ? कुछ बनते धनी,कुछ होते सही ,किन्तु कुछ रह जाते हैं वहीँ ?"
-जितने भी ग्रह हैं ,उनमें शनि की गति सबसे धीमी है ,इसलिए द्वादश भाव को पूरा करने में ३० वर्ष का समय लगता है | एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं ,जहाँ होते हैं वहां से एक राशि आगे एवं एक राशि पीछे वालों को अपनी परिधि में समां लेते हैं ,तभी हम शनि की साढ़े साती से भयभीत रहते हैं |एक बार पुनः शनि राशि परिवर्तन किये हैं तो -निश्चित ही कुछ मुक्त होंगें ,कुछ समय की प्रतीक्षा करेंगें ,तो कुछ लोग शनि के घेरे में आ जायेंगें ||
अस्तु --मेष एवं तुला राशि के जातक -शनि एवं गुरु की दृष्टि के कारण-द्वन्द की स्थिति में रहेंगें जब तक गुरु अपनी राशि को परिवर्तन नहीं करते -इसलिए चन्द्र ग्रहण का मेष से अत्यधिक तुला राशि के जातकों संघर्ष करने पड़ेंगें |--निदान -शांत स्वाभाव बनायें,घर में क्लेश न करें ,देर होगी किन्तु काम बनेगें ,शिव या गुरु की कृपा के पात्र बनें ,गाय को गुड खिलाएं,केशर युक्त खीर भूदेव को खिलाएं ,राहत एवं लक्ष की पूर्ति ३ माह के अन्दर होगी ||
धनु , एवं कर्क राशि वालों के लिए शनि दृष्टि के कारण -आय, सम्पति ,वाहन,माता से कुछ जूझना पड़ सकता है ,अर्थात इन तमाम क्षेत्रों में दिक्कतें आ सकती हैं -निदान -अपने इष्ट की आराधना ,शनि के व्रत एवं कुत्ते के शावकों को शनिवार को दूध पिलाने से ७शनिवार के अन्दर तमाम दिक्कतों के समाधान हो सकते हैं ||
वृष,वृश्चिक के जातक -अपनों से कष्ट पायेंगें ,संघर्षों से गुजरेंगें ,धन एवं मन से ,तन एवं जन-जन से पीड़ित रहेंगें --निदान -सोम या शुक्रवार को -दूध या तो पिलायें भूदेव के बालकों को या -दूध और-चीनी दान करें ||
मिथुन एवं सिंह राशि के जातकों के लिए-बहुत ही उत्तम रहेगा,शिक्षा ,सफलता ,आय ,के लाभ के योग बनते रहेंगें -अपने समस्त लाभ प्राप्ति के लिए -रविवार के व्रत ,सुदर कांड के पाठ या पशुओं को चारा खिलाना -बुधवार को श्रेयस्कर रहेंगें ||
----कन्या एवं कुम्भ -राशि वालों के लिए -देर जरुर होगी किन्तु सफलता जरुर मिलेगी -चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों न हों ,भाई बंधुओं ,धन,स्वास्थ तथा उग्र न बनें -स्थिरता ही सफलता की प्रतिक होगी |-निदान -मत्स्य को जिमायें{मछलियों को खिलाएं } गणपति जी की आराधना या दूर्वा से पूजन उत्तम रहेगा ||
--मकर एवं मीन -राशि के जातक -कर्मक्षेत्र ,दाम्पत्य सुख ,शिक्षा एवं संतान ,चोट एवं अन्गिभय के प्रति सजग रहें | संघर्ष से सफलता मिलेगी |-निदान -देवी की उपासना ,सात्विक भोजन -गोदान,स्वर्ण दान,कन्यादान या फिर किसी भी देव कार्ज में सम्मिलित होकर अनहोनी से बच सकते हैं ||
जन्म नक्षत्र के आधार पर स्थिर कार्यों के विचार करें ,तत्काल के कार्यों के लिए प्रचलित नाम के नक्षत्रों के आधार पर कार्ज करें ,या फलित जानें ||
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री मेरठ -उत्तर प्रदेश |
ज्योतिष -निःशुल्क सेवा -१८-११-२०११से १०-१२-२०११ तक उपलब्ध नहीं रहेगी |
किन्तु -लोकाचार या कुशल क्षेम के लिए स्वागत सूत्र उपलब्ध रहेगें -09897701636
