"मकरसंक्रांति कब मनायें?१४ या १५ -ज्योतिष विचार -प्रवाह |"
१४-जनवरी २०१२ माघ कृष पंचमी शनिवार की रात्रि में "सूर्य भगवान" रात्रि १२.५७पर मकर राशि में प्रवेश करेंगें | आधे रात्रि के बाद संक्रांति लगने से पुण्यकाल {धार्मिक विचार से अगले दिन }अगले दिन मनाना चाहिए |
शास्त्रों - के मत=
रात्रों तू प्रदोषे निशीथे व मकर संक्रमे माधव मते द्वितीय दिने एव पुण्यम |
के अनुसार दिनांक =१५-०१-२०१२ जनवरी - रविवार में मकर संक्रांति के स्नान दानादि का पुन्य फल मिलेगा ||
दान के सम्बन्ध में "हेमाद्री एवं विष्णुधर्मोत्तर "में - ये बात कही गयी है?
धेनुम तिलमयी राजन दद्याश्च उत्त्रायने |
सर्वान,कामान,वाप्नोति विन्दते परमं सुखम |
उत्तरे त्व्येना विप्रा वस्त्रदानं महाफलं | तिल्पूर्ण मनद्वाहम दत्वा रोगैह प्रमुच्यते ||
अर्थात -तिल के साथ गाय का दान उत्तरायण में करने से,सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं ,एवं सुख की प्राप्ति होती है | यदि आप उत्तरायण संक्रांति में वस्त्र दान करते हैं -तो बहुत बड़ा पुन्य मिलता है | तिल का मिष्टान किसी विशेष पात्र में दान करते हैं -तो आप सोग से मुक्त हो सकते हैं ||
भवदीय "झा शास्त्री "
१४-जनवरी २०१२ माघ कृष पंचमी शनिवार की रात्रि में "सूर्य भगवान" रात्रि १२.५७पर मकर राशि में प्रवेश करेंगें | आधे रात्रि के बाद संक्रांति लगने से पुण्यकाल {धार्मिक विचार से अगले दिन }अगले दिन मनाना चाहिए |
शास्त्रों - के मत=
रात्रों तू प्रदोषे निशीथे व मकर संक्रमे माधव मते द्वितीय दिने एव पुण्यम |
के अनुसार दिनांक =१५-०१-२०१२ जनवरी - रविवार में मकर संक्रांति के स्नान दानादि का पुन्य फल मिलेगा ||
दान के सम्बन्ध में "हेमाद्री एवं विष्णुधर्मोत्तर "में - ये बात कही गयी है?
धेनुम तिलमयी राजन दद्याश्च उत्त्रायने |
सर्वान,कामान,वाप्नोति विन्दते परमं सुखम |
उत्तरे त्व्येना विप्रा वस्त्रदानं महाफलं | तिल्पूर्ण मनद्वाहम दत्वा रोगैह प्रमुच्यते ||
अर्थात -तिल के साथ गाय का दान उत्तरायण में करने से,सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं ,एवं सुख की प्राप्ति होती है | यदि आप उत्तरायण संक्रांति में वस्त्र दान करते हैं -तो बहुत बड़ा पुन्य मिलता है | तिल का मिष्टान किसी विशेष पात्र में दान करते हैं -तो आप सोग से मुक्त हो सकते हैं ||
भवदीय "झा शास्त्री "
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