-आजीवन सदस्यता शुल्क -1100.rs,जिसकी आजीवन सम्पूर्ण जानकारी सेवा सदन के पास होगी ।। --सदस्यता शुल्क आजीवन {11.00- सौ रूपये केवल । --कन्हैयालाल शास्त्री मेरठ ।-खाता संख्या 20005973259-स्टेट बैंक {भारत }Lifetime membership fee is only five hundred {11.00}. - Kanhaiyalal Meerut Shastri. - Account Number 20005973259 - State Bank {India} Help line-09897701636 +09358885616
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा ऑनलाइन रात्रि ८ से९ जीमेल पर [पर्तिदिन ]
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---जिस दिशा में 'शुक्र "सम्मुख एवं जिस दिशा में दक्षिण हो ,उन दिशाओं में बालक ,गर्भवती स्त्री तथा नूतन विवाहिता स्त्री को यात्रा ...
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शनिवार, 2 जून 2012
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता...
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता...: "ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?" प्रायः हम देखते हैं कि कुछ व्यवसाय /पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं य...
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
शनिवार, जून 02, 2012
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"ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?"
"ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा का चयन उपयोगी हो सकता है ?"
प्रायः हम देखते हैं कि कुछ व्यवसाय /पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं |इसका मुख्य कारन जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति होती है |
एक सभ्य ,सुसंस्कृत एवं जिम्मेदार नागरिक बनने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है |आर्थिक एवं प्रतिस्पर्धा के इस युग में उचित एवं सही माध्यम या सही विषय चयन कर अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं |कोई व्यक्ति kitni शिक्षा प्राप्त करेगा या उसका पढाई के प्रति क्या रुझान होगा ,यह जन्म पत्रिका के माध्यम से जाना जा सकता है |अधिकांश अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की चिंता यह रहती है कि क्या पढ़ा जाए ताकि अच्छा कैरियर हो ----
--{१}--सिंह राशि हो -सूर्य की अथिति उत्तम हो---तो आप --चिकित्सा ,शरीर विज्ञानं,प्राणीशास्त्र,नेत्र चिकित्सा ,राजभाषा ,प्रशासन ,राजनीति एवं जीवविज्ञान के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{२}-कर्क राशि हो --चंद्रमा की स्थिति उत्तम हो तो आप ---नर्सिंग ,नाविक शिक्षा ,वनस्पति विज्ञानं ,जंतु विज्ञानं ,{जूलोजी }होटल प्रबंध ,काव्य ,पत्रकारिता ,पर्यटन ,डेयरी विज्ञानं ,जलदाय के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{३}-मेष या वृश्चिक राशि हो मंगल की स्थिति उत्तम हो तो आप -भूमिति {भूमि सम्बन्धी } फौजदारी ,कानून ,इतिहास ,पुलिस सम्बन्धी प्रशिक्षण ,ओवर-सियर प्रशिक्षण,सर्वे ,अभियांत्रिकी ,वायुयान शिक्षा ,शल्य चिकित्सा ,विज्ञानं ,ड्राइविंग ,टेलरिंग या अन्य तकनिकी शिक्षा ,खेल कूद सम्बन्धी प्रशिक्षण ,सैन्य शिक्षा ,दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{४}-धनु या मीन- राशि हो ,गुरु प्रबल हों तो आप ---बीजगणित ,द्वितीय भाषा ,आरोग्यशास्त्र विविध ,अर्थशास्त्र ,दर्शन ,मनोविज्ञान ,धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{५}-मिथुन या कन्या राशि हो साथ ही बुध की स्थिति उत्तम हो तो आप ---गणित ,ज्योतिष ,व्याकरण ,शासन की विभागीय परीक्षाएं ,पदार्थ विज्ञानं ,मानसशास्त्र,हस्तरेखा ज्ञान ,शब्दशास्त्र {भाषा विज्ञानं }टैपिंग ,तत्वज्ञान,पुस्तकालयविज्ञानं,लेखा ,वाणिज्य ,शिक्षक प्रशिक्षणके क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं ||
{६}-वृष या तुला राशि हो साथ ही शुक्र प्रबल हो तो आप ---ललितकला ,{संगीत ,नृत्य ,अभिनय ,चित्रकला ,आदि }फ़िल्म टी० वी०,वेशभूषा ,फैशन ,डिजायनिंग ,काव्य साहित्य एवं अन्य विविध कला के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{७}--मकर या कुम्भ राशि हो शनि की मजबूत स्थिति हो तो आप ----भूगर्भशास्त्र सर्वेक्षण ,अभियांत्रिकी ,ओधोगिकी ,यांत्रिकी ,भवन निर्माण ,मुद्रण कला ,प्रिन्टिंग इत्यादि के क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं ||