-जितने भी ग्रह हैं ,उनमें शनि की गति सबसे धीमी है ,इसलिए द्वादश भाव को पूरा करने में ३० वर्ष का समय लगता है | एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं ,जहाँ होते हैं वहां से एक राशि आगे एवं एक राशि पीछे वालों को अपनी परिधि में समां लेते हैं ,तभी हम शनि की साढ़े साती से भयभीत रहते हैं |एक बार पुनः शनि राशि परिवर्तन किये हैं तो -निश्चित ही कुछ मुक्त होंगें ,कुछ समय की प्रतीक्षा करेंगें ,तो कुछ लोग शनि के घेरे में आ जायेंगें ||
अस्तु --मेष एवं तुला राशि के जातक -शनि एवं गुरु की दृष्टि के कारण-द्वन्द की स्थिति में रहेंगें जब तक गुरु अपनी राशि को परिवर्तन नहीं करते -इसलिए चन्द्र ग्रहण का मेष से अत्यधिक तुला राशि के जातकों संघर्ष करने पड़ेंगें |--निदान -शांत स्वाभाव बनायें,घर में क्लेश न करें ,देर होगी किन्तु काम बनेगें ,शिव या गुरु की कृपा के पात्र बनें ,गाय को गुड खिलाएं,केशर युक्त खीर भूदेव को खिलाएं ,राहत एवं लक्ष की पूर्ति ३ माह के अन्दर होगी ||
धनु , एवं कर्क राशि वालों के लिए शनि दृष्टि के कारण -आय, सम्पति ,वाहन,माता से कुछ जूझना पड़ सकता है ,अर्थात इन तमाम क्षेत्रों में दिक्कतें आ सकती हैं -निदान -अपने इष्ट की आराधना ,शनि के व्रत एवं कुत्ते के शावकों को शनिवार को दूध पिलाने से ७शनिवार के अन्दर तमाम दिक्कतों के समाधान हो सकते हैं ||
वृष,वृश्चिक के जातक -अपनों से कष्ट पायेंगें ,संघर्षों से गुजरेंगें ,धन एवं मन से ,तन एवं जन-जन से पीड़ित रहेंगें --निदान -सोम या शुक्रवार को -दूध या तो पिलायें भूदेव के बालकों को या -दूध और-चीनी दान करें ||
मिथुन एवं सिंह राशि के जातकों के लिए-बहुत ही उत्तम रहेगा,शिक्षा ,सफलता ,आय ,के लाभ के योग बनते रहेंगें -अपने समस्त लाभ प्राप्ति के लिए -रविवार के व्रत ,सुदर कांड के पाठ या पशुओं को चारा खिलाना -बुधवार को श्रेयस्कर रहेंगें ||
----कन्या एवं कुम्भ -राशि वालों के लिए -देर जरुर होगी किन्तु सफलता जरुर मिलेगी -चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों न हों ,भाई बंधुओं ,धन,स्वास्थ तथा उग्र न बनें -स्थिरता ही सफलता की प्रतिक होगी |-निदान -मत्स्य को जिमायें{मछलियों को खिलाएं } गणपति जी की आराधना या दूर्वा से पूजन उत्तम रहेगा ||
--मकर एवं मीन -राशि के जातक -कर्मक्षेत्र ,दाम्पत्य सुख ,शिक्षा एवं संतान ,चोट एवं अन्गिभय के प्रति सजग रहें | संघर्ष से सफलता मिलेगी |-निदान -देवी की उपासना ,सात्विक भोजन -गोदान,स्वर्ण दान,कन्यादान या फिर किसी भी देव कार्ज में सम्मिलित होकर अनहोनी से बच सकते हैं ||
जन्म नक्षत्र के आधार पर स्थिर कार्यों के विचार करें ,तत्काल के कार्यों के लिए प्रचलित नाम के नक्षत्रों के आधार पर कार्ज करें ,या फलित जानें ||
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री मेरठ -उत्तर प्रदेश |
ज्योतिष -निःशुल्क सेवा -१८-११-२०११से १०-१२-२०११ तक उपलब्ध नहीं रहेगी |
किन्तु -लोकाचार या कुशल क्षेम के लिए स्वागत सूत्र उपलब्ध रहेगें -09897701636
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ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
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शुक्रवार, नवंबर 18, 2011
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"jha shastri"
गुरुवार, 17 नवंबर 2011
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "शनि की दृष्टि से नष्ट होंगीं सृष्टि और वृष्टि?"
