ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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रविवार, 7 नवंबर 2010

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": ""सही "संपत्ति "संतोष" ही है""

jyotish seva sdan Nivedak "jha shastri": ""सही "संपत्ति "संतोष" ही है"": " ''सही 'संपत्ति 'संतोष' ही है'' सर्पाःपिवन्ति पवनं न च दुर्वलास्ते-सांप हवा पीकर रहते हैं ,किन्तु कभी भी दुर्वल नहीं होते है..."

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