{८}-यदि आपकी कुंडली में राहु की स्थिति बहुत ही मजबूत है तो आप -तर्कशास्त्र ,हिप्नोटिजम ,मेस्मिरिजम ,करतब के खेल ,{जादू सर्कस आदि } भुत प्रेत सम्बन्धी ज्ञान ,विष चिकित्सा ,एंटी बायोटिक्स इलेक्ट्रोनिक्स इत्यादि के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{९}--केतु की स्थिति अगर बढियां है आपकी कुंडली में तो आप ---गुप्त विद्याएं,मंत्र -तंत्र सम्बन्धी ज्ञान के क्षेत्रों में निपुण हो सकते हैं ||
भाव -वैज्ञानिक और ओद्योगिक प्रगति के कारण व्यवसायों एवं शैक्षणिक विषयों की संख्या में उत्तरोतर वृद्धि होती जा रही है | अतः ज्योतिष सिधान्तों के आधार पर ग्रहों के पारस्परिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा सकता है | ---निवेदक -पंडित के० एल० झा शास्त्री{मेरठ उत्तर प्रदेश }
कृपया निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30 में संपर्क सूत्र द्वरा ही प्राप्त करें =09897701636 -09358885616
प्रायः हम देखते हैं कि कुछ व्यवसाय /पदों को प्राप्त करके भी हम छोड़ देते हैं या अन्य व्यवसाय से जुड़ जाते हैं अथवा अनेक व्यवसाय एक साथ करने लग जाते हैं |इसका मुख्य कारन जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति होती है |
एक सभ्य ,सुसंस्कृत एवं जिम्मेदार नागरिक बनने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है |आर्थिक एवं प्रतिस्पर्धा के इस युग में उचित एवं सही माध्यम या सही विषय चयन कर अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं |कोई व्यक्ति kitni शिक्षा प्राप्त करेगा या उसका पढाई के प्रति क्या रुझान होगा ,यह जन्म पत्रिका के माध्यम से जाना जा सकता है |अधिकांश अभिभावकों एवं विद्यार्थियों की चिंता यह रहती है कि क्या पढ़ा जाए ताकि अच्छा कैरियर हो ----
--{१}--सिंह राशि हो -सूर्य की अथिति उत्तम हो---तो आप --चिकित्सा ,शरीर विज्ञानं,प्राणीशास्त्र,नेत्र चिकित्सा ,राजभाषा ,प्रशासन ,राजनीति एवं जीवविज्ञान के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
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{३}-मेष या वृश्चिक राशि हो मंगल की स्थिति उत्तम हो तो आप -भूमिति {भूमि सम्बन्धी } फौजदारी ,कानून ,इतिहास ,पुलिस सम्बन्धी प्रशिक्षण ,ओवर-सियर प्रशिक्षण,सर्वे ,अभियांत्रिकी ,वायुयान शिक्षा ,शल्य चिकित्सा ,विज्ञानं ,ड्राइविंग ,टेलरिंग या अन्य तकनिकी शिक्षा ,खेल कूद सम्बन्धी प्रशिक्षण ,सैन्य शिक्षा ,दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{४}-धनु या मीन- राशि हो ,गुरु प्रबल हों तो आप ---बीजगणित ,द्वितीय भाषा ,आरोग्यशास्त्र विविध ,अर्थशास्त्र ,दर्शन ,मनोविज्ञान ,धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षा के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{५}-मिथुन या कन्या राशि हो साथ ही बुध की स्थिति उत्तम हो तो आप ---गणित ,ज्योतिष ,व्याकरण ,शासन की विभागीय परीक्षाएं ,पदार्थ विज्ञानं ,मानसशास्त्र,हस्तरेखा ज्ञान ,शब्दशास्त्र {भाषा विज्ञानं }टैपिंग ,तत्वज्ञान,पुस्तकालयविज्ञानं,लेखा ,वाणिज्य ,शिक्षक प्रशिक्षणके क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं ||
{६}-वृष या तुला राशि हो साथ ही शुक्र प्रबल हो तो आप ---ललितकला ,{संगीत ,नृत्य ,अभिनय ,चित्रकला ,आदि }फ़िल्म टी० वी०,वेशभूषा ,फैशन ,डिजायनिंग ,काव्य साहित्य एवं अन्य विविध कला के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{७}--मकर या कुम्भ राशि हो शनि की मजबूत स्थिति हो तो आप ----भूगर्भशास्त्र सर्वेक्षण ,अभियांत्रिकी ,ओधोगिकी ,यांत्रिकी ,भवन निर्माण ,मुद्रण कला ,प्रिन्टिंग इत्यादि के क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं ||
{८}-यदि आपकी कुंडली में राहु की स्थिति बहुत ही मजबूत है तो आप -तर्कशास्त्र ,हिप्नोटिजम ,मेस्मिरिजम ,करतब के खेल ,{जादू सर्कस आदि } भुत प्रेत सम्बन्धी ज्ञान ,विष चिकित्सा ,एंटी बायोटिक्स इलेक्ट्रोनिक्स इत्यादि के क्षेत्र में सफल हो सकते हैं ||
