ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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बुधवार, 21 दिसंबर 2011

शनैश्चरी- मावस{शनिवार की अमावस }

    शनैश्चरी- मावस{शनिवार की अमावस } 
"दुर्भिक्षं रौरवं  घोरं महादुखम च महद्भयं ||
        यूँ तो जीवन में सुख की अल्प अनुभूति होती है | {केवल मन को }जो कर्म योगी होते हैं ,वो केवल कर्म के प्रति सजग रहते हैं ,किन्तु इनकी संख्या अल्प ही होतीं है | शनि का तुला राशि में जब से आगमन हुआ है ,शनि का पहला प्रहार चंद्रमा पर हुआ {चन्द्र ग्रहण }जिसका प्रभाव -रस सम्बन्धी चीजों पर देखने को मिलेगा २०१२ में | दूसरा प्रहार -अमावस पर है २४-१२-२०११ को जो सभी के ऊपर होगा ||
    ---काहे पंडित पढि -पढि मरौ |
         जेठा विशाखा पुरवासाढ ||
           झूरा जानोऊ बहिरे ठाड़ ||
सभी को पुन्य करने चाहिए ,धार्मिक उपायों का सहारा लेना चाहिए ||
    भवदीय -झा शास्त्री {मेरठ }
         यदुवंश गंगा {पत्रकार }
   ज्योतिष सेवा {निःशुल्क }प्राप्त करें रात्रि ८ से९ {मित्र बनकर }
      सम्पर्कसूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616    

1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

शनैश्चरी- मावस{शनिवार की अमावस }

"दुर्भिक्षं रौरवं घोरं महादुखम च महद्भयं ||

यूँ तो जीवन में सुख की अल्प अनुभूति होती है | {केवल मन को }जो कर्म योगी होते हैं ,वो केवल कर्म के प्रति सजग रहते हैं ,किन्तु इनकी संख्या अल्प ही होतीं है | शनि का तुला राशि में जब से आगमन हुआ है ,शनि का पहला प्रहार चंद्रमा पर हुआ {चन्द्र ग्रहण }जिसका प्रभाव -रस सम्बन्धी चीजों पर देखने को मिलेगा २०१२ में | दूसरा प्रहार -अमावस पर है २४-१२-२०११ को जो सभी के ऊपर होगा ||

---काहे पंडित पढि -पढि मरौ |

जेठा विशाखा पुरवासाढ ||

झूरा जानोऊ बहिरे ठाड़ ||

सभी को पुन्य करने चाहिए ,धार्मिक उपायों का सहारा लेना चाहिए ||

भवदीय -झा शास्त्री {मेरठ }

यदुवंश गंगा {पत्रकार }

ज्योतिष सेवा {निःशुल्क }प्राप्त करें रात्रि ८ से९ {मित्र बनकर }

सम्पर्कसूत्र -०९८९७७०१६३६,09358885616