शनैश्चरी- मावस{शनिवार की अमावस }
"दुर्भिक्षं रौरवं घोरं महादुखम च महद्भयं ||
यूँ तो जीवन में सुख की अल्प अनुभूति होती है | {केवल मन को }जो कर्म योगी होते हैं ,वो केवल कर्म के प्रति सजग रहते हैं ,किन्तु इनकी संख्या अल्प ही होतीं है | शनि का तुला राशि में जब से आगमन हुआ है ,शनि का पहला प्रहार चंद्रमा पर हुआ {चन्द्र ग्रहण }जिसका प्रभाव -रस सम्बन्धी चीजों पर देखने को मिलेगा २०१२ में | दूसरा प्रहार -अमावस पर है २४-१२-२०११ को जो सभी के ऊपर होगा ||
---काहे पंडित पढि -पढि मरौ |
जेठा विशाखा पुरवासाढ ||
झूरा जानोऊ बहिरे ठाड़ ||
सभी को पुन्य करने चाहिए ,धार्मिक उपायों का सहारा लेना चाहिए ||
भवदीय -झा शास्त्री {मेरठ }
यदुवंश गंगा {पत्रकार }
ज्योतिष सेवा {निःशुल्क }प्राप्त करें रात्रि ८ से९ {मित्र बनकर }
सम्पर्कसूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616
"दुर्भिक्षं रौरवं घोरं महादुखम च महद्भयं ||
यूँ तो जीवन में सुख की अल्प अनुभूति होती है | {केवल मन को }जो कर्म योगी होते हैं ,वो केवल कर्म के प्रति सजग रहते हैं ,किन्तु इनकी संख्या अल्प ही होतीं है | शनि का तुला राशि में जब से आगमन हुआ है ,शनि का पहला प्रहार चंद्रमा पर हुआ {चन्द्र ग्रहण }जिसका प्रभाव -रस सम्बन्धी चीजों पर देखने को मिलेगा २०१२ में | दूसरा प्रहार -अमावस पर है २४-१२-२०११ को जो सभी के ऊपर होगा ||
---काहे पंडित पढि -पढि मरौ |
जेठा विशाखा पुरवासाढ ||
झूरा जानोऊ बहिरे ठाड़ ||
सभी को पुन्य करने चाहिए ,धार्मिक उपायों का सहारा लेना चाहिए ||
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यदुवंश गंगा {पत्रकार }
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शनैश्चरी- मावस{शनिवार की अमावस }
"दुर्भिक्षं रौरवं घोरं महादुखम च महद्भयं ||
यूँ तो जीवन में सुख की अल्प अनुभूति होती है | {केवल मन को }जो कर्म योगी होते हैं ,वो केवल कर्म के प्रति सजग रहते हैं ,किन्तु इनकी संख्या अल्प ही होतीं है | शनि का तुला राशि में जब से आगमन हुआ है ,शनि का पहला प्रहार चंद्रमा पर हुआ {चन्द्र ग्रहण }जिसका प्रभाव -रस सम्बन्धी चीजों पर देखने को मिलेगा २०१२ में | दूसरा प्रहार -अमावस पर है २४-१२-२०११ को जो सभी के ऊपर होगा ||
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