"होलिका दहन कब करें ? {मतों को जानें }
इस वर्ष फाल्गुनी पूर्णिमा ८ मार्च 2012 गुरूवार दिन में ३ बजकर ९ मिनट तक रहेगी, अर्थात निशामुख {प्रदोषकाल }से पहले समाप्त हो जाएगी ।।
------प्रदोष व्यापनी ग्राह्या पोर्णिमा फल्गिनी सदा ---इस "निर्णयसिन्धु" के वाक्य के अनुसार -"होलिका दहन "प्रदोषकाल में व्याप्त पूर्णिमा {समय }में ही होता है । तारीख -७ मार्च बुधवार के दिन चौदस सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी । अतः -उक्त दिन प्रदोष में पूर्णिमा रहेगी ----
इसलिए -इस वर्ष "होलिका दहन "७ मार्च 2012 बुधवार में सर्व मान्य रहेगी ।।
बुधवार में भद्रा की व्याप्ति अर्थात {भद्रा होना }"होलिका दहन " के लिए शुभ नहीं है ।----
------भाद्रायाम दिपिता होली राष्ट्र भंग करोति वै ।
नगरस्य च नैवेष्ता तस्माताम परिवर्ज्येत ।।
--भाव -भद्रा में "होली " जलाने पर--राष्ट्र ,महानगर ,एवं ग्राम विशेष की हानी होती है ।
--- ध्यान रखें - होलिका दहन वाले दिन बुधवार की रात्रि में भद्रा तो ४ बजकर ३१ मिनट तक रहेगी ,तो क्या तब तक होलिका दहन नहीं होगा ?--इसका निदान श्री नारद के वचन से -निर्णयसिन्धु एवं धर्मसिंधु कार ने किया है--
---- तस्यां भद्रा मुखं त्यक्त्वा पूज्या होला निशामुखे ।
प्रदोष व्यापनी चेत्स्यात तदा पूर्वदिने तदा ।
भद्रा मुखं वर्जयित्वा होलिकयाह प्रदीपनम ।।----
---के अनुसार भद्रा का मुखकाल बुधवार की रात्रि २१-०४ से २२-51 बजे तक के समय को chhodkar होलिका दहन सभी के लिए शुभ रहेगा । तिथि के पूर्वार्ध की भद्रा रात्रि में शुभ होती है ।
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से९ एकबार अवश्य मिलेगी ।
संपर्क सूत्र -09897701636 ,09358885616
इस वर्ष फाल्गुनी पूर्णिमा ८ मार्च 2012 गुरूवार दिन में ३ बजकर ९ मिनट तक रहेगी, अर्थात निशामुख {प्रदोषकाल }से पहले समाप्त हो जाएगी ।।
------प्रदोष व्यापनी ग्राह्या पोर्णिमा फल्गिनी सदा ---इस "निर्णयसिन्धु" के वाक्य के अनुसार -"होलिका दहन "प्रदोषकाल में व्याप्त पूर्णिमा {समय }में ही होता है । तारीख -७ मार्च बुधवार के दिन चौदस सूर्यास्त से पहले ही समाप्त हो जाएगी । अतः -उक्त दिन प्रदोष में पूर्णिमा रहेगी ----
इसलिए -इस वर्ष "होलिका दहन "७ मार्च 2012 बुधवार में सर्व मान्य रहेगी ।।
बुधवार में भद्रा की व्याप्ति अर्थात {भद्रा होना }"होलिका दहन " के लिए शुभ नहीं है ।----
------भाद्रायाम दिपिता होली राष्ट्र भंग करोति वै ।
नगरस्य च नैवेष्ता तस्माताम परिवर्ज्येत ।।
--भाव -भद्रा में "होली " जलाने पर--राष्ट्र ,महानगर ,एवं ग्राम विशेष की हानी होती है ।
--- ध्यान रखें - होलिका दहन वाले दिन बुधवार की रात्रि में भद्रा तो ४ बजकर ३१ मिनट तक रहेगी ,तो क्या तब तक होलिका दहन नहीं होगा ?--इसका निदान श्री नारद के वचन से -निर्णयसिन्धु एवं धर्मसिंधु कार ने किया है--
---- तस्यां भद्रा मुखं त्यक्त्वा पूज्या होला निशामुखे ।
प्रदोष व्यापनी चेत्स्यात तदा पूर्वदिने तदा ।
भद्रा मुखं वर्जयित्वा होलिकयाह प्रदीपनम ।।----
---के अनुसार भद्रा का मुखकाल बुधवार की रात्रि २१-०४ से २२-51 बजे तक के समय को chhodkar होलिका दहन सभी के लिए शुभ रहेगा । तिथि के पूर्वार्ध की भद्रा रात्रि में शुभ होती है ।
भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से९ एकबार अवश्य मिलेगी ।
संपर्क सूत्र -09897701636 ,09358885616
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