{९}--केतु की स्थिति अगर बढियां है आपकी कुंडली में तो आप ---गुप्त विद्याएं,मंत्र -तंत्र सम्बन्धी ज्ञान के क्षेत्रों में निपुण हो सकते हैं ||
भाव -वैज्ञानिक और ओद्योगिक प्रगति के कारण व्यवसायों एवं शैक्षणिक विषयों की संख्या में उत्तरोतर वृद्धि होती जा रही है | अतः ज्योतिष सिधान्तों के आधार पर ग्रहों के पारस्परिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा सकता है | ---निवेदक -पंडित के० एल० झा शास्त्री{मेरठ उत्तर प्रदेश }
कृपया निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30 में संपर्क सूत्र द्वरा ही प्राप्त करें =09897701636 -09358885616
प्रस्तुतकर्ता
ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
शनिवार, जून 02, 2012
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बुधवार, 30 मई 2012
"रवि योग एवं सिद्धि योग-को जानने की कोशिश करते हैं ?"
"रवि योग एवं सिद्धि योग-को जानने की कोशिश करते हैं ?"
संसार के सभी शुभ कार्यों {विवाह को छोरकर } में इन योगों का उपयोग कर सकते हैं |--------रवि योग --{१}--रवियोग भी उपरोक्त योगों की तरह सभी शुभ कार्यों में प्रयोग करते हैं | शास्त्रों में-कहा गया है कि-जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है ,उसी तरह से -रवि योग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है ,----अर्थात -इस योग में सभी शुभ कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होते हैं ||
---{२}-सिद्धि योग ---भी सर्वार्थ सिद्धि आदि और रवि योगों की भांति ही महत्वशाली हैं |उपरोक्त योगों में किये जाने वाले सभी कार्य इसमें भी किये जा सकते हैं |शास्त्रों का कहना है कि सिद्धि योग में यम्घंत ,vish ,आदि कुयोगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है ||
भाव हम हम अपने किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत --इन योगों में करें तो उत्तम रहेगा -किन्तु परामर्श अपने पुरोहित जी से अवश्य लें ||
भवदीय निवेदक "पंडित के० एल ० झा शास्त्री {किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -उत्तर प्रदेश } निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30 तक प्रति रात्रि सभी मित्रों के लिए उपलब्ध रहती है | ज्योतिष जानकारी केवल संपर्क सूत्र द्वारा ही मिल पायेगी सभी मित्रों को ?--09897701636 ,09358885616
संसार के सभी शुभ कार्यों {विवाह को छोरकर } में इन योगों का उपयोग कर सकते हैं |--------रवि योग --{१}--रवियोग भी उपरोक्त योगों की तरह सभी शुभ कार्यों में प्रयोग करते हैं | शास्त्रों में-कहा गया है कि-जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकड़ों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है ,उसी तरह से -रवि योग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है ,----अर्थात -इस योग में सभी शुभ कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होते हैं ||
---{२}-सिद्धि योग ---भी सर्वार्थ सिद्धि आदि और रवि योगों की भांति ही महत्वशाली हैं |उपरोक्त योगों में किये जाने वाले सभी कार्य इसमें भी किये जा सकते हैं |शास्त्रों का कहना है कि सिद्धि योग में यम्घंत ,vish ,आदि कुयोगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है ||
भाव हम हम अपने किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत --इन योगों में करें तो उत्तम रहेगा -किन्तु परामर्श अपने पुरोहित जी से अवश्य लें ||
भवदीय निवेदक "पंडित के० एल ० झा शास्त्री {किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -उत्तर प्रदेश } निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि -8 से 9.30 तक प्रति रात्रि सभी मित्रों के लिए उपलब्ध रहती है | ज्योतिष जानकारी केवल संपर्क सूत्र द्वारा ही मिल पायेगी सभी मित्रों को ?--09897701636 ,09358885616
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ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
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बुधवार, मई 30, 2012
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मंगलवार, 29 मई 2012
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "27 नक्षत्रों की संज्ञा एवं उनमें करने योग्य कर्म ...
ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{1}: "27 नक्षत्रों की संज्ञा एवं उनमें करने योग्य कर्म ...: --नक्षत्र २७ हैं ,सभी जानते हैं ,किन्तु सभी नक्षत्रों की संज्ञा एवं उन नक्षत्रों में हम कोन सा कार्ज करें --शास्त्रकारों के विचार को जा...
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ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ }
पर
मंगलवार, मई 29, 2012
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"27 नक्षत्रों की संज्ञा एवं उनमें करने योग्य कर्म ?"
--नक्षत्र २७ हैं ,सभी जानते हैं ,किन्तु सभी नक्षत्रों की संज्ञा एवं उन नक्षत्रों में हम कोन सा कार्ज करें --शास्त्रकारों के विचार को जाने की कोशिश करते हैं --जिसे हमलोग भी अमुक -अमुक कार्ज नक्षत्रों के अनुसार करें |
-----{१}-उत्तरा फाल्गुनी,उत्तराषाढा,उत्तरा भाद्रपद -रोहिणी और रविवार -यह ध्रुव एवं स्थिर संज्ञक हैं ---इन नक्षत्रों में स्थिर काम-जैसे -गृहराम्भ,बिज बोना ,शांति कर्म {ग्रह आदि शांति }बगीचा लगाना ,तथा मृदु नक्षत्र मधुर कार्ज करना शुभ होता है |
--{२}-स्वाति ,पुनर्वसु ,श्रवण ,धनिष्ठा ,शतभिषा --यह नक्षत्र और सोमवार यह चर एवं चल संज्ञक है ,इनमें -वहां ,हाथी,घोडा पर चढ़ना ,फुलवारी आदि लगानासाथ ही यात्रा एवं लघुसंज्ञक कर्म करना भी शुभ रहता है ||
---{३}-पूर्वाफाल्गुनी ,पूर्वाषाढा,पूर्वा भाद्रपद -भरणी ,मघा और मंगलवार यह उग्र तथा क्रूरसंज्ञक हैं,इनमें मारण,अग्नि कार्य ,शुद्धता तथा विष आदि का प्रयोग ,शास्त्र बनाना तथा दारुण संज्ञक नक्षत्रों के कार्य शुभ होते हैं ||
-----{४}-विशाखा ,कृतिका और बुधवार यह मिश्र एवं साधारण संज्ञक हैं ,इनमें अग्नि कार्य,मिश्र नक्षत्रों में कहे हुए कार्य और वृष उत्सर्ग गाय या बैल का दान आदि शब्द से उग्र संज्ञक नक्षत्र के भी कार्य करना शुभ रहता है ||
---{५}-हस्त ,अश्विनी ,पुष्य ,अभिजित ,नक्षत्र और गुरुवार क्षिप्र और लघु संज्ञक हैं ,इनमें दुकान लगाना ,रति ज्ञान {प्रेम }शास्त्र अध्ययन ,आभूषण बनाना या बनबाना ,शिल्प -चित्र रचना ,कला ,नृत्य आदि सीखना तथा आदि शब्द से चर संज्ञक नक्षत्रों में कहे हुए कार्यों का करना भी शुभ होता है ||
----{६}-मृगशिरा ,रेवती ,चित्रा ,अनुराधा ,और शुक्रवार ये मृदु संज्ञक हैं,इनमें गीत ,वस्त्र ,खेल ,मित्र कार्य एवं आभूषण {गहना }बनाना या धारण करना शुभ होता है ||
---{७}-मूल ,ज्येष्ठा,आर्द्रा ,आश्लेषा और शनिवार यह तीक्ष्ण और दारुण संज्ञक हैं ,इनमें अभिचार {मरण आदि प्रयोग}घात उग्र कार्य भेद अत्यंत मित्रों में परस्पर कलह ,पशु शिक्षा आदि सब कार्य सिद्ध होता है ||
-----{८}-मूल ,आश्लेषा ,कृतिका ,और विशाखा तीनो पूर्वा और भरणी तथा मघा ये नौ नक्षत्र अधोमुख हैं | आर्द्रा पुष्य ,श्रवण ,धनिष्ठा,शतभिषा ,तीनो उत्तरा और रोहिणी ,यह नौ नक्षत्र उर्धमुख हैं |मृगशिरा ,रेवती ,चित्रा अनुराधा ,हस्त ,स्वाति ,पुनर्वसु ,ज्येष्ठा ,अश्विनी ये नौ तियर्गमुख नक्षत्र हैं |इन नक्षत्रों के मुख के अनुसार उसी तरह का कार्य सिद्ध होता है ,जैसे अधोमुख से -कुंआं खुद्बबाना इत्यादि ,उर्ध मुख से मकान बनवाना ,तियर्ग मुख में बांध बंधवाना यात्रा एवं चक्र रथ इत्यादि बनवाना शुभ होता है ||
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को केवल एकबार ही मिल पायेगी --संपर्क सूत्र द्वारा --09897701636 ----09358885616
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मंगलवार, मई 29, 2012
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सोमवार, 28 मई 2012
"कर्ज{ऋण }लेन देन का वर्जित समय ?"
