ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ उत्तर प्रदेश }

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शनिवार, 23 अक्टूबर 2010

"कर्मकांड का निदान ,और हमारा समाधान"


                
  "कर्मकांड का निदान ,और हमारा समाधान"

     सत्यमव्रूयात=सदा सत्य बोलना चाहिए | -प्रियंव्रूयात =सदा प्रिय वचन बोलने चाहिए | न व्रूयात असत्य प्रियं = हम प्रिय तो बोलें किन्तु ,वो असत्य हो ,तो इस प्रकार की भी बात नहीं बोलनी चाहिए |-[राम -राम ]
A small Dot can Stop a Big Sentence.But.Few more Dots can Give a Continuity"Amazing But True. "Every Ending can be a New Begining",Have a great life.-Good Morning.

1 टिप्पणी:

ज्योतिष सेवा सदन { पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री "}{मेरठ } ने कहा…

"कर्मकांड का निदान ,और हमारा समाधान"


सत्यमव्रूयात=सदा सत्य बोलना चाहिए | -प्रियंव्रूयात =सदा प्रिय वचन बोलने चाहिए | न व्रूयात असत्य प्रियं = हम प्रिय तो बोलें किन्तु ,वो असत्य हो ,तो इस प्रकार की भी बात नहीं बोलनी चाहिए |-[राम -राम ]
A small Dot can Stop a Big Sentence.But.Few more Dots can Give a Continuity"Amazing But True. "Every Ending can be a New Begining",Have a great life.-Good Morning.