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "शनि की दृष्टि से नष्ट होंगीं सृष्टि और वृष्टि?": "शनि की दृष्टि से नष्ट होंगीं सृष्टि और वृष्टि?" यूँ तो सर्व बिदित है ,कि २०१२ विश्व के लिए उत्तम नहीं रहेंगें | कालचक्र की जानक...
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
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गुरुवार, नवंबर 17, 2011
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"शनि की दृष्टि से नष्ट होंगीं सृष्टि और वृष्टि?"
"शनि की दृष्टि से नष्ट होंगीं सृष्टि और वृष्टि?"
यूँ तो सर्व बिदित है ,कि २०१२ विश्व के लिए उत्तम नहीं रहेंगें | कालचक्र की जानकारी केवल विधाता हो ही होती है ,परन्तु वही विधाता की सृष्टि में -राम ,रहीम ,कृष्ण ,विष्णु ,ऋषि ,महर्षि अनगिनत महापुरुष नर रूप में जगत कल्याण के लिए अवतरित होते रहते हैं ,ये सर्वशक्तिमान होते हुए भी सभी दिक्कतों को सहन करते हैं,विधाता की रचना के अनुसार ही चलते हैं | ज्योतिष शास्त्र -आध्यात्मिक शास्त्र हैं -जो केवल गणना से नहीं जान सकते ,इसके लिए आत्ममंथन और तप {साधना }की भी आवश्यकता पड़ती है ,इसके उपरांत भी भविष्य की घटना को गप्त ही रखनी पड़ती है | समय की धारा ने -हम सभी को मेष -वृष की जानकारी तो दे दी है ,किन्तु -गुप्त को उजागर करके ,बिना गुरु का ज्ञान प्राप्त करके,तप और साधना के बिना -हमलोग ज्योतिष और ज्योतिषी की गरिमा को कुछ कम कर रहे हैं ||
भावितव्यनाम भवन्ति द्वारिणी सर्वत्र ?
जो भी होनी है वो होकर ही रहेगी , शनिदेव-तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं,पहला शनि के आगमन का चन्द्र
ग्रहण-१०-१२-२०११को तिथि -पूर्णिमा -शनिवार को पड़ेगा | सम्पूर्ण भारत में इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा |शाम -6.१५से रात्रि -9-४८तक रहेगा | शनिदेव की -पहली दृष्टि चन्द्र देव के ऊपर पड़ेगी ,जब -रस के देवता ही शनि से प्रभावित होंगें तो सृष्टि और वृष्टि का क्या होगा | अभी शनि देव ढाई वर्ष तुला राशि में रहेंगें -भले ही २०१२ में हमलोगों को यह समझ में न आये किन्तु -१५-१२-२०११से लेकर १५-०६-२०१४ तक शनि की द्रष्टि से देश -विदेश ,या फिर प्रदेश ,तहलका मचा देंगें | इनके प्रभाव से -त्राहि -त्राहि मचेगी दुनियां में ,जब अन्न ,जल के आभाव होंगें तो कुछ प्रकृति के करण तो कुछ आपसी युद्ध के कारण तो कुछ महामारी के कारण नष्ट होगी धरती और जीव ||---१०-१२-२०११को - चन्द्र ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र एवं ब्रिष राशि में होगा |
शनि ग्रहण के राशियों के ऊपर प्रभाव जानते हैं --
-मेष -मध्यम रहेगा | वृष -अशुभ रहेगा | मिथुन -अशुभ रहेगा |कर्क -शुभ रहेगा |सिंह -शुभ रहेगा |कन्या -मध्यम रहेगा | तुला -अशुभ रहेगा |वृश्चिक -मध्यम रहेगा |धनु -शुभ रहेगा |मकर -अशुभ रहेगा |कुम्भ -अशुभ रहेगा |मीन -शुभ रहेगा |
--- सोरपुराण में लिखा है --गावो नागास्तिला धान्यं रत्नानी कनकं मही? अर्थात -संसार में जितने भी दान प्रसिद्ध हैं -उन सबका फल चन्द्र या सूर्य ग्रहण में मनुष्य स्र्ध्हा पूर्वक करे तो जन्म- जन्मान्तर कट मिलता रहता है |
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "मेरठ -उत्तर प्रदेश |
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से९ सम्पर्कसूत्र द्वारा कोई भी प्राप्त मित्र बनकर कर सकते हैं |
09897701636