"कर्ज{ऋण }लेन देन का वर्जित समय ?"
भौतिक आवश्यकता के कारण--लोग कर्ज लेने में संकोच नहीं करते ,तो सांसारिक लोलुपता के कारण कर्ज देने को लोग विह्वल {आतुर }भी बहुत रहते हैं | किन्तु सोच के अनुकून बात नहीं बनने पर लोग प्राण की परवाह भी नहीं करते हैं ---आइये हम ज्योतिष की कुछ सलाह देना चाहते हैं | जिससे कर्जदार लोग ऋणी न रहें ,साहूकार धन से पर्पूर्ण रहें ||
---------संक्रांति का दिन हो या मंगलवार का दिन हो ---वृद्धि योग ,हस्त नक्षत्र युक्त रविवार हो --तो उस दिन ऋण ले लेने से --ऋण जल्दी मुक्त नहीं हो पाता है | अर्थात --अनेक प्रकार की अडचनें सामने अवश्य आ जाती है ||
------मंगलवार के दिन यदि ऋण चुकाया जाये तो अति शुभ होता है | अर्थात -पुनः ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है |
---------बुधवार के दिन ऋण को देना नहीं चाहिए ,---कृतिका ,रोहिणी ,आर्द्रा,आश्लेषा उत्तरा फाल्गुनी,विशाखा ,ज्येष्ठा,मूल --इन नक्षत्रों में या --भद्रा ,व्यतिपात और अमावस में दिया गया धन फिर नहीं मिलता या फिर झगड़े ,विवाद ,मुकदमें आदि करने पर मजबूर करवा देता है ||
भाव --जब भी धन लेना हो या देना हो इन जानकारी के द्वारा लेन या देन या अपने पुरोहित जी से विचार विमर्श करके लें ||
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार ही मिलेगी ---रात्रि 8 - से -9 में -संपर्क सूत्र द्वारा --09897701636 ,09358885616
भौतिक आवश्यकता के कारण--लोग कर्ज लेने में संकोच नहीं करते ,तो सांसारिक लोलुपता के कारण कर्ज देने को लोग विह्वल {आतुर }भी बहुत रहते हैं | किन्तु सोच के अनुकून बात नहीं बनने पर लोग प्राण की परवाह भी नहीं करते हैं ---आइये हम ज्योतिष की कुछ सलाह देना चाहते हैं | जिससे कर्जदार लोग ऋणी न रहें ,साहूकार धन से पर्पूर्ण रहें ||
---------संक्रांति का दिन हो या मंगलवार का दिन हो ---वृद्धि योग ,हस्त नक्षत्र युक्त रविवार हो --तो उस दिन ऋण ले लेने से --ऋण जल्दी मुक्त नहीं हो पाता है | अर्थात --अनेक प्रकार की अडचनें सामने अवश्य आ जाती है ||
------मंगलवार के दिन यदि ऋण चुकाया जाये तो अति शुभ होता है | अर्थात -पुनः ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है |
---------बुधवार के दिन ऋण को देना नहीं चाहिए ,---कृतिका ,रोहिणी ,आर्द्रा,आश्लेषा उत्तरा फाल्गुनी,विशाखा ,ज्येष्ठा,मूल --इन नक्षत्रों में या --भद्रा ,व्यतिपात और अमावस में दिया गया धन फिर नहीं मिलता या फिर झगड़े ,विवाद ,मुकदमें आदि करने पर मजबूर करवा देता है ||
भाव --जब भी धन लेना हो या देना हो इन जानकारी के द्वारा लेन या देन या अपने पुरोहित जी से विचार विमर्श करके लें ||
भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश }
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सोमवार, मई 28, 2012
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