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बुधवार, 21 मार्च 2012

"देश -विदेश-पाक्षिक ज्योतिष विचार -२३/०३/से०६/०४/२०१२तक?"

"देश -विदेश-पाक्षिक ज्योतिष विचार -२३/०३/से०६/०४/२०१२तक ?"
 "सुमिरि सारदा गजवदन,गुरु देवन शिर नाय ।
    "वत्सर " विश्वावसु  का फल लिख दो हरषाय ।।
----श्री विष्णुबीसी - के १९ वें विश्वावसु संवत की शुरुआत कन्या लग्न से हो रही है । ज्योतिष्कारों - के विचार पर एक नज़र--- मारिदक्षिणदेशेस्यात,तथा बंगेप्युप्द्र्वह ।
                     लोक दुखं पश्चिमायाम विग्रहोंन समर्घ्ता ||
भाव --देश-विदेश - के दक्षिण भागों में मरी पड़े अर्थात बहुत ही मारा- मारी होगी । बंगाल एवं वृष राशि के स्थान में नित नए-नए  उपद्रव ,दंगे -फसाद  होते रहेंगें ।पश्चिम - में भारी राजविग्रह होगा तथा मंहगाई वृद्धि से हो हल्ला मचेगा । -------२३/१२/२०१२ तक वृश्चिक का राहु सर्वत्र अशांति बनाएगा । राजा -शुक्र -का केतु  से संयोग विरोधी धर्म सम्प्रदायों में आपसी कलह का कारण बनेगा । पश्चिमी सीमाओं पर चौकसी बरतनी चाहिए ।देश में घुसपैठ दुःख का कारण बनेगी ।।
-------तेजी -मंदी विचार -बुध का राशि संचार गति परिवर्तन के कारण भावों में उतार -चढाव होने के साथ -साथ अनिश्चितता बनी रहेगी ।
--------वक्र चाल चलते हुए,बुध मार्गी हो जाय।
            सभी वस्तु व्यापार की ,एकदम पलटा खाय ।।
------अतः व्यापार सोच समझकर करें । वस्त्र ,शेयर ,सर्राफा ,श्रींगारसामग्री ,मशीनरी एवं धातुओं में तेजी संभव है ।-------आकाश -लक्षण -पक्ष के अन्दर -कहीं स्वच्छ तो कहीं हलकी वर्षा होगी ।
-----स्वास्थ - सर्द -गर्म के कारण रोग उत्पन्न होंगें ।।
-----भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
      पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {ज्योतिष एवं कर्मकांड विशेषग्य }
       संपर्क सूत्र -09897701636 ,09358885616

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