यूँ तो सर्व बिदित है ,कि २०१२ विश्व के लिए उत्तम नहीं रहेंगें | कालचक्र की जानकारी केवल विधाता हो ही होती है ,परन्तु वही विधाता की सृष्टि में -राम ,रहीम ,कृष्ण ,विष्णु ,ऋषि ,महर्षि अनगिनत महापुरुष नर रूप में जगत कल्याण के लिए अवतरित होते रहते हैं ,ये सर्वशक्तिमान होते हुए भी सभी दिक्कतों को सहन करते हैं,विधाता की रचना के अनुसार ही चलते हैं | ज्योतिष शास्त्र -आध्यात्मिक शास्त्र हैं -जो केवल गणना से नहीं जान सकते ,इसके लिए आत्ममंथन और तप {साधना }की भी आवश्यकता पड़ती है ,इसके उपरांत भी भविष्य की घटना को गप्त ही रखनी पड़ती है | समय की धारा ने -हम सभी को मेष -वृष की जानकारी तो दे दी है ,किन्तु -गुप्त को उजागर करके ,बिना गुरु का ज्ञान प्राप्त करके,तप और साधना के बिना -हमलोग ज्योतिष और ज्योतिषी की गरिमा को कुछ कम कर रहे हैं ||
भावितव्यनाम भवन्ति द्वारिणी सर्वत्र ?
जो भी होनी है वो होकर ही रहेगी , शनिदेव-तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं,पहला शनि के आगमन का चन्द्र
ग्रहण-१०-१२-२०११को तिथि -पूर्णिमा -शनिवार को पड़ेगा | सम्पूर्ण भारत में इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा |शाम -6.१५से रात्रि -9-४८तक रहेगा | शनिदेव की -पहली दृष्टि चन्द्र देव के ऊपर पड़ेगी ,जब -रस के देवता ही शनि से प्रभावित होंगें तो सृष्टि और वृष्टि का क्या होगा | अभी शनि देव ढाई वर्ष तुला राशि में रहेंगें -भले ही २०१२ में हमलोगों को यह समझ में न आये किन्तु -१५-१२-२०११से लेकर १५-०६-२०१४ तक शनि की द्रष्टि से देश -विदेश ,या फिर प्रदेश ,तहलका मचा देंगें | इनके प्रभाव से -त्राहि -त्राहि मचेगी दुनियां में ,जब अन्न ,जल के आभाव होंगें तो कुछ प्रकृति के करण तो कुछ आपसी युद्ध के कारण तो कुछ महामारी के कारण नष्ट होगी धरती और जीव ||---१०-१२-२०११को - चन्द्र ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र एवं ब्रिष राशि में होगा |
शनि ग्रहण के राशियों के ऊपर प्रभाव जानते हैं --
-मेष -मध्यम रहेगा | वृष -अशुभ रहेगा | मिथुन -अशुभ रहेगा |कर्क -शुभ रहेगा |सिंह -शुभ रहेगा |कन्या -मध्यम रहेगा | तुला -अशुभ रहेगा |वृश्चिक -मध्यम रहेगा |धनु -शुभ रहेगा |मकर -अशुभ रहेगा |कुम्भ -अशुभ रहेगा |मीन -शुभ रहेगा |
--- सोरपुराण में लिखा है --गावो नागास्तिला धान्यं रत्नानी कनकं मही? अर्थात -संसार में जितने भी दान प्रसिद्ध हैं -उन सबका फल चन्द्र या सूर्य ग्रहण में मनुष्य स्र्ध्हा पूर्वक करे तो जन्म- जन्मान्तर कट मिलता रहता है |
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "मेरठ -उत्तर प्रदेश |
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से९ सम्पर्कसूत्र द्वारा कोई भी प्राप्त मित्र बनकर कर सकते हैं |
09897701636
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
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गुरुवार, नवंबर 17, 2011
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"jha shastri"
मंगलवार, 15 नवंबर 2011
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "तुला में शनि का प्रवेश,क्या है! ज्योतिष का सन्देश...
"हर पल आपके साथ चलना चाहते हैं: "तुला में शनि का प्रवेश,क्या है! ज्योतिष का सन्देश...: "तुला में शनि का प्रवेश,क्या है! ज्योतिष का सन्देश? यूँ तो कुंडली चक्र का भ्रमण करने में शनिदेव को ३० वर्ष लगते हैं | एक राशि में...
