हमारे "नक्षत्र" और हमारे "पेड़ "?
--ग्रहों की शांति हेतु पूजा -पाठ ,यग्य हवं में विशेष प्रजाति के पल्लव {टहनी } पुष्प ,फूल ,फल ,काष्ट{समिधा }की आवश्यकता पड़ती है ,जो कि नवग्रह एवं नक्षत्रों से सम्बंधित पौधे ही दे सकते हैं ।पुराणों के अनुसार जिस नक्षत्र में गृह विद्यमान हो उस समय उस नक्षत्र सम्बन्धी पौधे का यत्नपूर्वक संरक्षण तथा पूजन से ग्रह की शांति होती है तथा जातक को मनोवांछित फल मिलता है ।।
क्यों न हमलोग --अपनी सुख समृधि के लिए - अपने -अपने नक्षत्रों के अनुसार पेड़ ,बगीचा ,बाटिका लगायें ?
नक्षत्र ---------------------पेड़ {१५}-स्वाती ------अर्जुन
{१}-अश्विनी ------कुचिला {१६}-विशाखा ---कटाई
{2}-भरणी---------आंवला {१७}-अनुराधा ---मौलश्री
{३}-कृतिका ----गूलर {१८}-ज्येष्ठा-----चीड़
{४}-रोहिणी ---जामुन [१९}-मूल ----साल
{५}-मृगशिरा ---खैर {२०}-पूर्वाषाढा---जलवेतस
[६}-आर्द्रा--------शीशम {२१}-उत्तराषाढा ----कटहल
{७}-पुनर्वसु ------बांस {२२}-अभिजित{ xxx}
{८}-पुष्य --------पीपल {23}-श्रवण ---मदार
{९}-आश्लेषा ---नागकेसर {२४}-शतभिषा ---कदम्ब
{१०}-मघा-----बरगद {२५}-पूर्वा भाद्रपद ----आम
{११}-पुर्वा फाल्गुनी-----ढ़ाक {२६}-उत्तरा भाद्रपद ----नीम
{१२}-उत्तरी फाल्गुनी ----पाकड़ {२७}--रेवती -----महुआ
{१३}-हस्त ----रीठा
{14}-चित्रा------वेळ
---नोट --उक्त नक्षत्रों के पौधे हैं जो आप --ग्रह जनित दोषों के निवारणार्थ सरलता से पौधे {रोप }लगा सकते हैं । ग्रह ,नक्षत्रों के पौधों का उल्लेख ,पौराणिक ज्योतिष ,आयुर्वेदिक ,तांत्रिक व् एनी ग्रंथों में मिलता है --इनमें से प्रमुख ग्रन्थ हैं --{१}-नारद पुराण{२}-ज्योतिष ग्रन्थ हैं --नारद संहिता {३}-आयुवेदिक ग्रन्थ --राज निघंट वृहत धू श्रुत नारायणी संहिता {४}-तांत्रिक ग्रन्थ -शारदा तिलक ,मन्त्रमहार्णव ,श्री विद्यार्नव तंत्र आदि {५} अन्य ग्रंथ---आनादाश्रम प्रकाशन ,वनस्पति ---अध्यात्म ,नक्षत्र वृक्ष आदि ।।
भवदीय --ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री }मेरठ उतर प्रदेश ।
ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से ९ सभी मित्रों के लिए ?
संपर्क सूत्र -09897701636 ,09358885616
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