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
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मंगलवार, नवंबर 15, 2011
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"तुला में शनि का प्रवेश,क्या है! ज्योतिष का सन्देश?
"तुला में शनि का प्रवेश,क्या है! ज्योतिष का सन्देश?
यूँ तो कुंडली चक्र का भ्रमण करने में शनिदेव को ३० वर्ष लगते हैं | एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं | जिस राशि में रहते हैं -उस राशि के जातक को -अपना पूर्ण स्थिति के अनुसार लाभ {अर्थात -शनि -के उच्च या नीच तथा अंश के अनुकूल } या हानी पहुँचाते हैं| शनि की दृष्टि जहाँ पड़ती है -वो जगह शनि के कारण विपरीत हो जाती है | शनि को ज्योतिष में न्यायाधीश का पद प्राप्त है ,इसलिए शनि न्याय के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहते हैं ,उनके आगे जो भी पड़ते हैं -उसे अपने कर्म के अनुसार यातनाएं भोगनी ही पड़ती है,तभी तो लोग डरते हैं |आइये जानते हैं -तुला राशि में शनि - आगमन से किस राशि के जातक को क्या -क्या हानी या लाभ होने वाले हैं |
---सूर्यपुत्रोतुलायाति ह्युगंपप्द्रव मादिशेत |
सप्त धान्य महार्धानी ,मेदिनी नष्ट कारिका ||
जब सूर्य पुत्र शनि -तुला राशि में हों - तो -उपद्रव बहुत होते हैं ,जन -जन में,देश - विदेशों में ,प्रकृति की मार बहुत पड़ती है जिससे अन्न -धन एवं जीवन को नुकशान पहुँचते हैं |
"तुला वृश्चिक चापेशु यदि याति शनैश्चरः|
न वर्षन्ति तदा मेघाः पृथ्वी दुभिक्ष पीडिता |
---के अनुसार जब शनि तुका राशि में हों तो -वर्षा - का आभाव या प्राकृतिक विपदा आती है -जीव- जंतुओं पर |
{१}-सिंह - राशि के जातक मुक्त होंगें -शनि की साढ़े साती से |
{2}-कन्या राशि के जातक अभी साढ़े साती से ग्रसित रहेंगें ,किन्तु पीड़ा कुछ कम होगी |
{३}-तुला राशि के जातक -शनि की कृपा के पात्र बने रहेंगें यदि कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी होगी तो अच्छा फल या बुरा प्रभाव भी झेलने होंगें |
{४}-वृश्चिक राशि के -जातक -शनि की पीड़ा का कुछ अहसास करेंगें ,सावधानी बरतनी पड़ेगी अपने सभी कार्यों में |
--- मेष -राशि के लिए -स्वस्थ एवं दाम्पत्य सुख में बाधा आ साती है | वृष -राशि वालों के लिए -स्वास्थ में परिवर्तन एवं कुछ पड़ेशानी होगी | मिथुन राशि -भाग्योदय होगा ,लाभ के सुअवसर मिलेंगें | कर्क राशि -मिला जुला असर होगा ,रहत मिलेगी | सिंह राशि -नौकरी एवं पिता से लाभ मिलेंगें | कन्या राशि -धन के आगमन में कुछ देर हो सकती है,तथा स्वास्थ के प्रति सचेत रहें | तुला राशि -मन प्रसन्न रहेगा , कितु रोग और क्लेश से
घिरे रहेंगें | वृश्चिक राशि -संगती से हानी होगी ,धन को रखना सीखें | धनु राशि -पराक्रम एवं भाई बहिनों से जूझना पड़ेगा | मकर राशि -कर्म क्षेत्र से लाभ होगा ,विवाद से बचें | कुम्भ राशि -भाग्य चमकेगा ,सम्पत्ति के विवाद से पीड़ा होगी |मीन राशि -आयु बढ़ेगी ,धन की हानी होगी ,अपने पराये होंगें ,किन्तु जीत आपकी ही होगी ||
भवदीय "झा शास्त्री "
ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ }
निःशुल्क ज्योतिष परामर्श -रात्रि ८ से ९ संपर्क सूत्र द्वारा प्राप्त करें {मित्र बनकर }{फेसबुक ,जीमेल , ऑरकुट ,ट्विटर ,इबीबो ,होट्मेल,याहू -पर }०९८९७७०१६३६,
यूँ तो कुंडली चक्र का भ्रमण करने में शनिदेव को ३० वर्ष लगते हैं | एक राशि में ढाई वर्ष रहते हैं | जिस राशि में रहते हैं -उस राशि के जातक को -अपना पूर्ण स्थिति के अनुसार लाभ {अर्थात -शनि -के उच्च या नीच तथा अंश के अनुकूल } या हानी पहुँचाते हैं| शनि की दृष्टि जहाँ पड़ती है -वो जगह शनि के कारण विपरीत हो जाती है | शनि को ज्योतिष में न्यायाधीश का पद प्राप्त है ,इसलिए शनि न्याय के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहते हैं ,उनके आगे जो भी पड़ते हैं -उसे अपने कर्म के अनुसार यातनाएं भोगनी ही पड़ती है,तभी तो लोग डरते हैं |आइये जानते हैं -तुला राशि में शनि - आगमन से किस राशि के जातक को क्या -क्या हानी या लाभ होने वाले हैं |
---सूर्यपुत्रोतुलायाति ह्युगंपप्द्रव मादिशेत |
सप्त धान्य महार्धानी ,मेदिनी नष्ट कारिका ||
जब सूर्य पुत्र शनि -तुला राशि में हों - तो -उपद्रव बहुत होते हैं ,जन -जन में,देश - विदेशों में ,प्रकृति की मार बहुत पड़ती है जिससे अन्न -धन एवं जीवन को नुकशान पहुँचते हैं |
"तुला वृश्चिक चापेशु यदि याति शनैश्चरः|
न वर्षन्ति तदा मेघाः पृथ्वी दुभिक्ष पीडिता |
---के अनुसार जब शनि तुका राशि में हों तो -वर्षा - का आभाव या प्राकृतिक विपदा आती है -जीव- जंतुओं पर |
{१}-सिंह - राशि के जातक मुक्त होंगें -शनि की साढ़े साती से |
{2}-कन्या राशि के जातक अभी साढ़े साती से ग्रसित रहेंगें ,किन्तु पीड़ा कुछ कम होगी |
{३}-तुला राशि के जातक -शनि की कृपा के पात्र बने रहेंगें यदि कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी होगी तो अच्छा फल या बुरा प्रभाव भी झेलने होंगें |
{४}-वृश्चिक राशि के -जातक -शनि की पीड़ा का कुछ अहसास करेंगें ,सावधानी बरतनी पड़ेगी अपने सभी कार्यों में |
--- मेष -राशि के लिए -स्वस्थ एवं दाम्पत्य सुख में बाधा आ साती है | वृष -राशि वालों के लिए -स्वास्थ में परिवर्तन एवं कुछ पड़ेशानी होगी | मिथुन राशि -भाग्योदय होगा ,लाभ के सुअवसर मिलेंगें | कर्क राशि -मिला जुला असर होगा ,रहत मिलेगी | सिंह राशि -नौकरी एवं पिता से लाभ मिलेंगें | कन्या राशि -धन के आगमन में कुछ देर हो सकती है,तथा स्वास्थ के प्रति सचेत रहें | तुला राशि -मन प्रसन्न रहेगा , कितु रोग और क्लेश से
घिरे रहेंगें | वृश्चिक राशि -संगती से हानी होगी ,धन को रखना सीखें | धनु राशि -पराक्रम एवं भाई बहिनों से जूझना पड़ेगा | मकर राशि -कर्म क्षेत्र से लाभ होगा ,विवाद से बचें | कुम्भ राशि -भाग्य चमकेगा ,सम्पत्ति के विवाद से पीड़ा होगी |मीन राशि -आयु बढ़ेगी ,धन की हानी होगी ,अपने पराये होंगें ,किन्तु जीत आपकी ही होगी ||
भवदीय "झा शास्त्री "
ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ }
निःशुल्क ज्योतिष परामर्श -रात्रि ८ से ९ संपर्क सूत्र द्वारा प्राप्त करें {मित्र बनकर }{फेसबुक ,जीमेल , ऑरकुट ,ट्विटर ,इबीबो ,होट्मेल,याहू -पर }०९८९७७०१६३६,
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
मंगलवार, नवंबर 15, 2011
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